महाराष्ट्र के पालघर जिले में रहने वाले 32 वर्षीय बाबू विठ्ठल करांडे ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. खुदकुशी से पहले उसने एक वीडियो संदेश रिकॉर्ड किया था. इसमें पत्नी, ससुरालवालों और अपने पिता को अपने तनाव और मौत का जिम्मेदार बताया है. इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
जानकारी के अनुसार, बाबू विठ्ठल करांडे पालघर के नायगांव इलाके के पारसनाथ नगर में अपने परिवार के साथ रहते थे. 25 सितंबर को जब उनका परिवार घर से बाहर गया हुआ था, तभी उसने यह कदम उठा लिया. उसी दिन शाम को उनकी मां जब घर लौटी तो अपने बेटे को पंखे से लटका देख चीख पड़ी. उनकी आवाज सुनकर पड़ोस के लोग भी इकट्ठा हो गए. इसके बाद किसी ने तत्काल स्थानीय पुलिस को सूचना दी.
इसके बाद मृतक के भाई की तहरीर के आधार पर नायगांव पुलिस ने शुक्रवार को मृतक की पत्नी, पिता, ससुर, सास और साले के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और धारा 3(5) (समान आशय) के तहत केस दर्ज किया. शिकायत में आरोप है कि पिछले साल से आरोपी लगातार झगड़े, झूठे आरोप और अदालती विवादों को बढ़ावा दे रहे थे, जिससे बाबू मानसिक रूप से टूट गए थे.
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि मृतक को न केवल पत्नी और ससुरालवालों से, बल्कि अपने पिता से भी प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा था. यही वजह रही कि उसने वीडियो संदेश में सभी को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया. उसमें साफ कहा गया कि उनके लगातार उत्पीड़न ने उसे इतना मजबूर कर दिया कि अब जीना असंभव हो गया था. इसकी वजह से उन्होंने अपनी जान दे दी.
इस घटना के तुरंत बाद मृतक की पत्नी ने वो वीडियो उसके भाई के साथ साझा किया. पुलिस फिलहाल वीडियो के कंटेंट और शिकायत में लगाए गए आरोपों की पुष्टि कर रही है. इसके साथ ही जांच में यह भी सामने आया है कि पीड़ित की पत्नी बीते एक साल से मायके में रह रही थी. आरोप है कि वह अपने पिता और भाई के शह पर बाबू को लगातार धमकाती थी. झूठे मुकदमों में फंसाने की चेतावनी देती थी.
इस पूरे मामले ने इलाके में सनसनी फैला दी है. पुलिस का कहना है कि सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है. आरोपियों की भूमिका की कानूनी पड़ताल के बाद आगे की कार्रवाई होगी.
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