सात करोड़ की साइबर ठगी... ओडिशा पुलिस ने पंजाब और आंध्र प्रदेश से गिरफ्तार किए दो ठग

Odisha Cyber Fraud Case: ओडिशा पुलिस ने पंजाब और आंध्र प्रदेश से दो ठगों को गिरफ्तार करते हुए करोड़ों रुपए की ठगी का पर्दाफाश किया है. दोनों ठगों को ट्रांजिट रिमांड पर ओडिशा के बरहामपुर और मयूरभंज लाया गया है.

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ओडिशा में दो लोगों से सात करोड़ रुपए की साइबर ठगी.  (Photo: Representational) ओडिशा में दो लोगों से सात करोड़ रुपए की साइबर ठगी. (Photo: Representational)

aajtak.in

  • भुवनेश्वर,
  • 24 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 8:09 PM IST

ओडिशा पुलिस ने करोड़ों रुपए की साइबर धोखाधड़ी का भंडाफोड़ करते हुए पंजाब और आंध्र प्रदेश से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि दोनों ने निवेश पर ऊंचे रिटर्न का लालच देकर निवेशकों को फंसाया और 7.17 करोड़ रुपए हड़प लिए.

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान पंजाब के लुधियाना निवासी बिट्टू कुमार (41) और आंध्र प्रदेश के गुंटूर निवासी चपलामदुगु सुधीर कुमार (33) के रूप में हुई है.

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एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों को उनके इलाकों से गिरफ्तार किया गया. इसके बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी करके उन्हें ओडिशा लाया गया. जांच से पता चला कि बिट्टू कुमार ने डिजिटल करेंसी एक्सचेंज ट्रेडिंग और हाई रिटर्न का झांसा देकर एक निवेशक से 6.16 करोड़ रुपए ठगे.

उसे लुधियाना में गिरफ्तार कर पहले स्थानीय अदालत में पेश किया गया और फिर ट्रांजिट रिमांड पर कटक लाया गया. 

पुलिस अब आरोपी को बरहामपुर की एसडीजेएम अदालत में पेश करेगी. इसके साथ आंध्र प्रदेश के गुंटूर के रहने वाले सुधीर कुमार पर भी ठगी के आरोप लगे है. उसने भी ऊंचे मुनाफे का लालच देकर एक शिकायतकर्ता से 1.01 करोड़ रुपए की ठगी कर ली.

ओडिशा पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उसे गुंटूर से गिरफ्तार कर कटक लाया है. पुलिस ने बताया कि सुधीर को मयूरभंज की एसडीजेएम अदालत में पेश किया जाएगा.

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यह मामला तब सामने आया जब निवेशकों को लंबे समय तक अपनी रकम वापस नहीं मिली. इसके बाद उन्हें ठगी का अहसास हुआ. दोनों पीड़ितों ने अलग-अलग शिकायतें ओडिशा पुलिस के साइबर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराईं.

उनकी शिकायतों के आधार पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी. इसके बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया.

ओडिशा पुलिस की क्राइम ब्रांच का कहना है कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और अब तक किए गए डिजिटल लेन-देन, बैंक खातों और नेटवर्क की गहन जांच चल रही है. पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस साइबर ठगी में और कौन लोग शामिल थे? 

क्या कोई बड़ा गैंग सक्रिय है? जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इस ठगी में और लोग शामिल हैं या कोई बड़ा नेटवर्क है?

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