संभल में जामा मस्जिद के पास बन रही नई पुलिस चौकी की जमीन किसकी? सामने आए लोगों के दावे

संभल में शाही जामा मस्जिद एक पुलिस चौकी का निर्माण शुरू हो गया है. इसके लिए शनिवार को पूरे विधि विधान के साथ पूजा की गई है. पंडित जी विधिवित पूजापाठ कराई है, जिसमें पुलिस वाले जजमान बने. लेकिन इसी बीच उस जमीन को लेकर विवाद शुरू हो गया, जहां पुलिस चौकी का निर्माण किया जा रहा है.

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उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद एक पुलिस चौकी का निर्माण शुरू हो गया है. उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद एक पुलिस चौकी का निर्माण शुरू हो गया है.

aajtak.in

  • संभल,
  • 28 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:29 PM IST

यूपी के संभल में शाही जामा मस्जिद एक पुलिस चौकी का निर्माण शुरू हो गया है. इसके लिए शनिवार को पूरे विधि विधान के साथ पूजा की गई है. पंडित जी विधिवत पूजापाठ कराई है, जिसमें पुलिस वाले जजमान बने. लेकिन इसी बीच उस जमीन को लेकर विवाद शुरू हो गया, जहां पुलिस चौकी का निर्माण किया जा रहा है. कई लोग अपने साथ दस्तावेज लेकर आए और कहने लगे कि ये जमीन उनकी है. लेकिन रिकार्ड में जमीन सरकारी निकली है. 

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जानकारी के मुताबिक, शाही जामा मस्जिद के ठीक बाहर कुछ कदम की दूरी पर एक बड़ी पुलिस चौकी का शनिवार को निर्माण शुरू हो गया. पुलिस की भारी तैनाती के बीच शांति के साथ पुलिस चौकी के लिए भूमि पूजन किया गया. खुद पुलिस के अफसर भूमि पूजन में बतौर यजमान मौजूद थे. पहले नींव खोदी गई और फिर पंडित ने पूजा करवाई. पुलिस के अफसरों ने ही सारी पूजा पाठ किया है. आचार्य पंडित शोभित शास्त्री ने पूजा कराई है.

इससे पहले शुक्रवार को काफी गहमाहमी थी. उस वक्त पुलिस चौकी के लिए नींव की खुदाई का काम शुरू किया गया था. काफी तादाद में लोग मौके पर जमा हुए थे. कई लोगों ने दस्तावेज दिखाकर जमीन पर दावेदारी भी की थी. लोग पुलिस के अफसरों को अपनी जमीन के कागज दिखाते नजर आए, लेकिन पुलिस ने रेवेन्यू महकमे के रिकार्ड का हवाला देकर उनको रोक दिया. उन्हें बताया कि ये सरकारी जमीन है. हालांकि, लोग निराश नजर आए. 

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इस नई पुलिस चौकी का नाम "सत्यव्रत" रखा गया है, क्योंकि सतयुग में संभल का नाम "सत्यव्रत" था. संभल के एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई और एएसपी श्रीशचंद्र ने चौकी बनाने का फैसला किया था. मैदान में खुदाई का काम शुरू होते ही जामा मस्जिद के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई. एएसपी श्रीशचंद्र के मुताबिक जामा मस्जिद के सामने संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस चौकी बनाई जा रही है. इससे इलाके में शांति व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलेगी.

इससे पहले संभल के पास ही चंदौसी में एक बावड़ी मिली है, जिसको जमीन में दफन कर दिया गया था. उसके ऊपर एक मैदान बन गया था. उसका नामों निशान मिटा दिया गया था, लेकिन अब ये बावड़ी जिंदा हो रही है. आहिस्ता आहिस्ता उसका इतिहास जमीन से निकल रहा है. पहले विशाल दरवाजे दिखे फिर खुदाई के बाद एक एक करके पुरातत्व का ये स्मारक झांकने लगा. अब बावड़ी वाले मैदान के दूसरी तरफ से भी खुदाई शुरू कर दी गई है. 

बाबड़ी की खुदाई की जगह पर दूसरी बार एएसआई की टीम पहुंची और फीता डालकर उसकी जांच की गई. बाबड़ी की खुदाई को आज 8वां दिन है. बाबड़ी की पहली मंजिल तक खुदाई हो चुकी है. एसएसआई ने बुलडोजर से बाबड़ी के ऊपर का अतिकरण हटाया. लेजर लाइट से पता किया कि रोड के नीचे बावड़ी है. फीते से बाबड़ी की लम्बाई चौड़ाई भी नापी गई. प्रशासन ने बाबड़ी के चारो तरफ सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए हैं.

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बताते चलें कि संभल में बीते 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान भड़की हिंसा को लेकर प्रशासन ने फैसला लिया था कि मस्जिद के सामने खाली पड़े मैदान में नई पुलिस चौकी बनाई जाएगी. इसको लेकर जगह चिह्नित की गई थी. एडिशनल एसपी और सीओ श्रीचंद्र ने इस जगह की नपाई कराई थी. संभल के एडिशनल एसपी श्रीचंद्र ने कहा था कि सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस चौकी बनाने का फैसला किया गया है. 

एआईएमआईएम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि संभल की जामा मस्जिद के सामने पुलिस चौकी बनाई जा रही है. मुल्क के किसी भी कोने में चले जाइए, वहां की सरकार न तो स्कूल खुलवाती है, न अस्पताल. यदि कुछ बनाया जाता है तो वो है पुलिस चौकी और शराब खाने. सरकार के पास किसी और चीज के लिए पैसे नहीं होते, बस पुलिस चौकी और शराब खाने के लिए पैसे होते हैं. मुस्लिम इलाकों में सरकारी सुविधाएं कम नजर आती हैं.
 

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