दिल्ली का गैंग, मुंबई में चोरी और नेपाल में तस्करी... मोबाइल चोरों के अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश

दिल्ली पुलिस ने एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ कर 45 चोरी के मोबाइल फोन बरामद किए हैं. आरोपियों ने मुंबई में 'लालबागचा राजा' गणेश प्रतिमा विसर्जन जुलूस और जुहू चौपाटी में भीड़ का फायदा उठाकर महंगे फोन चोरी किए थे. नेपाल तस्करी की तैयारी कर रहे थे.

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दिल्ली पुलिस ने गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 45 महंगे फोन बरामद किए हैं. (Photo: X/@CrimeBranchDP) दिल्ली पुलिस ने गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 45 महंगे फोन बरामद किए हैं. (Photo: X/@CrimeBranchDP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:38 PM IST

मुंबई में हुए गणेश विसर्जन जुलूस में मोबाइल चोरी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पर्दाफाश किया है. पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 45 महंगे मोबाइल फोन बरामद किए हैं. सभी आरोपी इन मोबाइल फोन को नेपाल में तस्करी करने की तैयारी में थे. इससे पहले की अपने मंसूबों में सफल होते, पुलिस ने उनकी साजिश पर पानी फेर दिया.

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पुलिस उपायुक्त विक्रम सिंह ने बताया कि आरोपियों की पहचान मोहम्मद शकील (49), मोहम्मद शफीक (34), शमशुल हसन (40) और दिलशाद (36) के रूप में हुई है. मोबाइल चोरों का गिरोह मुंबई में लालबागचा राजा गणेश विसर्जन जुलूस और जुहू चौपाटी जैसे भीड़भाड़ वाले आयोजनों में सक्रिय था. भारी भीड़ में चोरी करना इनके लिए आसान था. इसी दौरान इन्होंने बड़ी संख्या में मोबाइल फोन गायब कर दिए.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस गिरोह ने चोरी किए गए मोबाइल नेपाल भेजने की योजना बनाई थी. इसके लिए इनके संपर्क उत्तर प्रदेश के बहराइच में सक्रिय थे. पुलिस जांच में सामने आया कि ये लोग इस तरह की वारदातों को अंजाम देने में माहिर थे. भीड़भाड़ वाले धार्मिक समारोहों और जुलूसों में लोगों को टारगेट बनाते और पलक झपते ही उनको मंहगे फोन पर अपना हाथ साफ कर जाते थे.

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गिरफ्तारी का पूरा ऑपरेशन भी फिल्मी अंदाज में किया गया. पुलिस ने आरोपियों की गतिविधियों पर मुंबई से ही नजर रखना शुरू कर दिया था. मोबाइल फोन लोकेशन से जानकारी मिली कि वे हरिद्वार एक्सप्रेस से दिल्ली लौट रहे हैं. इसके बाद मथुरा रेलवे स्टेशन पर एक टीम को पहले ही तैनात कर दिया गया. ट्रेन गुरुवार को जैसे ही हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पहुंची, आरोपियों को दबोच लिया गया.

पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गिरोह पिछले 10 साल से मोबाइल चोरी की वारदातों में शामिल रहा है. इस गिरोह का नेतृत्व शकील कर रहा था, जो पहले भी कई बार जेल जा चुका है. उसने स्वीकार किया कि चोरी किए गए मोबाइल फोन आमतौर पर नेपाल भेजे जाते थे. पुलिस ने यह भी बताया कि इन अपराधियों का दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में लंबा आपराधिक इतिहास है.

शकील पहले मंडोली, अजमेर और प्रयागराज की जेलों में रह चुका है. उसके साथियों पर चोरी, झगड़े और हथियारों से जुड़े मामलों में भी केस दर्ज हैं. जब्त किए गए फोन में से कम से कम पांच मोबाइल ऐसे हैं, जिनकी रिपोर्ट मुंबई पुलिस थानों में पहले से दर्ज एफआईआर से जुड़ी हुई है. इस गिरोह का मुख्य सरगना कामरान उर्फ सादिक को मुंबई पुलिस ने 6 सितंबर को ही गिरफ्तार कर लिया था. 

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