मुंबई में एक 44 वर्षीय वित्तीय सेवा विशेषज्ञ से 2 करोड़ रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है. पांच लोगों द्वारा पीड़ित से उसके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को खत्म करवाने और शराब लाइसेंस प्राप्त करने में मदद करने का वादा किया था. ठगों ने पीड़ित से दावा किया था कि वह प्रभावशाली लोगों को जानते हैं. पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया कि ठगों ने उसे पिस्टल दिखाकर धमकी दी है कि अगर पैसे वापस मांगे तो फिर बुरा अंजाम होगा.
मामला तब सामने आया जब शिकायतकर्ता ने मध्य मुंबई के माटुंगा पुलिस थाने में संपर्क किया. शिकायतकर्ता ने COVID-19 महामारी के दौरान एक आरोपी के साथ एक क्वारंटीन सेंटर में कुछ दिन बिताए थे. माटुंगा निवासी शिकायतकर्ता एरिक अंकलेसरिया के अनुसार, उन्हें एक आपराधिक मामले के सिलसिले में दिसंबर 2020 में नवी मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
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क्वारंटीन सेंटर की दोस्ती पड़ी महंगी
उनकी मुलाकात अली रज़ा शेख (27) नामक शख्स से उस समय हुई जब दोनों कोरोनोवायरस प्रकोप के दौरान खारघर के एक क्वारंटीन सेंटर में साथ में रहे थे. शिकायत में कहा गया है कि सितंबर 2021 में, शेख ने अंकलेसरिया को फोन करके कहा कि वह उनके खिलाफ एफआईआर को रद्द करने में मदद कर सकता है. 27 सितंबर, 2021 को अंकलेसरिया ने अपने पार्टनर्स के साथ वाशी के एक आलीशान होटल में शेख से मुलाकात की. जहां शेख ने उन्हें जय उर्फ राजू मंगलानी से मिलवाया. शेख ने इस दौरान दावा किया कि मंगलानी के मंत्रियों, वकीलों और न्यायाधीशों जैसे लोगों के साथ अच्छे संपर्क हैं.
धीरे-धीरे करके ठग लिए 2 करोड़
मंगलानी ने शिकायतकर्ता से कहा कि वाल्मिक गोल्हेर नामक कथित शख्स एक कैबिनेट मंत्री के साथ काम करता है जो आपराधिक मामले को रद्द कराने में मदद करेगा. गोल्हेर, मंगलानी और शेख के साथ बाद में हुई एक बैठक में कथित तौर पर 37 लाख रुपये की मांग की गई. इसके बाद शिकायतकर्ता को विधान भवन में बुलाया गया जहां उन्होंने (ठगों ने) उसे एक और व्यक्ति से मिलवाया, जिसने 47 लाख रुपये की मांग की.
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शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि उसने 29 सितंबर, 2021 को शेख को 37 लाख रुपये का भुगतान किया. कुछ दिनों बाद आरोपी ने कथित तौर पर उससे 10 लाख रुपये नकद ले लिए. आरोपी ने वादा किया कि शिकायतकर्ता के खिलाफ मामला 15 दिनों में रद्द कर दिया जाएगा. अंकलेसरिया और शेख के बीच पहली मुलाकात के दौरान शिकायतकर्ता के साझेदारों ने भी कहा था कि उन्हें शराब लाइसेंस की जरूरत है. शेख ने फिर अंकलेसरिया से संपर्क किया और दावा किया कि उसके उत्पाद शुल्क विभाग में संपर्क हैं और वह 3.5 करोड़ रुपये में काम करवा सकता है.
पुलिस ने शुरू की जांच
इसके बाद आरोपी ने शराब लाइसेंस के लिए कुछ समय में 60 लाख रुपये ऐंठ लिए. कुल मिलाकर इन ठगों ने पीड़ित से 1.98 करोड़ रुपये ले लिए. शिकायतकर्ता ने कहा, हालांकि, अगले दो वर्षों में न तो मामला रद्द किया गया और न ही उसे शराब का लाइसेंस मिला. इसके बाद उन्होंने मंगलवार रात शेख और चार अन्य के खिलाफ माटुंगा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
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पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने पांचों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें 120बी (आपराधिक साजिश), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी) और 506-2 (आपराधिक धमकी) शामिल हैं. फिलहाल जांच जारी है.
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