गाजा में फिलिस्तीनियों पर इजरायल का कहर, भीषण हवाई हमले में 101 की मौत, रिफ्यूजी कैंप नेस्तनाबूद

गाजा में इजरायल ने भारी बमबारी की है. इसमें कम से कम 101 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई, वहीं 200 से ज्यादा घायल हो गए. सबसे ज्यादा मौत अल तुफाह और अल शाती रिफ्यूजी कैंपों पर हुए हमलों में हुई है. सीजफायर की तमाम कोशिशों के बीच इजरायली सेना लगातार कहर बरपा रही है.

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गाजा में इजरायल ने भारी बमबारी की है. गाजा में इजरायल ने भारी बमबारी की है.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 जून 2024,
  • अपडेटेड 11:00 PM IST

इजरायल ने एक बार फिर बेकसूर फिलिस्तीनियों पर कहर ढा दिया है. गाजा के अलग-अलग इलाकों में हुए इजरायल के हमले में कम से कम 101 फिलिस्तीनियों की जान चली गई, जबकि 200 से ज्यादा घायल हो गए. इजरायल की सेना ने सबसे घातक हमला गाजा के सबसे पुराने शरणार्थी शिविर अल शाती पर किया, जिसमें 24 लोग मारे गए, जबकि दर्जनों घायल हो गए. इन हमलों में कई रिफ्यूजी कैंप नेस्तनाबूद हो गए हैं. 

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इजरायली सेना ने दूसरा बड़ा हमला अल तुफाह कैंप पर किया. इसमें 18 फिलिस्तीनी हताहत हुए हैं. वहीं इजरायली फौज ने मिस्र और गाजा के सीमा पर मौजूद रफाह के शरणार्थी कैंप पर भी बम गिराए. एक प्रत्यक्षदर्शी हसन जायरा ने बताया, "जब यह घटना हुई, मैं अपने घर से 300 मीटर दूर था. मैंने बम धमाके की आवाज सुनी, तो मुझे लगा कि यह मेरे घर के पास है. मैंने अपनी पत्नी, बेटे, पोती और बेटी को अस्पताल में पाया. मेरा आधा घर नष्ट हो गया है. दीवार नष्ट हो गई, कुछ कमरे नष्ट हो गए, कार नष्ट हो गई है.''

सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में लोग मलबे से घायलों और मारे गए लोगों को निकालते हुए दिख रहे हैं. गाजा के सिविल डिफेंस के मुताबिक मारे गए फिलिस्तीनियों में ज्यादतर महिलाएं और बच्चे हैं. वहीं, इजरायली सेना का कहना है कि उसके लड़ाकू विमानों ने हमास के सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना बनाया. इस बारे में और अधिक जानकारियां बाद में दी जाएंगी.

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पिछले साल 7 अक्टूबर से गाजा में जारी इजरायली सैन्य कार्रवाई में अबतक 37 हजार 551 फिलिस्तीनी अपनी जा गवां चुके हैं, जबकि 85 हजार से ज्यादा घायल हुए हैं. दूसरी तरफ हमास की कैद से बंधकों की रिहाई के लिए इजरायल की सरकार पर दबाव बढ़ता ही जा रहा है. हाल के दिनों में तेल अवीव में बंधकों के परिजन लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. 

इजरायल इस समय सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा है, एक तरफ उस पर गाजा में युद्धविराम के लिए भारी अंतरराष्ट्रीय दबाब है, वहीं हमास की कैद से बंधकों की रिहाई के लिए इजरायली शहरों में लगतार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. शनिवार को हजारों लोग तेल अवीव की सड़कों पर उतर आए और मार्च निकाला. प्रदर्शनकारियों ने गाजा में तुरंत युद्धविराम की मांग की है.

बंधक बनाए गए लोगों के परिजनों को डर है कि यदि इजरायल सीजफायर के लिए राजी नहीं होता तो युद्ध लंबा खिंचेगा और ज्यादा बंधक मारे जाएंगे. प्रदर्शन में शामिल लोगों ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का इस्तीफा भी मांगा. इसके साथ ही देश में आम चुनाव कराए जाने की मांग की है. एक प्रदर्शनकारी लिआड स्वेज़-कर्णी ने कहा कि हम सब शांति से रहना चाहते हैं.

पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला कर 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया था. करीब आधे बंधकों को हमास अब तक छोड़ चुका है, जबकि 41 बंधकों की मौत हो चुकी है. लेकिन अभी भी उसके कैद में करीब 116 इजरायली नागरिक हैं. वहीं इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शकारियों के बीच झड़पे भी हुई, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया.

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