चार साल पहले, बृजमोहन का छह साल का बेटा उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ में अपने घर से लापता हो गया था. वह बोलने और सुनने में अक्षम था. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, उस समय बृजमोहन ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई और मदद के लिए हर दिन सरकारी विभागों और मीडिया कार्यालयों के चक्कर लगाए. यहां जिस चीज ने उसकी खोज को कठिन बना दिया वह बच्चे की विकलांगता थी. आखिरकार, बृजमोहन अलीगढ़ के डिप्टी एसपी मोहसिन खान से मिला, जिन्होंने लापता लड़के का पता लगाने और परेशान माता-पिता को उनके बच्चे को दिलाने का जिम्मा लिया.
कई पुलिस स्टेशनों को बच्चे की तस्वीर वाले पैम्फलेट भेजे गए और विभिन्न जिलों में बाल आश्रय गृहों, अनाथालयों, आश्रमों और विशेष रूप से विकलांग बच्चों के लिए बने स्कूलों में पूछताछ की गई. अंत में, बच्चा रोहित, जो अब 10 वर्ष का है, फिरोजाबाद में सरकार के बच्चों के ऑब्जरवेशन सेंटर में पाया गया.
बाद में उसे बाल कल्याण समिति द्वारा बृजमोहन को सौंप दिया गया था. लड़का अगस्त 2019 में लापता हो गया था. एसएसपी अलीगढ़ कलानिधि नैथानी, जिन्होंने डीएसपी को मामले पर काम करने का निर्देश दिया था, ने कहा, “दिहाड़ी मजदूर बृजमोहन द्वारा लापता की एक रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. लड़का बोल नहीं सकता था, इसलिए उसे ढूंढ़ना एक चुनौती थी. जांच के लिए विभिन्न पुलिस रिकॉर्ड और जानकारी इकट्ठा की गई, तुलना की गई और मिलान किया गया. लड़के की तस्वीर वाले पैम्फलेट छपवाए गए और आस-पास के जिलों में बांटे गए.”
डीएसपी खान ने कहा, “एक बार जब मुझे एसएसपी द्वारा ये काम सौंपा गया, तो मैंने यूपी में ऑब्जर्वेशन होम की एक सूची बनाई. मैं सुबह इन घरों में लड़के की डिटेल भेज देता था और शाम को अपडेट ले लेता था.
एक हफ्ते पहले फिरोजाबाद के ऑब्जर्वेशन सेंटर के एक अधिकारी ने बर्थ मार्क वाली कुछ तस्वीरें भेजीं. उसके माता-पिता को सूचित किया गया और उन्होंने उसकी पहचान की पुष्टि की. इसके बाद लड़के को अलीगढ़ लाया गया और मेडिकल परीक्षण के बाद उन्हें सौंप दिया गया. वह अच्छे स्वास्थ्य में है. बृजमोहन ने कहा- ऐसा कोई दिन नहीं हुआ जब मैंने अपने बेटे को याद नहीं किया. मैं रोज जानकारी के लिए पुलिस थानों में जाता था. मैंने मीडिया दफ्तरों से भी मदद मांगी. मुझे यकीन था कि मेरा बेटा फिर से मेरे साथ होगा.
aajtak.in