नशीले पदार्थों और ड्रग्स से निपटने के लिए कर्नाटक में होगा मादक द्रव्य-विरोधी कार्य बल का गठन

1 अगस्त को जारी एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, नवगठित एएनटीएफ इकाई पुलिस महानिदेशक (DGP) और पुलिस महानिरीक्षक (IGP) के समग्र पर्यवेक्षण में कार्य करेगी और यह टीम साइबर कमांड के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) को रिपोर्ट करेगी.

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कर्नाटक के DGP इस टास्क फोर्स को लीड करेंगे (फोटो- Karnataka Police) कर्नाटक के DGP इस टास्क फोर्स को लीड करेंगे (फोटो- Karnataka Police)

aajtak.in

  • बेंगलुरु,
  • 04 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 8:03 PM IST

Anti-Narcotics Task Force Formation in Karnataka: कर्नाटक सरकार ने राज्य में मादक द्रव्य संबंधी अपराधों के खिलाफ अपने प्रयासों को बढ़ाने के लिए एक मादक द्रव्य-विरोधी कार्य बल (ANTF) के गठन का आदेश दिया है. 1 अगस्त को जारी एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, नवगठित एएनटीएफ इकाई पुलिस महानिदेशक (DGP) और पुलिस महानिरीक्षक (IGP) के समग्र पर्यवेक्षण में कार्य करेगी और यह टीम साइबर कमांड के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) को रिपोर्ट करेगी.

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ANTF की इस इकाई में 10 नवसृजित पद होंगे, जिनमें मादक द्रव्यों से संबंधित मामलों की निगरानी के लिए दो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) और दो सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) शामिल हैं. इसके अतिरिक्त, नक्सल-विरोधी बल (ANF) के 56 पदों को मादक द्रव्य-विरोधी कार्य बल को पुनः आवंटित किया जाएगा, जिसमें दो पुलिस निरीक्षक और चार पुलिस उप-निरीक्षक शामिल हैं.

यह इकाई फोरेंसिक और कानूनी विशेषज्ञों, और डेटा विश्लेषकों सहित आउटसोर्स आधार पर विशेषज्ञों को भी नियुक्त करेगी. आदेश में यह भी कहा गया है कि सरकार ने कर्नाटक में पहले ही एक साइबर अपराध रोकथाम इकाई (ANTF) स्थापित कर दी है और राज्य के 43 साइबर, आर्थिक और नारकोटिक्स (CEN) पुलिस थानों का नाम बदलकर साइबर अपराध पुलिस थाने कर दिया है.

इन पुलिस थानों को सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम और कंप्यूटर संबंधी तथा साइबर अपराधों से संबंधित बीएनएस धाराओं के तहत मामले दर्ज करने का निर्देश दिया गया है. इसमें कहा गया है कि अब इनके पास नारकोटिक्स और आर्थिक अपराधों के मामले दर्ज करने का अधिकार नहीं है.

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एएनटीएफ की स्थापना नए स्वीकृत पदों के लिए लगभग 2.77 करोड़ रुपये के अनुमानित आवर्ती वार्षिक व्यय के साथ की जा रही है. इस बीच, कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि राज्य में नशीली दवाओं के खतरे को खत्म करने के लिए गठित एएनटीएफ एक टास्क फोर्स की तरह काम करेगा.

गृहमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, 'वे जहां से भी जानकारी प्राप्त करते हैं, उसके आधार पर कार्रवाई करते हैं. हमने पहले ही प्रत्येक पुलिस अधीक्षक को विशिष्ट निर्देश दे दिए हैं.' उन्होंने कहा कि इसे और भी मजबूत बनाने के लिए, एएनएफ के कर्मियों को एएनटीएफ में स्थानांतरित कर दिया गया है.

उन्होंने आगे कहा,'हमने घोषणा की है कि कर्नाटक में अब कोई नक्सली नहीं है. इसी संदर्भ में, एएनएफ को भंग करने पर चर्चा हुई थी. हालांकि, हमने इसे बनाए रखने और कर्मियों की संख्या कम करने का निर्णय लिया. एएनएफ से लगभग 200 से 250 कर्मियों को विशेष कार्रवाई बल में भेजा गया था. हम उन्हें दक्षिण कन्नड़ और उडुपी जिलों के लिए ले गए थे. अब, चूंकि बेंगलुरु में कर्मचारियों की कमी थी, इसलिए एएनएफ से कुछ कर्मियों को भेजा गया. अगर फिर से ज़रूरत पड़ी, तो हम कर्मियों को फिर से तैनात करेंगे.' 

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