पंजाब में आतंकी अर्श डाला के दो गुर्गे गिरफ्तार, टारगेट किलिंग की बड़ी साजिश नाकाम

पंजाब पुलिस ने कनाडा स्थित आतंकवादी अर्श डाला द्वारा रची गई एक सनसनीखेज हत्या की साजिश को नाकाम कर दिया है. इस ऑपरेशन में पुलिस ने अर्श डाला के दो खास गुर्गों को गिरफ्तार किया है. उनके पास से हथियार और कारतूस भी बरामद किए गए हैं, जिसमें पुलिस ने तुर्की में निर्मित एक जिगाना .30 बोर पिस्तौल और 9 जिंदा कारतूस शामिल हैं.

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आतंकवादी अर्श डाला द्वारा रची गई एक सनसनीखेज हत्या की साजिश नाकाम. आतंकवादी अर्श डाला द्वारा रची गई एक सनसनीखेज हत्या की साजिश नाकाम.

aajtak.in

  • चंडीगढ़,
  • 15 जून 2025,
  • अपडेटेड 4:58 PM IST

पंजाब पुलिस ने कनाडा स्थित आतंकवादी अर्श डाला द्वारा रची गई एक सनसनीखेज हत्या की साजिश को नाकाम कर दिया है. इस ऑपरेशन में पुलिस ने अर्श डाला के दो खास गुर्गों को गिरफ्तार किया है. उनके पास से हथियार और कारतूस भी बरामद किए गए हैं, जिसमें पुलिस ने तुर्की में निर्मित एक जिगाना .30 बोर पिस्तौल और 9 जिंदा कारतूस शामिल हैं. पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है.

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पंजाब पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने बताया कि राज्य विशेष अभियान प्रकोष्ठ (एसएसओसी) पंजाब ने खुफिया जानकारी के आधार पर यह ऑपरेशन चलाया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "एक बड़ी सफलता में एसएसओसी ने कनाडा स्थित आतंकी अर्श डाला द्वारा रची गई हत्या की साजिश को नाकाम कर दिया. उसके दो गुर्गों धर्मकोट निवासी कवलजीत सिंह और बद्दूवाल निवासी नवदीप सिंह उर्फ हानी को गिरफ्तार कर लिया." इस ऑपरेशन ने एक टारगेट किलिंग मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है. 

डीजीपी ने बताया कि कवलजीत सिंह और नवदीप सिंह आतंकवादी अर्श डाला के निर्देश पर वारदात को अंजाम दे रहे थे. पुलिस जांच में पता चला है कि ये दोनों प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्यों और जबरन वसूली के लक्ष्यों को निशाना बनाने की योजना बना रहे थे. पुलिस ने तुर्की में निर्मित एक जिगाना .30 बोर पिस्तौल और 9 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं. पुलिस आरोपियों से पूछताछ करके पूरी साजिश का पता कर रही है.

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बताते चलें कि अर्श डाला का असली नाम अर्शदीप सिंह गिल है. वो भारत का मोस्ट वांटेड आतंकवादी और गैंगस्टर है. यहां से फरार होने के बाद कनाडा में रहते हुए आतंकी और आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहा है. इतना ही नहीं वो खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का प्रमुख सदस्य है. 50 से अधिक आपराधिक मामलों में वांछित है. इनमें हत्या, जबरन वसूली और आतंकवाद जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं. 

भारत सरकार ने जनवरी 2023 में उसे आतंकवादी घोषित किया था. उसके खिलाफ मई 2022 में रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया था. अर्श डाला का आपराधिक नेटवर्क न केवल भारत तक सीमित है, बल्कि यह कनाडा, अमेरिका, दुबई, यूरोप, फिलीपींस, थाईलैंड और पाकिस्तान तक फैला हुआ है. वो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से अपने मॉड्यूल को संचालित करता है.

पिछले साल नवंबर में कनाडा के ओंटोरियो में एक शूटआउट के बाद अर्श डाला को गिरफ्तार किया गया था. वो खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या के बाद आतंकी संगठन टाइगर फोर्स को लीड कर रहा था. निज्जर के साथ मिलकर उसने अपने स्लीपर सेल नेटवर्क से पंजाब में टारगेट किलिंग की कई वारदातों को अंजाम दिलवाया था. हालांकि, धीरे-धीरे उसने रंगदारी मांगने का काम शुरू कर दिया था. 

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अर्श डाला साल 2018 के बाद अपराध की दुनिया में बहुत तेजी से आगे बढ़ने लगा. इसी दौरान उस पर लॉरेंस बिश्नोई गैंग की नजर पड़ी. दोनों की मॉडस ऑपरेंडी एक जैसी थी. ऐसे में लॉरेंस के दोस्त गोल्डी बराड़ ने उससे संपर्क किया. उसे पैसे का लालच देकर काम कराना शुरू कर दिया. उसके इशारे पर अर्श ने पंजाब में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देना शुरू कर दिया. 

पूरे पंजाब में उसका खौफ हो गया. खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर ने भी उससे संपर्क किया. इसके बाद निज्जर और डाला एक साथ काम करने लगे. साल 2020 में डाला कनाडा चला गया. उसके पास 1 सितंबर, 2017 को जारी किया गया पासपोर्ट है, जो 31 अगस्त, 2027 तक वैध है. वो सरे, ब्रिटिश कोलंबिया, कनाडा में रह रहा था, जहां कभी निज्जर भी रहा करता था. 

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