कर्ज में डूबा 'दोस्त' बना कातिल... हरियाणा में डॉक्टर की गला घोंटकर हत्या, हरिद्वार जाकर गंगा में फेंका शव

Nuh Doctor Murder Case: हरियाणा के नूंह जिले से एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है. यहां पैसों के लेन-देन ने दोस्ती के रिश्ते को खून से रंग दिया. डॉक्टर और पूर्व पार्षद की दोस्ती कर्ज के बोझ में तब्दील हुई और आखिरकार मौत की साजिश में बदल गई.

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40 लाख के कर्ज के लिए शख्स ने अपने डॉक्टर दोस्त को मौत के घाट उतार दिया. (Photo: AI-generated) 40 लाख के कर्ज के लिए शख्स ने अपने डॉक्टर दोस्त को मौत के घाट उतार दिया. (Photo: AI-generated)

aajtak.in

  • नूंह,
  • 06 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:08 PM IST

हरियाणा के नूंह जिले में एक कर्ज ने दोस्ती को खूनी अंजाम तक पहुंचा दिया. नूंह जिले के पुन्हाना शहर के 60 वर्षीय डॉक्टर विनोद गोयल की हत्या उनके ही पूर्व दोस्त और पार्षद रहे दीपक राजस्थानी ने कर दी. पुलिस ने शनिवार को खुलासा किया कि डॉक्टर की गला घोंटकर हत्या की गई और शव को हरिद्वार ले जाकर गंगा में फेंक दिया गया. इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.

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एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि डॉ. विनोद गोयल 28 अगस्त को अचानक लापता हो गए थे. उसी दिन उनके कंपाउंडर महेंद्र को डॉक्टर के मोबाइल से एक संदेश मिला, जिससे परिवार ने राहत की सांस ली. लेकिन इसके बाद डॉक्टर से कोई संपर्क नहीं हुआ. दिन बीतते गए और शक का घेरा गहराता गया. 3 सितंबर को डॉक्टर के भाई देवेंद्र गोयल ने आखिरकार गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई.

पुलिस जांच के दौरान डॉक्टर के फोन कॉल्स की डिटेल खंगाली गई. इससे दीपक राजस्थानी का नाम सामने आया. वो गोयल नर्सिंग होम के सामने राजस्थानी बर्तन भंडार चलाता है. दोनों की दोस्ती जगजाहिर थी. लोग अक्सर उन्हें साथ बैठते और बातें करते देखते थे. लेकिन इस दोस्ती के पीछे एक बड़ा आर्थिक विवाद पनप चुका था. डॉ. गोयल ने दीपक को मोटी रकम उधार दी थी.

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डॉक्टर के परिवार का दावा है कि यह रकम 40 से 45 लाख रुपए थी, जबकि दीपक केवल 23 लाख रुपए का कर्ज मानता है. रकम लौटाने के बजाय वह टालमटोल करने लगा और यही दोस्ती में गहरी दरार की वजह बना. 5 सितंबर को पुलिस ने दीपक को गिरफ्तार किया. पूछताछ में उसने कबूल किया कि 28 अगस्त को उसने डॉक्टर को अपनी कार में बैठाया और रस्सी से गला घोंट दिया.

एसएचओ राजेश कुमार ने बताया कि इस वारदात को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश में उसने अपने साथी के साथ मिलकर शव को हरिद्वार ले जाकर गंगा में फेंक दिया. इतना ही नहीं, संदेह से बचने के लिए उसने डॉक्टर के मोबाइल से कंपाउंडर महेंद्र को संदेश भी भेजा, ताकि लगे कि डॉक्टर सुरक्षित हैं. एसएचओ ने कहा, ''आरोपी दीपक ने हत्या की बात मान ली है. उसी ने पूरी साजिश रची थी.''

आरोपी की गिरफ्तारी के बाद भी मृतक डॉक्टर का शव बरामद नहीं हो सका है. इस वारदात के बाद इलाके में आक्रोश फैल गया. विधायक मोहम्मद इलियास और पूर्व विधायक नसीम अहमद ने थाने का घेराव कर दिया. उन्होंने कहा कि जब तक डॉक्टर विनोद का शव बरामद नहीं होता, वे यहां से नहीं हटेंगे. पुलिस अब हत्या के हर पहलू की जांच कर रही है, लेकिन शव की बरामदगी बड़ी चुनौती बनी हुई है.

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