दिल्ली के नेब सराय, हौज खास और मालवीय नगर जैसे पॉश इलाकों में अचानक बढ़ी चोरियों ने पुलिस को अलर्ट मोड पर ला दिया. चोरी के तरीके, वारदात की टाइमिंग और घरों में घुसने का पैटर्न एक पुराने और कुख्यात नाम की तरफ इशारा कर रहा था. इसका नाम पारदी गैंग है. यह गिरोह मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में 60 से ज्यादा अपराधों में वांछित रहा है.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक गुप्त ऑपरेशन के दौरान पारदी गैंग के दो गुर्गों अरुण पारदी (37) और तेगा पारदी (40) को गिरफ्तार कर लिया. दोनों पर मध्य प्रदेश पुलिस ने 10-10 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था. तेगा पारदी साल 2024 में पुलिस हिरासत से फरार हो गया था. इसके बाद उसके सहयोग से इस गिरोह की गतिविधियां और खतरनाक हो गई थीं.
पुलिस को 14 नवंबर को एक सूचना मिली कि अरुण और तेगा अपने एक साथी से मिलने द्वारका के शाहाबाद रेलवे स्टेशन के पास पहुंचेंगे. जानकारी मिलते ही टीम ने इलाके को घेराबंदी कर जाल बिछाया. स्टेशन के पास पहुंचते ही दोनों को बिना किसी संघर्ष के दबोच लिया गया. पकड़े जाने के बाद हुई पूछताछ में दोनों ने चौंकाने वाला खुलासा किया. उन्होंने माना कि वे पारदी गैंग से जुड़े हैं.
एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक यह गिरोह अपने परिवारों के साथ घूमता रहता है. वे आमतौर पर रेलवे स्टेशनों के पास सड़क किनारे तिरपाल डालकर अस्थायी ठिकाने बनाते हैं. दिन में ये लोग बाजारों में खिलौने, गुब्बारे और छोटी-मोटी चीजें बेचते हुए घरों की रेकी करते हैं. इसके बाद रात होते ही गिरोह के सदस्य गुलेल और पत्थरों से लैस होकर टारगेट किए गए घरों में घुसते हैं.
वारदात के दौरान यदि कोई शख्स सामने आ जाए, तो वे सिर पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर देते हैं. इसके तुरंत बाद गिरोह के लोग दूसरे शहरों में चले जाते हैं, ताकि गिरफ्तारी से बचा जा सके. अरुण पारदी और तेगा पारदी का आपराधिक रिकॉर्ड बेहद लंबा है. मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात के कई जिलों में इनके खिलाफ हत्या, सशस्त्र डकैती और चोरी जैसे गंभीर केस दर्ज हैं.
कई मामलों में ये पुलिस को चकमा देकर फरार भी होते रहे हैं. दिल्ली में हाल की चोरियों में इनके शामिल होने के पुख्ता संकेत मिलने के बाद ही क्राइम ब्रांच ने इनकी तलाश तेज की थी. गिरफ्तारी के बाद दोनों को कानूनी औपचारिकताएं पूरी करके मध्य प्रदेश पुलिस को सौंप दिया गया है, जहां इनके खिलाफ कई पुराने केस फाइल खुले पड़े हैं.
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