उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के पलटन बाजार में एक छात्रा के साथ हुई छेड़खानी के बाद लोगों ने जमकर बवाल किया. इस मामले में पुलिस ने मंगलवार को 50 संदिग्धों को हिरासत में लिया है. पिछले हफ्ते एक फुटवियर की दुकान के कर्मचारी द्वारा एक लड़की से छेड़छाड़ को लेकर दो समुदायों के व्यापारियों के बीच तनाव पैदा हो गया था, जिसके बाद पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि यह अभियान उन लोगों की पहचान सत्यापित करने के लिए चलाया जा रहा है जो दुकानों में काम करने या बाजार में स्टॉल लगाने के लिए राज्य के बाहर से आए हैं. इस अभियान के बाद 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है. उन सभी को पुलिस लाइन लाया गया है. व्यापारियों से इस अभियान में पुलिस को अपना पूरा सहयोग देने को कहा गया है.
जानकारी के मुताबिक, एक छात्रा 7 सितंबर को पलटन बाजार में एक फुटवियर की दुकान पर गई थी, जहां एक कर्मचारी ने उसे जूते दिखाते हुए छेड़छाड़ कर दी. वो घर लौटी और अपने माता-पिता से इसकी शिकायत कर दी. उसके परिजन पड़ोसियों के साथ थाने पहुंचे और अपनी शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने तत्काल भारतीय न्याय संहिता की धारा 74/75 (2) के तहत मामला दर्ज कर लिया.
इसके बाद आरोपी उमर (24) को गिरफ्तार कर लिया गया. उमर मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के कीरतपुर क्षेत्र के बुडगेरा गांव का रहने वाला है. उसकी पिटाई के विरोध में सोमवार को एक समुदाय ने पलटन बाजार में अपनी दुकानें बंद कर दी. इससे नाराज दूसरे समुदाय के लोगों ने भी महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए अपनी दुकानें बंद कर दी. इससे बाजार में तनाव पैदा हो गया.
इसके बाद वहां भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा. देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने दोनों समुदायों के व्यापारियों के साथ बैठक कर उन्हें शांत कराया. हाल ही में चमोली जिले के नंदानगर में दूसरे समुदाय के नाई द्वारा नाबालिग लड़की को कथित तौर पर 'अश्लील इशारे' करने को लेकर कई दिनों तक तनाव बना रहा.
रुद्रप्रयाग जिले में आधा दर्जन से अधिक गांवों में लोगों ने अपने घरों के प्रवेश द्वारों पर साइनबोर्ड लगा दिए, जिन पर लिखा था 'गैर-हिंदुओं का प्रवेश वर्जित'. हालांकि, पुलिस के हस्तक्षेप के बाद इन बोर्डों की भाषा बदलकर "बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित" कर दिया गया. सोमवार को आपत्तिजनक साइनबोर्ड हटा दिए गए. इन घटनाओं पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सामाजिक सौहार्द और शांति को बिगाड़ने की कोशिश करने वाले आपराधिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा, "राज्य के लोग शांतिप्रिय हैं. यदि आपराधिक प्रवृत्ति के लोग बाहर से यहां आकर अशांति फैलाते हैं, तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऐसे आपराधिक तत्वों की पहचान के लिए बड़े पैमाने पर सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है.''
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