आंध्र प्रदेश के कोनासीमा जिले से दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है. मोरमपुडी इलाके के एक निजी स्कूल के छात्रावास में दो छात्रों ने अपने ही साथी पर बर्बरता की सारी हदें पार कर दीं. 18 अगस्त को दोनों ने अपने सहपाठी के पेट और हाथों को गरम लोहे के बक्से से दाग दिया. पीड़ित गंभीर रूप से झुलस गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना में शामिल तीनों छात्र दलित समुदाय से आते हैं. इस हैवानियत की शुरुआत एक सीसीटीवी कैमरा गायब होने से हुई थी. 16 अगस्त को छात्रावास में बच्चों को फिल्म दिखाई गई थी. इसी दौरान आरोपी छात्रों ने कैमरा निकालकर पीड़ित के बैग में डाल दिया. कैमरा गायब मिला तो वार्डन ने छात्रों को पूछताछ के लिए बुलाया.
पीड़ित ने सच्चाई बताते हुए कहा कि कैमरा उसके साथियों ने उसके बैग में रखा था. यह सुनकर आरोपी बौखला गए और बदला लेने की ठान ली. 18 अगस्त को उन्होंने छात्रावास के कमरे में पीड़ित को पकड़ लिया. उसके साथ हैवानियत की हद पार कर दी. गरम लोहे के बक्से से उसका पेट और हाथ जला दिया. पीड़ित दर्द से तड़पने लगा. चीख-पुकार करने लगा.
हैरानी की बात यह रही कि छात्रावास का स्टाफ मौके पर पहुंचा, फिर भी उसने घटना को नजरअंदाज कर दिया. पीड़ित छटपटाता रहा, मदद की गुहार लगाता रहा लेकिन किसी ने उसकी सुध नहीं ली. इसी बीच उसकी मां मिलने आई तो बेटे के शरीर पर जले के निशान देख सन्न रह गई. उसने बेटे से पूछा तो पूरी घटना पता चल गई. मां रोते हुए बेटे को अस्पताल ले गई.
उसकी आंखों से आंसू थम नहीं रहे थे. उन्होंने कहा, "तीन महीने पहले मेरे पति की मौत हो गई थी. अब मैं अपने बेटे को नहीं खो सकती." पीड़ित की मां की शिकायत के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. यह घटना अकेली नहीं है. इससे पहले 7 अगस्त को आंध्र प्रदेश के पालनाडु जिले में भी दलित छात्रों पर हैवानियत का मामला सामने आया था.
वहां सरकारी पिछड़ा वर्ग कल्याण छात्रावास में छह छात्रों ने दो नाबालिग दलित बच्चों को बिजली का झटका देने की कोशिश की थी. आरोप है कि यह हमला एक दलित छात्र को नाबालिग लड़की से अलग करने की साजिश का हिस्सा था. 9 अगस्त को इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी थी.
डीएसपी पी. जगदीश ने बताया था कि पांच वयस्क और एक नाबालिग आरोपी शामिल थे. छात्रावास प्रभारी ने भी माना कि वीडियो में पीड़ित छात्र को उसके साथी बेरहमी से पीट रहे थे. आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था.
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