ओडिशा के पुलिस महानिदेशक (DGP) वाईबी खुरानिया ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे ट्रेनों के जरिए गांजा और अफीम जैसे नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए इस्तेमाल किए जा रहे रेलवे स्टेशनों की पहचान करें. सोमवार को रेलवे सुरक्षा समिति की राज्य स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए डीजीपी ने रेलवे सुरक्षा संबंधी कई चिंताओं पर विस्तार से चर्चा की.
ओडिशा पुलिस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, 'कई बार अपराधी ट्रेनों के जरिए गांजा और अफीम जैसे नशीले पदार्थों की तस्करी करते रहे हैं. डीजीपी ने ऐसे स्टेशनों की पहचान करके तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है, जहां ऐसे नशीले पदार्थों का परिवहन किया जा रहा है.'
DGP खुरानिया ने निगरानी ढांचे की कमी वाले सभी रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की तत्काल आवश्यकता पर भी जोर दिया. उन्होंने निगरानी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सीसीटीवी रिकॉर्डिंग अवधि बढ़ाने का भी आह्वान किया. इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि कई रेलवे लाइनें माओवाद प्रभावित जिलों से होकर गुजरती हैं, डीजीपी ने रेलवे के बुनियादी ढांचे पर विद्रोही हमलों की संभावना का उल्लेख किया.
पीटीआई के मुताबिक, ओडिशा पुलिस के बयान में कहा गया, 'इस मामले में आरपीएफ (RPF) और जीआरपी (GRP) को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.'
बैठक में कुछ स्थानों पर चलती ट्रेनों पर पथराव की घटनाओं पर भी चर्चा की गई और अधिकारियों से ऐसे लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा गया. इसके अलावा जीआरपी अधिकारियों को साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण देने पर भी चर्चा हुई. इसके अलावा डीजीपी ने अधिकारियों को जेबकतरों, चोरों और लुटेरों पर नकेल कसने के निर्देश दिए.
आगामी रथ यात्रा को देखते हुए डीजीपी ने आदेश दिया कि अपराधियों की तस्वीरें सार्वजनिक स्थानों पर लगाई जाएं और उनकी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाए. डीजीपी ने यह भी सुझाव दिया कि रेलवे, रेलवे पुलिस स्टेशन, रेलवे सुरक्षा बल को ट्रेनों के जरिए मानव तस्करी को रोकने के लिए मिलकर काम करना चाहिए.
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