गाजा के रफाह में जमीनी सैन्य अभियान चलाने की तैयारी कर रहे इजरायल ने हवाई हमले किए हैं. मिस्र और गाजा के सीमा पर मौजूद रफाह में हुए एयर स्ट्राइक में कम से कम 8 लोगों की मौत गई, जबकि दर्जन भर लोग घायल हो गए. मरने वालों में तीन महिलाएं और दो पुरुष हैं. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक इजरायल ने एक घर को निशाना बनाया, जिसमें विस्थापित हुआ एक परिवार रह रहा था. पिछले साढ़े पांच महीने से जारी इजरायली सैन्य कार्रवाई से गाजा की 23 लाख की आबादी में से 80 फीसदी लोग बेघर हो गए हैं. लोग अपनी जान बचाने के लिए रफाह में शरण लिए हुए हैं.
गाजा का रफाह ही एक ऐसा इलाका है जहां अभी तक इजरायली सेना ने अपना जमीनी सैन्य अभियान शुरू नहीं किया है. ऐसा इसलिए क्योंकि उस पर भारी दबाव है. मिस्र ने जहां धमकी दी है कि इजराइली सैनिकों को अगर रफाह भेजा जाता है तो वो उसके साथ अपना शांति समझौता निलंबित कर देगा. इसके साथ ही अमेरिका भी इजरायल पर रफाह में जमीनी सैन्य अभी नहीं चलाने का दबाव बना रहा है. इस इलाके में यदि इजरायल मिलिट्री कार्रवाई करता है तो भारी तबाही तय है. क्योंकि यही एक ऐसा इलाका है, जहां पर बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी परिवार के साथ शरण लिए हैं.
दूसरी तरफ गाजा में हमास से जंग लड़ रही इजरायल की सरकार के खिलाफ विरोध बढ़ता ही जा रहा है. एक तरफ युद्ध खत्म करने को लेकर इजरायली की सरकार पर भारी अंतरराष्ट्रीय दबाब है, वहीं दूसरी ओर देश के अंदर विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा. लंबी खींचती जंग और बढ़ती लागत को लेकर लोगों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है. शनिवार को एक बार फिर हजारों लोग तेल अवीव की सड़कों पर उतर आए. बंधकों की रिहाई के लिए हमास से बातचीत शुरू करने की अपील की है. बेकाबू प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा.
पोस्टर-बैनर के साथ सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों ने मौजूदा सरकार से इस्तीफे की भी मांग की है. एक प्रदर्शनकारी एलन निसिम ने कहा, ''हमारा मानना है कि अब समय आ गया है कि देश में एक नया नेतृत्व आए. हमें एक बार फिर से एकजुट करे. नागरिकों की देखभाल करे. उन सभी चीजों का ध्यान रखे, जिनकी इस वक्त जरूरत है. इस अतिवादी सरकार से हम तंग आ चुके हैं. हम इसे तुरंत बदलना चाहते हैं. इस सरकार को चाहिए कि वो हमास से बातचीत करके हमारे लोगों की रिहाई सुनिश्चित करे. लेकिन नेतन्याहू सरकार देश की समस्याओं से निपटने में पूरी तरह विफल रही है.''
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जंग के बाद गाजा के प्रशासन की इजरायल ने पेश की योजना
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के साथ जारी जंग खत्म होने के बाद गाजा के प्रशासन की योजना पेश की है. इस योजना के मुताबिक इजरायल गाजा पट्टी की सुरक्षा को अनिश्चित काल के लिए अपने हाथ में रखेगा. इसके साथ ही गाजा को पूरी तरह डिमिलटराइज करेगा. मिस्र के साथ लगी सीमा पर भूमिगत तस्करी रोकने के लिए मज़बूत सुरक्षा का भी इंतज़ाम करेगा. इसके अलावा जॉर्डन के पश्चिम में जल, थल और हवाई क्षेत्र पर इजरायल का कब्जा रहेगा. इस योजना को पेश करने से पहले इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दो राष्ट्र सिद्धांत को भी खारिज किया है.
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, "इजराइल के लोग और उनके चुने हुए प्रतिनिधि आज इतने एकजुट हैं जितना पहले कभी नहीं थे. नेसेट ने इजराइल पर एकतरफा फिलिस्तीनी राज्य थोपने के किसी भी प्रयास का विरोध करने के लिए भारी मतदान किया. इस तरह का प्रयास केवल इज़राइल को खतरे में डालेगा और उस वास्तविक शांति को रोक देगा जो हम सभी चाहते हैं. शांति तभी प्राप्त की जा सकती है जब हम हमास पर पूर्ण विजय प्राप्त कर लें.'' दरअसल, इजरायल हमास के साथ चल रहे जंग खत्म होने के बाद गाजा को अपने नियंत्रण में ही रखना चाहता है.
इके विपरीत अमेरिका चाहता है कि वेस्ट बैंक का प्रशासन देखने वाले फिलिस्तीनी अथॉरिटी को ही गाजा के प्रशासन की ज़िम्मेदारी दी जाए. लेकिन प्रधानमंत्री नेतान्याहू की ओर से अपने मंत्रियों को दी इस योजना में फिलिस्तीनी अथॉरिटी का कोई ज़िक्र नहीं है. वहीं फिलिस्तीनी अथॉरिटी के प्रेसिडेंट महमूद अब्बास के प्रवक्ता ने इजरायल की इस योजना को खारिज किया है. हमास ने भी इजरायल की इस योजना खारिज करते हुए गाजा पर कब्जे की योजना बताया है. इनके सबके बीच सबसे ज्यादा तबाह वो आम फिलिस्तीनी लोग हैं, जिनका किसी से कोई सरोकार नहीं है.
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