गैंगस्टर से आतंकवादी बने अर्श डाला के करीबी सहयोगी को गुजरात से गिरफ्तार किया गया है. पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने बताया कि लविश कुमार को गुजरात पुलिस की मदद से अहमदाबाद से आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. वो विदेश में रहने वाले गैंगस्टर अर्श डल्ला और जिंदी मेहंदीपुरिया (मारे गए आतंकवादी तेजा मेहंदीपुरिया का भाई) का करीबी सहयोगी है.
डीजीपी ने कहा, "पकड़े गए बदमाश की पहचान लविश कुमार के रूप में हुई है. प्रारंभिक जांच से पता चला है कि वो अर्श डाला के सीधे निर्देशों के तहत काम कर रहा था. पीड़ितों को डराने के लिए गोलीबारी करने सहित जबरन वसूली में शामिल था. उसके खिलाफ हत्या, जबरन वसूली और अन्य गंभीर अपराधों के कई मामले दर्ज हैं. पंजाब पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश थी.''
उन्होंने आगे बताया कि लविश कुमार ने एक शराब ठेकेदार की रेकी की थी, जिसके बाद उससे 50 लाख रुपए की रंगदारी मांगी थी. वो विदेश में बैठे आतंकी हैंडलरों के साथ लगातार संपर्क में था. पंजाब में एक सनसनीखेज अपराध को अंजाम देने की तैयारी कर रहा था. यह गिरफ्तारी अंतरराष्ट्रीय संबंधों वाले आतंकवादी-गैंगस्टर नेटवर्क के खिलाफ चल रहे अभियान में एक महत्वपूर्ण कदम है.
बताते चलें कि पिछले साल नवंबर में कनाडा के ओंटोरियो में एक शूटआउट के बाद खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डाला को किया गया था. खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या के बाद अर्श डाला ही आतंकी संगठन टाइगर फोर्स को लीड कर रहा था. निज्जर के साथ मिलकर उसने अपने स्लीपर सेल नेटवर्क से पंजाब में टारगेट किलिंग की कई वारदातों को अंजाम दिलवाया था.
एक समय कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और अर्श डाला जिगरी यार हुआ करते थे. लेकिन अब दोनों के बीच बहुत गहरी दुश्मनी हो चुकी है. दोनों का गैंग एक-दूसरे के खून का प्यासा है. लेकिन कनाडा में लॉरेंस बिश्नोई गैंग की मजबूत स्थिति को देखते हुए अर्श डाला की जान को खतरा बढ़ गया था. अर्शदीप सिंह पंजाब के मोगा के डाला गांव का रहने वाला है. वो पहले चोरी जैसे वारदात करता था.
हालांकि, धीरे-धीरे उसने रंगदारी मांगने का काम शुरू कर दिया. इस दौरान लोगों डराने के लिए उन पर जानलेवा हमला करना उसके लिए बहुत छोटी बात हो गई. साल 2018 के बाद वो जरायम की दुनिया में बहुत तेजी से आगे बढ़ने लगा. इसी दौरान उसकी करतूतों पर लॉरेंस बिश्नोई गैंग की नजर पड़ी. लॉरेंस बिश्नोई गैंग की मॉडस ऑपरेंडी अर्श डाला के काम करने की शैली से बहुत मेल खा रही थी.
ऐसे में लॉरेंस के दोस्त गोल्डी बराड़ ने उससे संपर्क किया. उसे पैसे का लालच देकर काम कराना शुरू कर दिया. उसके इशारे पर अर्श ने पंजाब में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देना शुरू कर दिया. वो रंगदारी मांगने से लेकर लोगों की हत्या करने तक का काम करता था. बहुत जल्द पूरे पंजाब में उसका खौफ हो गया. इधर, कनाडा में बैठे खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर को भी गुर्गों की तलाश थी.
उसने भी अर्श डाला से संपर्क किया. उसकी बातों में आने के बाद अर्श ने अब उसके लिए काम करना शुरू कर दिया. इसी बीच गुनाहों की फेहरिस्त बढ़ने के साथ पुलिस का दबाव भी बढ़ने लगा. पुलिस उसकी गिरफ्तारी की कोशिश करने लगी. यही वजह है कि वो साल 2020 में कनाडा भाग गया. उसके पास 1 सितंबर, 2017 को जारी किया गया पासपोर्ट है, जो 31 अगस्त, 2027 तक वैध है.
वो सरे, ब्रिटिश कोलंबिया, कनाडा में रह रहा था, जहां कभी निज्जर भी रहा करता था. कनाडा जाने के बाद अर्श डाला पहले खालिस्तानी आतंकियों के लिए काम किया, उसके बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में आ गया. इस दौरान वो लश्कर-ए-तैयबा के आकाओं से भी मिला. इस तरह आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने वाला अर्श डाला अब आतंकवादी बन चुका था.
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