कोलकाता के लॉ कॉलेज में गैंगरेप की शिकार हुई पीड़ित छात्रा गंभीर मानसिक आघात झेल रही है. पश्चिम बंगाल महिला आयोग की अध्यक्ष लीना गंगोपाध्याय ने बुधवार को पीड़िता से मुलाकात की, जिसके बाद बताया कि छात्रा अभी भी गहरे सदमे में है. उसे तुरंत काउंसलिंग की जरूरत है. महिला आयोग ने सभी आरोपियों को सख्त सजा देने की सिफारिश करते हुए कहा कि अपराधी और मूकदर्शक समान रूप से दोषी हैं.
महिला आयोग की अध्यक्ष लीना गंगोपाध्याय पीड़िता से मिलने उसके घर पहुंचीं थी. उस वक्त वो बहुत मुश्किल से बात कर पा रही थी. उसके हाथ-पैर कांप रहे थे. उन्होंने बताया, "हमने जब छात्रा से बात की, तो उसके हाथ लगातार कांप रहे थे. उसके चेहरे पर गहरा दर्द साफ नजर आ रहा था. वह बार-बार एक ही बात दोहरा रही थी कि एक व्यक्ति ने उसके साथ बलात्कार किया, बाकी ने उसे रोका नहीं, बल्कि उसका वीडियो बनाया."
उन्होंने कहा कि यह मामला केवल बलात्कार का नहीं, बल्कि सुनियोजित शारीरिक, मानसिक और सामाजिक हिंसा का भी है. ये छात्रा के आत्मविश्वास और भविष्य को कुचल देने वाला है. उन्होंने कहा, ''पीड़िता को इस आघात से बाहर निकालने के लिए पेशेवर और निरंतर सहायता की जरूरत है. इसके साथ ही हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि पीड़ित लड़की पूरी तरह से सुरक्षित और संरक्षित माहौल में रहे.''
लीना गंगोपाध्याय ने प्रशासन से अनुरोध किया कि पीड़िता की पहचान की रक्षा हर स्तर पर सुनिश्चित की जाए, ताकि दोबारा उसे किसी ट्रॉमा का सामना न करना पड़े. उन्होंने कहा, ''हम मांग करते हैं कि आरोपियों को जल्द से जल्द अदालत के सामने पेश कर उनके खिलाफ कठोरतम कानूनी कार्रवाई की जाए. जो लोग इस कृत्य में शामिल थे, जिन्होंने इसे देखा और चुप्पी साधते हुए उसका वीडियो बनाया था.''
बताते चलें कि 25 जून की शाम लॉ कॉलेज कैम्पस के भीतर ये दिल दहला देने वाली वारदात हुई थी. पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा था कि मनोजीत मिश्रा उसे बहाने से सिक्योरिटी गार्ड के कमरे में ले गया. वहां दो लोगों की मौजूदगी जबरन उसे हवस का शिकार बनाया. इस दौरान दो वर्तमान छात्र जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी मौजूद थे. उन्होंने इस घिनौने कृत्य मोबाइल फोन से रिकॉर्ड भी किया था.
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