राजस्थान के उदयपुर में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी मुहीम चल रही है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने मंगलवार को एक निजी व्यक्ति को 3.5 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया. हैरानी की बात यह है कि यह रिश्वत उदयपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) हितेश मेहता के नाम पर मांगी गई थी.
एसीबी के एक अधिकारी के मुताबिक, आरोपी की पहचान शांतिलाल सोनी के रूप में हुई है. उस पर आरोप है कि उसने एक शिकायतकर्ता से बकाया वसूली और BMW कार से जुड़े मामले को निपटाने में मदद का झांसा देकर 3.5 लाख रुपए की रिश्वत ली. शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने अपनी BMW कार किसी को बेची थी.
खरीदार ने पूरा भुगतान नहीं किया. इस मामले में उसने उदयपुर में पुलिस शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद आरोपी शांतिलाल सोनी ने खुद को ASP हितेश मेहता का नजदीकी बताकर मामले को सुलझाने और बकाया रकम दिलाने का वादा किया. इसके बदले में उसने मोटी रकम मांगी. जानकारी मिलते ही एसीबी ने टीम गठित किया.
इसके बाद एसीबी की विशेष टीम ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. तयशुदा योजना के तहत आरोपी को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया गया. एसीबी की अतिरिक्त निदेशक स्मिता श्रीवास्तव ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि आरोपी शांतिलाल सोनी से गहन पूछताछ की जा रही है. ASP हितेश मेहता की भूमिका भी जांच के दायरे में है.
उन्होंने आगे कहा है कि इस मामले की स्वतंत्र और विस्तृत जांच की जाएगी ताकि पूरे नेटवर्क और जिम्मेदारी का खुलासा हो सके. यदि ASP हितेश मेहता की भूमिका सामने आती है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस घटनाक्रम के बाद उदयपुर पुलिस महकमे में खलबली मची है. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.
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