ज्यादातर भारतीय विदेश जाने का सपना देखते हैं. कुछ लोग विदेश घूमने जाना चाहते हैं, तो कुछ अमेरिका, कनाडा सहित गल्फ देशों में जाकर काम करके पैसा कमाना चाहते हैं. लोगों की इन्हीं महत्वाकांक्षाओं का फायदा उठाकर ठग उन्हें अपना शिकार बनाते हैं. क्योंकि विदेश जाने के लिए पासपोर्ट और वीजा की जरूरत होती है, जो कि बहुत मुश्किल से हासिल हो पाती है. ये ठग लोगों को लालच देकर उन्हें पासपोर्ट और वीजा उपलब्ध कराने की बात कहते हैं, लेकिन असलियत में फर्जीवाड़ा कर रहे होते हैं.
फर्जीवाड़ा करने वाले ऐसे ही एक गिरोह के सरगना को दिल्ली पुलिस ने केरल के मलप्पुरम से गिरफ्तार किया है. आरोपी का नाम मुजीब (49) है, जो कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठगी किया करता था. साल 2019 में दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था, जो कि फर्जी स्पेनिश वीजा पर यात्रा कर रहे थे. जांच की गई तो पता चला कि तीनों में से दो एजेंट और एक यात्री है. उनसे पूछताछ में गिरोह के मास्टरमाइंड का पता चला था.
पुलिस के मुताबिक, "साल 2019 में एक मामला दर्ज किया गया था, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि राजस्थान के रहने वाले यात्री विशाल खुल्लर को शेंगेन वीजा के आधार पर मैड्रिड (स्पेन) के लिए प्रस्थान आव्रजन की मंजूरी दी गई थी. इसके बाद में यात्रा दस्तावेजों की जांच के दौरान यात्री के पासपोर्ट पर चिपकाए गए शेंगेन वीजा स्टिकर को एयरलाइंस के कर्मचारियों ने नकली पाया.'' पुलिस उपायुक्त (आईजीआई) उषा रंगनानी ने बताया कि तीनों यात्री नकली वीजा पर यात्रा करने की कोशिश कर रहे थे.
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज करने के बाद गिरोह के मास्टरमाइंड मुजीब के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था. इसके बाद से ही उसकी तलाश की जा रही थी. लेकिन वो लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था. इसी बीच पुलिस को मुखबिर से खबर मिली की आरोपी केरल के मलप्पुरम में है. दिल्ली पुलिस की टीम तुरंत वहां रवाना हो गई. उसे गिरफ्तार कर लिया. उसे केरल की अदालत में पेश किया गया. इसके बाद ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया है. वो अपने एजेंटों को 50 हजार रुपए कमीशन देता था.
बताते चलें कि इससे पहले पंजाब के लुधियाना में फर्जी वीजा के एक मामले में दिल्ली पुलिस ने एक आरोपी को बंगलुरु से गिरफ्तार किया था. कुछ महीने पहले लुधियाना के रहने वाले एक शख्स हरविंदर सिंह धनोआ को फर्जी कनाडाई वीजा पर घूमते पाया गया. उसकी जांच की गई तो सामने आया की एक एजेंट मनप्रीत कौर ने उसे वीजा उपलब्ध कराया है. पुलिस ने आरोपी एजेंट को गिरफ्तार कर लिया था. उससे पूछताछ में पता चला कि बंगलूरू के रहने वाले सादिकुल्ला बेग ने पांच लाख में वीजा उपलब्ध कराया था.
फर्जी वीजा के इस मामले में सादिकुल्ला बेग का नाम सामने आने के बाद उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया. इसी बीच दिल्ली पुलिस को सूचना मिली कि बेग दुबई से बंगलुरु आ रहा है. वो जैसे ही बंगलुरु एयरपोर्ट पर उतरा कर्मचारियों ने पुलिस को अलर्ट कर दिया. एयरपोर्ट पुलिस ने बेग को हिरासत में लेने के बाद दिल्ली पुलिस को सुपुर्द कर दिया. पुलिस उपायुक्त (आईजीआई) उषा रंगनानी ने बताया कि आरोपी को दिल्ली ला दिया गया है. उससे पुलिस हिरासत में पूछताछ की जा रही है.
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