दिल्ली से सटे गाजियाबाद में 35 पुलिसकर्मियों और तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा (FIR) दर्ज हुआ है. आरोप है कि उन्होंने फर्जी केस में मंदिर के मंहत और उनकी पत्नी को जेल भेजा था. यह एफआईआर कोर्ट के आदेश पर दर्ज की गई है. गौर करने वाली बात ये है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद एफआईआर दर्ज होने में 40 दिन लग गए.
फर्जी केस में भेज दिया था जेल
आपको बता दें कि जुलाई 2022 में फर्जी केस में लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र स्थित सिद्ध बाबा मंदिर मोनू धाम के महंत सोनू और उसकी उनकी पत्नी दीपा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी जिसके बाद दोनों को जेल भेज दिया गया था. जेल से छूटने के बाद महंत ने कोर्ट में गुहार लगाते हुए कहा था कि उनके खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया था.
महंत ने लगाया था ये आरोप
मोनू और दीपा शर्मा की तरफ से दर्ज कराए गए मुकदमे में कहा कि वह लोनी बॉर्डर पर स्थित एक मंदिर में रहते हैं और धार्मिक अनुष्ठान कराते हैं. मोनू की लोकप्रियता देखकर मनीष भाटी और विकास मावी नाम के दो लोगों को जलन होने लगी तो वह मोनू से 2 लाख रुपया महीना रंगदारी मांगने लगे. नहीं देने पर दो दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों के साथ मंदिर में घुस आए और मोनू पर झूठा मामला दर्ज कराते हुए उसे और पत्नी दीपा को जेल भेज दिया. बाद में मोनू जेल से बाहर आया तो उसने कोर्ट का रूख किया, जिसके बाद अदालत ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया.
मयंक गौड़