राजस्थान के कोटा में नहीं थम रहा खुदकुशी का सिलसिला, बीते 5 महीने में 14 छात्रों ने दी जान

राजस्थान के कोटा में छात्रों की खुदकुशी का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा घटनाक्रम में कोटा के लक्ष्मण विहार कॉलोनी में रहने वाले 25 वर्षीय उज्ज्वल गुप्ता ने बेरोजगारी और अवसाद के चलते आत्महत्या कर ली. वो एक बी.टेक ग्रेजुएट था. लंबे समय से नौकरी की तलाश में था.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

aajtak.in

  • कोटा ,
  • 18 मई 2025,
  • अपडेटेड 11:18 PM IST

राजस्थान के कोटा में छात्रों की खुदकुशी का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा घटनाक्रम में कोटा के लक्ष्मण विहार कॉलोनी में रहने वाले 25 वर्षीय उज्ज्वल गुप्ता ने बेरोजगारी और अवसाद के चलते आत्महत्या कर ली. वो एक बी.टेक ग्रेजुएट था. लंबे समय से नौकरी की तलाश में था. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने उसका शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. इस मामले की जांच की जा रही है.

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सर्किल इंस्पेक्टर अरविंद भारद्वाज ने बताया कि उज्ज्वल गुप्ता ने 17 और 18 मई की दरम्यानी रात अपने घर के कमरे में पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. जब परिवार वालों ने रात करीब 2 बजे कमरे का दरवाजा खुला पाया, तो उन्होंने देखा कि उज्ज्वल पंखे से लटका हुआ था. तुरंत उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है.

मृतक परिजनों से बातचीत में यह बात सामने आई कि उज्ज्वल गुप्ता पिछले कुछ समय से मानसिक रूप से बेहद परेशान था. उसने कुछ साल पहले बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (B.Tech) की डिग्री हासिल की थी. सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहा था. उज्ज्वल के पिता कोटा थर्मल पावर प्लांट में सहायक इंजीनियर हैं. उन्होंने बताया कि उनका बेटा लगातार नौकरी की असफलता से टूट चुका था. बहुत हताश था. 

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उसके कई दोस्तों को नौकरी मिल गई थी, लेकिन उज्ज्वल को अभी तक कोई सफलता नहीं मिली थी. इसी बात ने उसे अंदर से तोड़ दिया था और वह गहरे डिप्रेशन में चला गया था. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 194 के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस आगे की जांच जारी है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, ताकि मौत की वजह पता चले.

बताते चलें कि कोटा देशभर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए जाना जाता है, लेकिन यह शहर अब खुदकुशी का प्रतीक बनता जा रहा है. हर साल यहां दर्जनों युवा आत्महत्या जैसा कदम उठाते हैं, जिनकी जड़ में बेरोजगारी, प्रतिस्पर्धा और सामाजिक दबाव होता है. इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि शैक्षणिक योग्यता और डिग्री होने के बावजूद रोजगार नहीं मिलने से युवा परेशान है.

बीते 4 महीने में कोटा खुदकुशी के 14 मामले सामने आ चुके हैं. साल 2024 में कोटा में कुल 19 छात्रों ने सुसाइड किया था. साल 2023 में 29 छात्रों के आत्महत्या के मामले सामने आए थे. इन मामलों को रोकने के लिए पुलिस ने कई कदम उठाए हैं. इसके लिए हॉस्टल के कमरों में एंटी हैंगिंग डिवाइस लगाई गई हैं. इसके अलावा छात्रों के लिए एक हेल्प्लाइन नंबर भी जारी किया गया है, जिससे छात्र प्रशासन से बात कर सकते हैं. 

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नोट:- (यदि आपके या आपके किसी परिचित के मन में आता है खुदकुशी का ख्याल तो ये बेहद गंभीर मेडिकल एमरजेंसी है. तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें. आप टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर भी कॉल कर सकते हैं. यहां आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी. विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे. याद रखिए जान है तो जहान है.)

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