4.5 लाख में लड़का, 3.5 लाख में लड़की... हैदराबाद में फर्जी सरोगेसी और बाल तस्करी गिरोह का भंडाफोड़

Fake Surrogacy and Child Trafficking Racket: हैदराबाद पुलिस ने एक फर्जी सरोगेसी और बाल तस्करी के संगठित रैकेट का पर्दाफाश किया है. इस नेटवर्क में शामिल डॉक्टरों, लैब तकनीशियन, एजेंटों, प्रबंधकों और तस्करी किए गए नवजात के जैविक माता-पिता समेत 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

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हैदराबाद पुलिस ने एक फर्जी सरोगेसी और बाल तस्करी के संगठित रैकेट का पर्दाफाश किया. (Photo: Getty Images) हैदराबाद पुलिस ने एक फर्जी सरोगेसी और बाल तस्करी के संगठित रैकेट का पर्दाफाश किया. (Photo: Getty Images)

aajtak.in

  • हैदराबाद,
  • 12 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 8:26 PM IST

हैदराबाद पुलिस ने एक फर्जी सरोगेसी और बाल तस्करी के संगठित रैकेट का पर्दाफाश किया है. इस नेटवर्क में शामिल डॉक्टरों, लैब तकनीशियन, एजेंटों, प्रबंधकों और तस्करी किए गए नवजात के जैविक माता-पिता समेत 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस पूरे गोरखधंधे का मास्टरमाइंड यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर की निदेशक डॉ. ए. नम्रता बताई जा रही है, जो पहले भी कई आपराधिक मामलों में लिप्त रह चुकी है.

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इस मामले की जांच 27 जुलाई को हैदराबाद के गोपालपुरम पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज होने के बाद शुरू हुई. एक दंपति ने सरोगेसी के नाम पर ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी. शुरुआती जांच में डॉ. नम्रता और उसके सात सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, नेटवर्क का दायरा कई राज्यों तक फैला हुआ सामने आया. इसके बाद पुलिस ने भी अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया.

पुलिस उपायुक्त (उत्तरी क्षेत्र) एस. रश्मि पेरुमल ने बताया कि आरोपी कमजोर और बांझपन से जूझ रहे दंपतियों को निशाना बनाते थे. उन्हें भरोसा दिलाया जाता था कि यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर न सिर्फ आईवीएफ और सरोगेसी की सुविधा देगा, बल्कि सभी कानूनी औपचारिकताएं भी खुद पूरी करेगा. इस सुविधा के नाम पर ग्राहकों से 30 से 40 लाख रुपए तक वसूले जाते थे. आरोपियों की कार्यप्रणाली बेहद संगठित थी. 

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ऐसे चल रहा था फर्जी सरोगेसी, बाल तस्करी रैकेट

पहले क्लिनिक में ग्राहकों के जैविक नमूने लिए जाते. इसके बाद फोन कॉल और मैसेज के जरिए गर्भावस्था की प्रगति के झूठे अपडेट भेजे जाते. प्रसव के वक्त एजेंटों का नेटवर्क आर्थिक रूप से कमजोर माताओं से नवजात खरीदता. लड़की के लिए 3.5 लाख रुपए और लड़के के लिए 4.5 लाख रुपए दिए जाते. फिर इन बच्चों को ग्राहकों को यह कहकर सौंपा जाता कि वे उनके ही जैविक नमूनों से जन्मे हैं.

फर्जी मेडिकल रिकॉर्ड और डीएनए रिपोर्ट तैयार

इस दौरान अपने धोखे को पुख्ता करने के लिए फर्जी मेडिकल रिकॉर्ड और डीएनए रिपोर्ट तैयार की जाती थी. असली मां के नमूनों को पीड़िता के नाम पर दिखाया जाता, ताकि किसी को शक न हो. पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि डॉ. नम्रता ने सिकंदराबाद, कोंडापुर, विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा, नेल्लोर, राजमुंदरी और भुवनेश्वर में कई क्लिनिक खोले थे, जिनसे यह नेटवर्क फैला हुआ था.

कई क्रिमिनल केस में आरोपी रह चुकी है डॉ. नम्रता

हैरानी की बात यह है कि डॉ. नम्रता पहले भी गोपालपुरम, विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा और गुंटूर में करीब 15 आपराधिक मामलों में आरोपी रह चुकी है. इनमें से कुछ मामलों में समझौता हो गया, जबकि कई अब भी अदालत में लंबित हैं. हैदराबाद पुलिस का कहना है कि यह नेटवर्क यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर की सिकंदराबाद और विशाखापत्तनम ब्रांच से संचालित होता था, जहां अवैध सरोगेसी का खेल चलता था.

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CCS की SIT को सौंपी गई इस फर्जीवाड़े की जांच

इस अपराध की गंभीरता को देखते हुए हैदराबाद पुलिस आयुक्त ने मामले को आगे की जांच के लिए केंद्रीय अपराध स्टेशन (CCS) की विशेष जांच टीम (SIT) को स्थानांतरित करने का आदेश दिया है. फिलहाल पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि इस नेटवर्क से जुड़े और कितने पीड़ित और सहयोगी देश के अलग-अलग हिस्सों में सक्रिय हैं. उनका पता लगाकार गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं.

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