मध्य प्रदेश के गुना जिले से दो महीने पहले रहस्यमयी तरीके से लापता हुई 17 वर्षीय लड़की पाकिस्तान सीमा के बेहद नजदीक मिली है. उसे राजस्थान के जैसलमेर में सीमा पर बरामद किया गया है. पुलिस ने ऑपरेशन मुस्कान के तहत इस हाई-रिस्क मिशन को अंजाम दिया है. कानूनी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद पुलिस ने लड़की को परिजनों को सुपुर्द कर दिया है.
गुना के पुलिस अधीक्षक अंकित सोनी ने बताया कि 9 सितंबर को एक महिला ने मधुसूदनगढ़ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी. उसने बताया कि उसकी बेटी 7 से 8 सितंबर की रात अचानक घर से गायब हो गई थी. इस मामले के दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दिया. 'ऑपरेशन मुस्कान' के तहत पुलिस ने अपने मुखबिर तंत्र को तुरंत सक्रिय कर दिया.
इसके साथ ही तकनीकी विश्लेषण के साथ सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया. पुलिस लगातार मोबाइल लोकेशन, डिजिटल फुटप्रिंट और लोकल इनपुट्स का मिलान करती रही. इसी दौरान एक महत्वपूर्ण सुराग मिला कि यह नाबालिग राजस्थान के जैसलमेर में पाकिस्तान सीमा के करीब देखी गई है. सूचना मिलते ही पुलिस की टीम ने बिना देरी किए राजस्थान के लिए प्रस्थान किया.
गुना से करीब 1000 किलोमीटर दूर कई कठिनाइयों और बॉर्डर के संवेदनशील इलाकों को पार करते हुए पुलिस जैसलमेर पहुंची. सटीक लोकेशन की मदद से लड़की को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया. थाना प्रभारी आनंद राय ने बताया कि नाबालिग को वापस मध्य प्रदेश लाया गया, जहां कानूनी औपचारिकताएं पूरी की गईं. इसके बाद उसके परिवार के सुरक्षित सौंप दिया गया.
इस दौरान बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष नीरू शर्मा मौजूद रहीं. परिवार अपनी बेटी को वापस पाकर भावुक हो उठा. 'ऑपरेशन मुस्कान' गृह मंत्रालय की एक राष्ट्रीय पहल है, जिसका उद्देश्य लापता बच्चों का पता लगाना, उन्हें बचाना और उनका पुनर्वास करना है. इस केस में भी यह मिशन 1000 किलोमीटर तक फैले एक लंबी, सटीक और समन्वित कार्रवाई के रूप में सामने आया.
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