हरियाणा के पंचकूला में 27 मई की शाम एक कार से जो मंजर सामने आया, उसने हर किसी को सन्न कर दिया. पंचकूला शहर के सेक्टर 27 की खाली ज़मीन के पास खड़ी एक कार के भीतर एक ही परिवार के 7 लोग मृत पाए गए. यह आत्महत्या का मामला प्रतीत हो रहा है, जिसमें तीन पीढ़ियों की जान चली गई. पुलिस अब इस सामूहिक मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए परिवार के बैंक लेन-देन और कर्ज की परतें खोलने में जुटी है. इस मामले की जांच के लिए पुलिस की कई टीमें लगाई गई हैं.
मृतकों की पहचान 41 वर्षीय प्रवीण मित्तल, उनकी पत्नी रीना (40), बेटा हार्दिक (13), जुड़वां बेटियां ध्रुवी और दलीशा (11), बुजुर्ग माता-पिता देसराज (70) और विमला (68) के रूप में हुई है. पुलिस को कार के भीतर जहर खाने के संकेत मिले हैं. सभी के विसरा सैंपल फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं. पंचकूला पुलिस की डीसीपी हिमाद्री कौशिक ने बताया कि प्रथम दृष्टया ये मामला आत्महत्या का लग रहा है. हालांकि, सभी पहलुओं को देखते हुए इस केस की विस्तृत जांच की जारी है.
इस घटना की सूचना सबसे पहले एक स्थानीय युवक पुनीत राणा ने दी, जिसने संयोग से मौके पर खड़ी देहरादून नंबर की एक कार देखी. कार के पास पहुंचकर उसने जब प्रवीण मित्तल को हिलता देखा. उस वक्त उनकी सांसें चल रही थीं. उन्होंने बेहद कमजोर आवाज में कहा, ''हम सब कर्ज में हैं. सभी ने जहर खा लिया है. मैं भी अब पांच मिनट में मर जाऊंगा.'' इसके बाद कुछ ही देर में उन्होंने दम तोड़ दिया. पुलिस को कार के ग्लव बॉक्स और एक बैग में रखी नोटबुक से दो सुसाइड नोट मिले हैं.
डीसीपी (क्राइम) अमित दहिया ने बताया कि सुसाइट नोट में परिवार की आर्थिक बदहाली और बार-बार व्यापार में असफलता की बात लिखी गई है. प्रवीण मित्तल ने 15 साल पहले व्यापार में भारी नुकसान उठाया था. उसके बाद टूर, ट्रैवल और टैक्सी कारोबार शुरू किया, लेकिन वो भी डूब गया. जांच से पता चला है कि उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में बैंक, रिश्तेदारों और निजी साहूकारों से मोटा कर्ज लिया था. लेकिन कमाई न होने के कारण ब्याज भी नहीं चुका पा रहे थे. परिवार पर संपत्ति बिकने का दबाव था.
पुलिस अब प्रवीण मित्तल के बैंक स्टेटमेंट, लोन रिकॉर्ड, कॉल डिटेल और व्यापारिक सौदों की बारीकी से जांच कर रही है. जांच अधिकारी का कहना है कि आत्महत्या को मजबूर करने वालों की भी अदालत में जवाबदेही तय की जा सकती है. बताया जा रहा है कि प्रवीण पूरे परिवार के साथ बाबा बागेश्वर धाम की कथा सुनने के लिए गए थे. वहां से वापस लौटते वक्त उन्होंने कार में ही जहर खा कर खुदकुशी करने का फैसला कर लिया. वो पहले देहरादून में ही रहते थे, लेकिन कुछ दिनों पहले पंचकूला आए थे.
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