दिल्ली के शाहदरा के जगतपुरी थाना क्षेत्र में रहने वाले एक व्यवसायी से रंगदारी वसूलने का एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. पीड़ित के घर एक दिन किसी लड़की ने पार्सल लाकर दिया. उसमें मानव अंगूठा और स्मार्टवॉच के साथ एक पत्र रखा हुआ था. उस पत्र में गाजा में लोगों की मदद के नाम पर 5 करोड़ रुपए मांगा गया. इसके साथ ही पैसे नहीं देने पर जान से मारने की धमकी भी दी गई. पीड़िता ने पुलिस से संपर्क किया. पुलिस ने इस विचित्र मामले को सुलझाते हुए एक लड़की सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) प्रशांत गौतम ने बताया कि यह घटना 16 अप्रैल को हुई. उस दिन व्यवसायी विकास जैन ने जगतपुरी पुलिस स्टेशन में शिकायत की कि एक लड़की ने उनके घर पर एक संदिग्ध पार्सल दिया है. उसमें रखे गए एक पत्र में चेतावनी दी गई कि यदि 10 दिनों के भीतर मांगी गई फिरौती का भुगतान नहीं किया गया, तो उन्हें और उनके परिवार को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. रंगदारी मांगने वाले ने पीड़ित से ये भी कहा कि वो उसे बहुत अच्छे से जानता है. उसे पता है कि वो मदद के लिए पैसे भुगतान कर सकता है.
पत्र में लिखा गया था, "भाई हम आपके बारे में बहुत अच्छी तरह जानते हैं. आपको पता ही होगा कि गाजा में हालात बहुत खराब हैं. इजराइल ने गाजा की हालत बहुत दयनीय बना दी है. वहां लोग भूख से मर रहे हैं. हम नहीं चाहते कि हमारे समुदाय के लोग इस तरह से पीड़ित हों. इसलिए आपको जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए. आपके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है. 10 दिनों के भीतर अपने घर के बाहर 5 करोड़ रुपए रख दीजिएगा. यदि आखिरी दिन की सुबह 8 बजे से पहले पैसे नहीं दिए गए, तो आपके साथ कुछ भी बुरा हो सकता है."
पीड़ित की शिकायत के आधार पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज करने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी. सीसीटीवी फुटेज के जरिए पुलिस पार्सल पहुंचाने वाली लड़की तक पहुंच गई.उससे पूछताछ में 45 वर्षीय अभिषेक के बारे में पता चला, जो पिछले 30 सालों से विकास जैन को जानता था. अभिषेक ने अपनी भतीजी, लड़की और रिश्तेदार सचिन जैन की मदद से साजिश रचने की बात कबूल की है. उसने 3500 रुपए में ऑनलाइन प्लास्टिक का अंगूठा और 500 रुपए में स्मार्टवॉच खरीदा था.
डीसीपी ने बताया कि उसने अपने मोबाइल फोन पर पत्र टाइप किया और उसे स्थानीय दुकान से प्रिंट करवाया. घटना वाले दिन अभिषेक ने अपनी भतीजी को पीड़िता के घर तक पहुंचाया और खुद दूर से निगरानी रखी. उसने शिकायतकर्ता की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किराए के सहयोगियों से भी संपर्क किया. अभिषेक के कहने पर सचिन जैन को भी गिरफ्तार कर लिया गया. अभिषेक के साथ उसे भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. लड़की को किशोर न्याय अधिनियम के तहत निगरानी गृह में रखा गया है.
पुलिस ने बताया कि पीड़ित को भेजे गए पत्र में लिखा था, "मुसलमान जानवर नहीं हैं. हम अपने लोगों से प्यार करते हैं. लेकिन यदि कोई मदद के रास्ते से दूर हो जाता है, तो वह हमारे लिए भाई नहीं रह जाता. याद रखना यदि आपने कोई गलती की, चाहे वो छोटी ही क्यों न हो, तो आप या आपका कोई करीबी मारा जाएगा. इससे पहले हम अपनी बात नहीं मानने पर एक शख्स की हत्या कर चुके हैं.'' पुलिस ने कहा कि हिरासत में लिए गए तीनों लोगों में से किसी का भी कोई पिछला आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था.
aajtak.in