62 साल की महिला से ऑटो ड्राइवर ने किया रेप, 7 साल बाद कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा

मुंबई की एक अदालत ने एक ऑटो ड्राइवर को 10 साल की सख्त सजा सुनाई है. उस पर 62 साल की महिला को बेटे के नाम पर झांसा देकर सुनसान जगह ले जाकर रेप और लूट करने का आरोप था. कोर्ट ने इस मामले में उसे दोषी ठहराते हुए कठोर कारावास की सजा सुनाई है.

Advertisement
मुंबई के बोरीवली में बुजुर्ग महिला से बलात्कार और लूटपाट (Photo: Representational) मुंबई के बोरीवली में बुजुर्ग महिला से बलात्कार और लूटपाट (Photo: Representational)

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 02 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:51 PM IST

मुंबई में 62 साल की महिला से रेप और लूट के मामले में ऑटो ड्राइवर को 10 साल की कठोर कैद सुनाई गई है. आरोपी का यह दावा कि वो महिला पिछले कई वर्षों से जानता था. उसकी सहमति से उसने शारीरिक संबंध बनाया था. लेकिन कोर्ट ने उसकी दलील को पूरी तरह खारिज कर दिया. कोर्ट ने मुंबई डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (DLSA) को मुआवजे का निर्देश दिया है.

Advertisement

एडिशनल सेशन जज एस एम अगरकर ने कहा कि आरोपी की दलील न तो सबूतों पर टिकी है और न ही घटना की परिस्थितियों पर. कोर्ट ने माना कि शिकायत दर्ज कराने में देरी होना बिल्कुल स्वाभाविक है, क्योंकि भारतीय समाज में महिलाएं बदनामी के डर से ऐसे घिनौने अपराधों की रिपोर्ट दर्ज कराने से हिचकती हैं. अपराध की गंभीरता को देखते हुए 10 साल की सजा जरूरी है.

21 सितंबर 2018 की सुबह बोरीवली में काम पर निकल रही बुजुर्ग महिला को आरोपी ने रास्ता रोककर बताया कि वह उसके बेटे का दोस्त है. उसने कहानी बनाई कि महिला के बेटे को एक होटल में लोगों ने घेर लिया है, क्योंकि वो एक मुस्लिम लड़की से शादी करने की कोशिश कर रहा है. इसके बाद ड्राइवर ने उसे बेटे के पास ले जाने के नाम पर अपने ऑटो में बिठा लिया.

Advertisement

महिला को एक सुनसान जगह पर ले जाकर रुक गया. वहां उसने चाकू दिखाकर धमकाया, उसके सोने के झुमके और 15 हजार रुपए कैश छीन लिए. यह रकम महिला अपनी पोती की स्कूल फीस भरने के लिए ले जा रही थी. लूट के बाद आरोपी ने उसे अपनी हवस का शिकार बनाया. इसके बाद उसे धमकाकर मौके से भाग गया. महिला किसी तरह नज़दीकी पुलिस चौकी पहुंची. 

उसकी हालत गंभीर देखते हुए पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया, जहां 11 दिनों तक वो रही. पुलिस ने पहले लूट और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था, लेकिन सप्लीमेंट्री बयान आने के बाद रेप की धाराएं भी जोड़ी गईं. कोर्ट में बचाव पक्ष ने दावा किया कि पीड़िता और आरोपी साल 2012 से रिलेशनशिप में थे. अफेयर खत्म होने से नाराज महिला ने झूठा केस दर्ज करा दिया. 

जज ने इस थ्योरी को सिरे से नकार दिया. उन्होंने कहा कि आरोपी घटना पर किसी प्रकार का संदेह भी नहीं जता पाया और पीड़िता की गवाही भरोसेमंद सबूत के तौर पर सामने आई. कोर्ट ने मुंबई डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज़ अथॉरिटी को निर्देश दिया कि पीड़िता की उम्र, मानसिक स्थिति और अपराध की क्रूरता को देखते हुए उसे क्रिमिनल प्रोसीजर कोड के तहत मुआवजा दिया जाए.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement