छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में बुधवार को एक 33 वर्षीय व्यक्ति ने भगवान को बलि चढ़ाने के लिए अपनी जीभ काट दी. उस वक्त मंदिर में मौजूद लोग इस भयानक दृश्य को देख कांप उठे. दर्द से तड़प रहे घायल शख्स को लोगों ने आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया. इसके बाद पुलिस को सूचित किया गया. मौके पर पहुंची पुलिस ने जीभ काटने के लिए इस्तेमाल किए गए चाकू को बरामद कर लिया है. इस मामले की जांच की जा रही है.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ये घटना बुधवार सुबह दुर्ग जिले के अंजोरा पुलिस चौकी सीमा के अंतर्गत थनौद गांव में हुई है. यहां रहने वाला राजेश्वर निषाद गांव के एक तालाब के पास बने शिव मंदिर में गया. इसके बाद उसने कुछ मंत्र पढ़ने के बाद चाकू से अपनी जीभ काट ली. उसे मंदिर के पास एक पत्थर पर रख दिया. वहां मौजूद लोगों के बीच इस घटना के बाद सनसनी फैल गई. लोगों ने तुरंत एंबुलेंस और पुलिस को फोन कर दिया.
गंभीर रूप से घायल राजेश्वर निषाद को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. गांव वालों के अनुसार, उसकी पत्नी गूंगी (बोलने में असमर्थ) है. उसने किसी मन्नत की पूर्ति के लिए भगवान शिव को अपनी जीभ की बलि चढ़ाई है. पुलिस का कहना है कि जीभ काटने का सटीक कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है. चाकू बरामद कर लिया है. प्रथम दृष्टया यह घटना अंधविश्वास का मामला प्रतीत होती है. इस की आगे की जांच जारी है.
बताते चलें कि लोगों के द्वारा अपने अंगों की बलि देने की घटनाएं लगातार सामने आती रहती हैं. साल 2022 में ऐसी दो घटनाएं सामने आई थी. उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के बबेरू के भाटी गांव के एक मंदिर में एक 22 साल के युवक ने अपनी जीभ काट ली थी. एसएचओ जय श्याम शुक्ला ने बताया था कि आत्माराम नामक युवक ने मंदिर पहुंचकर अपनी जीभ काट दी और भगवान को अर्पित कर दिया. उसको तत्काल अस्पताल ले जाया गया.
इसी तरह हमीरपुर जिले के कुरारा इलाके में एक शिव मंदिर में 49 वर्षीय एक शख्स ने खुद की बलि देने की कोशिश की थी. उसका नाम रुक्मणि मिश्रा बताया गया था. उसने कोटेश्वर मंदिर में चाकू से अपना गला काटने की कोशिश की थी. गंभीर रूप से घायल अवस्था में उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया था. पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने कहा कि यह अंधविश्वास का कार्य है. वैसे लोगों को इस तरह के अंधविश्वास से हमेशा दूर रहना चाहिए.
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