दिल्ली: जानिए, गणतंत्र दिवस के मौके पर कैसे हिंसा का 'एपीसेंटर' बन गया आईटीओ

पुलिस और किसानों के बीच ज़ोरदार भिड़ंत हो रही थी. आईटीओ पर ट्रैक्टर परेड को रोकने के लिए डीटीसी बसें लगाई गईं, तो ऐसा लगा कि जैसे लोग डीटीसी बसों को ही उठाकर फेंक देंगे. भीड़ बेकाबू हुई तो पुलिस ने जमकर आंसू गैस के गोले दागे और किसान भागने लगे.

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आईटीओ के अलावा भी दिल्ली में कई जगह किसानों से पुलिस की भिड़ंत हुई आईटीओ के अलावा भी दिल्ली में कई जगह किसानों से पुलिस की भिड़ंत हुई

ऐश्वर्या पालीवाल / अरविंद ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 26 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 9:46 PM IST
  • आईटीओ पर ट्रैक्टर परेड में मच गया गदर!
  • आंसू गैस के गोले बरसे, लाठियां चली, हुआ पथराव
  • डीटीसी बसों में ट्रैक्टरों से मारी गई टक्कर

दिल्ली में किसान आंदोलन के नाम पर जो कुछ हुआ उसका एपीसेंटर बना आईटीओ. वहां पर जो हुआ, वो वाकई चिंता जनक है. हम आपको बता दें कि गाज़ीपुर से जब किसानों ने दिल्ली में घुसने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोका लेकिन प्रदर्शकारी रुकने के बजाय पुलिस से ही भिड़ गए. ऐसे में आईटीओ हिंसा का एपीसेंटर बन गया. 

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राजपथ पर जैसे ही गणतंत्र दिवस की परेड का समापन हुआ. ट्रैक्टर परेड में किसानों का आक्रोश फूट पड़ा, जैसा कि किसानों की ओर से पहले ही कहा गया था कि वो एक फरवरी को संसद का घेराव करेंगे. उसकी तैयारी किसानों ने आज ही शुरू कर दी. जानकारी के मुताबिक गाज़ीपुर बॉर्डर से किसान सराय काले खां, होते हुए आईटीओ और दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर की ओर पहुंच गए. वहीं आईटीओ और दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर जहां से संसद की दूरी महज़ 2 से 2.5 किलोमीटर है. इसके बाद जो वहां गदर सा मचा, उसकी तस्वीरें पूरे देश ने देखी. 

वहां पुलिस और किसानों के बीच ज़ोरदार भिड़ंत हो रही थी. आईटीओ पर ट्रैक्टर परेड को रोकने के लिए डीटीसी बसे लगाई गईं, तो ऐसा लगा कि जैसे लोग डीटीसी बसों को ही उठाकर फेंक देंगे. भीड़ बेकाबू हुई तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. और किसान भागने लगे. उस इलाके में आंसू गैस के गोलों के धमाकों की आवाज़ गूंज रही थी. एक तरफ किसान थे, दूसरी तरफ पुलिस और सीआरपीएफ के जवान.

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और आईटीओ पर हिंसा के बीचो-बीच खड़ा था आजतक, जी हां आजतक ने पुलिस का एक्शन भी देखा, और किसानों का भड़कता रिएक्शन भी. एक ट्रैक्टर वाला पुलिस फोर्स के बीच ट्रैक्टर दौड़ा रहा था. कई डीटीसी बसों के शीशे तोड़ दिये गए. डीटीसी की बसों में ट्रैक्टरों से टक्कर मारी गई. आईटीओ पर उपद्रव की तस्वीरें खौफजदा कर रहीं थी. वहां लगी पूरी रेलिंग को तोड़ दिया गया. 

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पुलिस और किसानों के बीच जमकर पत्थरबाज़ी भी हुई. आईटीओ से खबरें भी आयीं कि किसानों ने आईटीओ पर पुलिस बस और क्रेन को भी हाईजैक किया. तस्वीरों में देखा जा सकता है कि कैसे किसान हाथों में झंडे लेकर और सीना तानकर दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों को चुनौती दे रहे थे. किसानों के हाथों में लोहे की रॉड थीं.

जैसे जैसे आईटीओ पर उपद्रव बढ़ रहा था, इंद्रप्रस्थ समेत ग्रीन लाइन के सभी स्टेशन बंद कर दिए गए. डीएमआरसी ने आईटीओ मेट्रो स्टेशन भी बंद कर दिया. किसानों और पुलिस के बीच जब झड़प और तेज़ हो गई तो रेपिड एक्शन फोर्स यानी आरएएफ को बुलाया गया. हम आपको बता दें कि किसानों से कहा गया था कि एक ट्रैक्टर पर 5 से ज़्यादा लोग नहीं होंगे, साथ ही बोनट और बंपर पर किसी को भी बैठने की इजाजत नहीं दी गई थी.

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किसान ट्रैक्टर परेड का रूट भी दिल्ली के बाहर से होते हुए बनाया गया था, लेकिन किसानों ने दिल्ली पुलिस से किये गए सारे वादे तोड़ दिये और जब दिल्ली पुलिस ने किसानों को आईटीओ के तरफ आने से रोका तो पुलिस और किसानों में ही भिड़ंत हो गई. और तो और कई पुलिसवाले किसानों के बीच बुरी तरह से घिर गए और किसी तरह से उनकी जान बची.

 

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