दिल्ली पुलिस ने शनिवार को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराने के नाम पर कोरोना संक्रमित मरीजों के परिजनों से पैसे ठगने वाले भाई-बहन को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि उन्होंने मरीज के परिजनों से सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराने के नाम पर 5 लाख रुपये की डिमांड की थी. लेकिन 2.80 लाख रुपये एडवांस लेने के बाद फरार हो गए थे. दोनों भाई-बहन हिमाचल के मंडी में जाकर छिप गए थे. जिसके बाद पुलिस की एक टीम ने वहां पहुंचकर दोनों को गिरफ्तार किया.
दिल्ली पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि एम्स के लैब असिस्टेंट और उसकी बहन ने मिलकर कोरोना मरीज के तीमारदार से 2 लाख 80 हजार रुपये सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराने के नाम पर ले लिए. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने आरोपी लैब असिस्टेंट पंकज कुमार और उसकी बहन कंवलप्रीत कौर को गिरफ्तार किया है.
रोहिणी जिले के डीसीपी प्रणव तायल ने बताया कि पुलिस को हरिपाल कुमार नाम के एक शख्स ने कोविड-19 हेल्पलाइन पर खबर दी थी कि एम्स में मौजूद कर्मचारी ने ऑक्सीजन बेड उपलब्ध कराने के नाम पर उससे 5 लाख रुपये मांगे थे जबकि 2 लाख 80 हजार रुपये एडवांस भी ले लिए हैं. जांच में पुलिस ने पाया कि पंकज लगातार हरिपाल के संपर्क में था और 5 लाख रुपयों की मांग कर रहा था. इसके बाद आरोपी पंकज ने हरिपाल को अपनी बहन कंवलजीत कौर का नंबर दिया.
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हैरानी की बात ये थी कि हरिपाल के परिवार ने बिना किसी सिफारिश के अपनी बीमार पत्नी का दाखिला एम्स में करवा दिया. जिसके बाद नीरज और उसकी बहन कंवलप्रीत लगातार इस परिवार से बाकी के 2 लाख 20 हजार रुपये की मांग कर रहे थे. जबकि 2 लाख 80 हजार रुपये उनको पहले ही दिए जा चुके थे. पुलिस ने जब कंवलप्रीत और पंकज की तलाश शुरू की तो पता चला कि दोनों ही पैसा लेने के बाद हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में जाकर छिप गए हैं.
डीसीपी प्रणव तायल ने बताया कि रोहिणी जिले के सब इंस्पेक्टर सुरेंद्र खत्री की अगुवाई में दिल्ली पुलिस की एक टीम हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के लिए रवाना की गई. दोनों आरोपी भाई-बहन को दिल्ली पुलिस ने हिमाचल प्रदेश के मंडी से गिरफ्तार कर लिया. आरोपी पंकज को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है.
तनसीम हैदर