अमृतसर में अकाली दल पार्षद की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या, तीन हमलावरों की हुई पहचान

पंजाब के अमृतसर के छेहरथा इलाके में रविवार को दिनदहाड़े शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के पार्षद हरजिंदर सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई. यह वारदात जंडियाला विधानसभा क्षेत्र के वार्ड नंबर 2 के अंतर्गत हुई, जहां हरजिंदर सिंह पर 3-4 हमलावरों ने अचानक घेर कर गोलीबारी शुरू कर दी.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

aajtak.in

  • अमृतसर,
  • 26 मई 2025,
  • अपडेटेड 8:24 PM IST

पंजाब के अमृतसर के छेहरथा इलाके में रविवार को दिनदहाड़े शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के पार्षद हरजिंदर सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई. यह वारदात जंडियाला विधानसभा क्षेत्र के वार्ड नंबर 2 के अंतर्गत हुई, जहां हरजिंदर सिंह पर 3-4 हमलावरों ने अचानक घेर कर गोलीबारी शुरू कर दी. घायल अवस्था में उन्हें नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

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एडीसीपी हरपाल सिंह रंधावा ने बताया कि पुलिस ने तीन हमलावरों की पहचान कर ली है. इनके नाम गोपी, अमित और करण किरा हैं. तीनों जंडियाला गुरु इलाके के निवासी बताए जा रहे हैं. हत्याकांड में इस्तेमाल वाहन की भी पहचान हो चुकी है. बहुत जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. सरेराह हुई इस जघन्य और सनसनीखेज वारदात ने पंजाब की राजनीति को भी गरमा दिया है.

शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने इस हत्या की तीखी निंदा करते हुए आम आदमी पार्टी की सरकार पर सीधा हमला बोला. उन्होंने कहा, "अमृतसर जिले में हमारे पार्षद की हत्या ने राज्य की कानून-व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है." उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले भी हरजिंदर सिंह के घर पर फायरिंग की गई थी, लेकिन पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया.

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शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने दावा किया कि हरजिंदर सिंह को लगातार धमकी भरे कॉल आ रहे थे, जिसकी सूचना उन्होंने पुलिस को दी थी, लेकिन सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई. पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने भी इस वारदात को निर्मम हत्या करार देते हुए सोशल मीडिया पर दुख जताया. उन्होंने भी राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए.

उन्होंने आरोप लगाया कि या तो अपराधियों को कानून का डर नहीं है या फिर उन्हें सत्ता का संरक्षण प्राप्त है. आम आदमी पार्टी की सरकार पंजाब को अराजकता की ओर धकेल रही है. हत्या की यह वारदात न सिर्फ पंजाब में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को उजागर करती है, बल्कि राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की नई जंग भी छेड़ चुकी है. फिलहाल सबकी निगाहें पुलिस पर टिकी हैं.

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