गाजियाबाद में फर्जी दूतावास के बाद अब बुलंदशहर में मिला फेक STF गैंग, फर्जी कॉल लेटर से कर रहे थे भर्तियां

पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि गिरोह ने अब तक कितने लोगों से ठगी की है. गिरोह का चौथा सदस्य डीआरएम लखनऊ ऑफिस में ड्राइवर पद पर काम करता है. वह अभी भी पुलिस की पहुंच से बाहर है और उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं.

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बुलंदशहर पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. (Photo: ITG) बुलंदशहर पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. (Photo: ITG)

मुकुल शर्मा

  • बुलंदशहर,
  • 24 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 12:59 PM IST

गाजियाबाद में फर्जी दूतावास का भंडाफोड़ होने के बाद अब यूपी के ही बुलंदशहर में एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश हुआ है जिसका मास्टरमाइंड खुद को एसटीएफ का अधिकारी बनाकर लोगों से लाखों रुपये ठग चुका था.

 बुलंदशहर पुलिस ने इस सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवाओं से करोड़ों की ठगी करने वाले एक शातिर गिरोह का भंडाफोड़ किया है.  पुलिस ने इस गिरोह के तीन सदस्यों-नीरज (निवासी गोरखपुर), हिमांशु (निवासी लखनऊ), और सत्येष (निवासी अलीगढ़) को गिरफ्तार किया है.

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गिरोह का मास्टरमाइंड नीरज खुद को उत्तर प्रदेश एसटीएफ का अधिकारी बताकर युवाओं को फंसाता था. गिरफ्तारी के दौरान आरोपियों के कब्जे से छह मोबाइल फोन, 18 फर्जी नियुक्ति पत्र, भर्ती विज्ञापन, कॉल लेटर, आधार कार्ड, फर्जी आई-कार्ड, सरकारी विभाग की टोपी, बेल्ट और अन्य नकली दस्तावेज बरामद किए गए हैं. 

पुलिस को जानकारी मिली है कि चौथा आरोपी लखनऊ डीआरएम ऑफिस में बतौर ड्राइवर तैनात है और वह भी इस ठग गिरोह का हिस्सा है. उसकी तलाश के लिए टीम गठित कर दी गई है.

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ठगी का तरीका
गिरोह का सरगना बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देता था और अपनी पहचान मजबूत करने के लिए फर्जी सरकारी दस्तावेज, नियुक्ति पत्र और कॉल लेटर दिखाता था. ठगी की रकम लाखों में होती थी. एक पीड़ित से तो 15 लाख रुपये ऐंठ लिए गए.

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पुलिस अधीक्षक (सिटी) शंकर प्रसाद के अनुसार, ये आरोपी एक संगठित गिरोह बनाकर बेरोजगार युवाओं को फर्जी नियुक्तियों के नाम पर ठगते थे. गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और अब तक कई युवाओं से लाखों रुपये की ठगी कर चुका है.

पुलिस ने इनके द्वारा ठगी में उपयोग किए गए बैंक खाते को सीज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और यह पता लगाने में जुटी है कि अब तक कितने युवाओं को गिरोह ने अपना शिकार बनाया है. साथ ही, अन्य राज्यों और विभागों में इनके नेटवर्क की भी जांच की जा रही है.
 

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