दिल्लीः टिल्लू ताजपुरिया गैंग का 'वॉन्टेड' सदस्य गिरफ्तार, 2018 से चल रहा था फरार

पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद जब पूछताछ शुरू की तो आरोपी लंबे समय तक अपनी पहचान छिपाता रहा. उसने ये मानने से ही इनकार कर दिया कि वो संदीप है. लेकिन पुलिस की सख्ती और कुछ जांच के बाद ये साफ हो गया कि पकड़ा गया आरोपी टिल्लू ताजपुरिया गैंग का 'वॉन्टेड' सदस्य ही है.

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पुलिस के हाथ लगा वॉन्टेड अपराधी ( सांकेतिक फोटो) पुलिस के हाथ लगा वॉन्टेड अपराधी ( सांकेतिक फोटो)

तनसीम हैदर

  • नई दिल्ली,
  • 27 जून 2021,
  • अपडेटेड 12:15 AM IST
  • संदीप ने पहले छिपाई पहचान, फिर कबूला जुर्म
  • तीन साल बाद पुलिस के हाथ लगा वॉन्टेड अपराधी
  • 2015 में गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल में डाला गया था

दिल्ली पुलिस के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है. ऑपरेशन क्लीन के अंतर्गत पुलिस द्वारा टिल्लू ताजपुरिया गैंग का 'वॉन्टेड' सदस्य गिरफ्तार कर लिया गया है. जिस आरोपी को पुलिस पिछले 3 साल से तलाश रही थी, अब वो दिल्ली में पकड़ा गया है. 32 वर्षीय संदीप पर मर्डर के आरोप हैं. उस केस में उसे जेल भी हो चुकी है. लेकिन 2018 में वो पैरोल पर बाहर आ गया था और उसके बाद से ही फरार हो गया.

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अब दिल्ली को ऐसे अपराधियों से मुक्त करने के लिए डीसीपी राजीव रंजन सिंह ने मिशन क्लीन ऑपरेशन शुरू किया. इस मिशन के जरिए राजधानी के तमाम बड़े अपराधी और गैंगस्टर को पकड़ना था. इस ऑपरेशन के तहत पुलिस को संदीप को लेकर कुछ जानकारी मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने रेड मारी और संदीप जाल में फंस गया. अब संदीप तो गिरफ्तार हुआ ही, उसके पास से कंट्री मेड पिस्टल भी बरामद की गई है. 

पहले छिपाई पहचान, फिर कबूला जुर्म

गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो आरोपी लंबे समय तक अपनी पहचान छिपाता रहा. उसने ये मानने से ही इनकार कर दिया कि वो संदीप है. लेकिन पुलिस की सख्ती और कुछ जांच के बाद ये साफ हो गया कि पकड़ा गया आरोपी टिल्लू ताजपुरिया गैंग का 'वॉन्टेड' सदस्य ही है.

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इसके बाद संदीप ने खुद बताया कि वो अपनी पहचान क्यों छिपा रहा था. उसके मुताबिक जब से उसे पैरोल मिली थी, तब से वो फरार था. उसने आत्मसमर्पण नहीं किया था. इसी वजह से वो अपनी पहचान छिपाने का प्रयास कर रहा था.

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जानकारी के लिए बता दें कि संदीप को साल 2015 में गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल में डाला गया था. लेकिन जेल के अंदर भी उसकी आपराधिक गतिविधिया जारी रहीं और उसने अपनी गैंग की मदद से नीतू दाबोदिया गैंग के एक सदस्य को जान से मार दिया. बाद में उसे पैरोल मिल गई और वो फिर फरार हो गया. लेकिन अब फिर वो कानून के हत्थे चढ़ गया है और उसके खिलाफ कई गंभीर मामले भी दर्ज हैं.

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