महाराष्ट्र में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार सुबह बड़ी कार्रवाई करते हुए 12 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी शुरू की. इन जगहों में नंदुरबार जिला, अक्कलकुवा और मुंबई के कई पते शामिल बताए गए हैं. यह कार्रवाई जमिया इस्मालिया इशातुल उलूम (JIIU), यमनी नागरिक अल-खदामी खालिद इब्राहिम सालेह और अन्य से जुड़े FCRA उल्लंघन के मामले में की जा रही है.
अधिकारियों के अनुसार, यह छापेमारी जारी जांच का हिस्सा है, जिसका आधार पहले दर्ज एफआईआर और चार्जशीट है. ED की टीमों ने अलग-अलग लोकेशन पर दस्तावेज़ और डिजिटल सबूतों की तलाश की है.
FIR और चार्जशीट के आधार पर जांच
इस पूरे मामले में जांच की शुरुआत अक्कलकुवा पुलिस स्टेशन द्वारा दर्ज एफआईआर और 11 अप्रैल 2025 की चार्जशीट के आधार पर हुई थी. आरोप है कि ट्रस्ट और उससे जुड़े व्यक्तियों ने विदेशी चंदे के नियमों का लगातार उल्लंघन किया. चार्जशीट में वित्तीय लेन-देन, विदेशी फंडिंग और संदिग्ध गतिविधियों को लेकर कई महत्वपूर्ण बिंदुओं का उल्लेख है. ED ने इन्हीं दस्तावेज़ों को आधार बनाते हुए प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत जांच को आगे बढ़ाया है. अधिकारियों का कहना है कि सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है.
रद्द हो गया था FCRA रजिस्ट्रेशन
गृह मंत्रालय ने 15 जुलाई 2024 को जारी एक आदेश में जमिया इस्मालिया इशातुल उलूम ट्रस्ट का FCRA रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया था. मंत्रालय ने जांच में पाया था कि ट्रस्ट विदेशी फंड को उन NGOs तक पहुंचा रहा था, जिनके पास FCRA रजिस्ट्रेशन ही नहीं था. यह सीधा कानून का उल्लंघन है, जिसमें फंड का उपयोग और वितरण नियंत्रित नियमों के तहत ही होना चाहिए. मंत्रालय की रद्दीकरण रिपोर्ट में कई गंभीर अनियमितताओं का भी उल्लेख था, जिन्हें अब ED अपने स्तर पर खंगाल रही है.
विदेशी नागरिक की भूमिका
जांच में एक और अहम नाम यमनी नागरिक अल-खदामी खालिद इब्राहिम सालेह का सामने आया है. उस पर आरोप है कि वह इस विदेशी फंडिंग नेटवर्क का प्रमुख हिस्सा था और ट्रस्ट के माध्यम से फंड के प्रवाह में उसकी मुख्य भूमिका थी. ED अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि सालेह की भारत में गतिविधियां किन सीमाओं तक फैली थीं और वह किन लोगों के संपर्क में था. अधिकारियों को शक है कि यह मामला सिर्फ नियम उल्लंघन से कहीं बड़ा है और इसमें विदेश से आने वाले फंड के दुरुपयोग का बड़ा पैटर्न छिपा हो सकता है.
नेटवर्क की तलाश में ED
ED की टीम अभी सभी दस्तावेज़ों, बैंक रिकॉर्ड्स और डिजिटल डेटा का विश्लेषण कर रही है. एजेंसी यह जानने की कोशिश कर रही है कि विदेशी फंड को किस तरीके से भारतीय खातों में लाया गया और आगे किन संस्थाओं या व्यक्तियों को भेजा गया. आरोप है कि ट्रस्ट ने कई गैर-FCRA रजिस्टर्ड NGOs को फंड ट्रांसफर किया था, जो स्पष्ट रूप से कानून के खिलाफ है. आने वाले दिनों में कई और खुलासे और गिरफ्तारियां होने की उम्मीद जताई जा रही है. ED ने अभी आधिकारिक तौर पर कोई अंतिम बयान नहीं दिया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि जांच तेजी से आगे बढ़ रही है.
दिव्येश सिंह