दिल्ली के ज्योति नगर के जैन मंदिर से 40 लाख रुपए का 'अष्टधातु कलश' चोरी होने के एक महीने बाद पुलिस ने इस सनसनीखेज केस का पर्दाफाश कर दिया है. इस मामले में आरोपी मुन्ना उर्फ सलीम (23) को न्यू सीमापुरी से गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपी को करवा चौथ की रात मंदिर से निकलते हुए सीसीटीवी में देख गया था. वो एक आदतन अपराधी है. पहले भी डकैती, घर में चोरी और आर्म्स एक्ट जैसे चार मामलों में शामिल रह चुका है.
पुलिस ने गिरफ्तारी के वक्त उसके पास से एक बटन वाला चाकू बरामद किया है. उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. पूछताछ में सलीम ने कबूल किया है कि उसने 11 अक्टूबर की रात ज्योति नगर के जैन मंदिर से कलश चुराया था. उसने मंदिर की छत पर चढ़कर शिखर पर लगे कलश को निकाला. इसके बाद अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकला. उस दिन लोग करवाचौथ की पूजा में व्यस्त थे.
अगले दिन 12 अक्टूबर की सुबह जब जैन मंदिर के कर्मचारियों ने देखा कि शिखर पर लगा कलश गायब है, तो इलाके में हड़कंप मच गया. पुलिस को सूचना दी गई. सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर पुलिस को एक शख्स मंदिर के खंभे से नीचे उतरता दिखा. इस आधार पर पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया, जिसमें न्यू मुस्तफाबाद का दानिश (24) भी शामिल था. इन आरोपियों के पास से चोरी हुए कलश के कुछ हिस्से बरामद हुए थे.
पुलिस जांच में सामने आया कि यह कलश अष्टधातु यानी आठ धातुओं के मिश्रण से बना था. इसमें करीब 200 ग्राम सोना भी शामिल था. इसका अनुमानित मूल्य 35 से 40 लाख रुपए के बीच था. मंदिर के शिखर से कलश निकालना किसी साधारण चोरी जैसा नहीं था, बल्कि इसके लिए सटीक साजिश की गई थी. सलीम ने चोरी के बाद कलश को तोड़कर कबाड़ियों को बेचने की कोशिश की थी, ताकि किसी के हाथ सबूत न लग सके.
पुलिस ने पहले उसके खरीदार पकड़े, जिसके जरिए उस तक पहुंच बनाई. उसे मंगलवार रात न्यू सीमापुरी इलाके से गिरफ्तार किया गया. पुलिस का कहना है कि सलीम को चोरी में निपुणता हासिल है. उसने पहले भी कई मंदिरों और घरों को निशाना बनाया है. उसके खिलाफ ज्योति नगर थाने में चोरी, डकैती और आर्म्स एक्ट के तहत अलग-अलग केस दर्ज हैं. पुलिस अब यह जांच कर रही है कि उसके साथ वारदात में और कौन-कौन शामिल था.
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