झारखंड के पलामू जिले में प्रेम प्रसंग को लेकर एक सनसनीखेज हत्या का मामला सामने आया है. यहां एक 22 वर्षीय युवक को उसकी प्रेमिका के परिजनों ने मौत के घाट उतार दिया. हत्या को हादसा दिखाने के लिए आरोपियों ने शव को रेलवे ट्रैक पर छोड़ दिया, ताकि मामला ट्रेन दुर्घटना लगे. लेकिन पुलिस जांच ने इस हैरान करने वाली साजिश का पर्दाफाश कर दिया.
जानकारी के मुताबिक, शनिवार तड़के पालमू के मेदिनीनगर के जोगियाही में रेल ट्रैक किनारे एक युवक का क्षत-विक्षत शव मिला. युवक की पहचान 22 साल के अमरेंद्र सिंह उर्फ बबलू के रूप में हुई. शुरुआत में मामला रेल हादसे जैसा लगा, लेकिन जब पीड़ित परिवार ने हत्या की आशंका जताई तो पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाया. इसके बाद चौंकाने वाला सच सामने आया.
पुलिस की पड़ताल में खुलासा हुआ कि बबलू का पिछले पांच साल से एक लड़की के साथ प्रेम संबंध था. साल 2022 में उस लड़की की शादी उसके परिवार ने किसी और से करा दी, लेकिन इसके बावजूद दोनों एक-दूसरे से लगातार मिलते रहे. यही बात लड़की के घरवालों को बिल्कुल मंजूर नहीं थी. परिवार लगातार इस रिश्ते को खत्म करने का उन पर दबाव बना रहा था.
रस्सी और गमछे से गला घोंटकर कर दी हत्या
पुलिस जांच में पता चला कि स्वतंत्रता दिवस की रात बबलू अपनी प्रेमिका से मिलने उसके घर गया था. तभी लड़की के परिवार के लोग वहां पहुंच गए. उन्होंने बबलू को पकड़कर घर के भीतर खींच लिया. इसके बाद रस्सी और गमछे से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी. वारदात को छिपाने के लिए शव को रात में रेलवे ट्रैक पर डाल दिया गया, ताकि हत्या एक हादसा लगे.
पुलिस जांच के दौरान मिले कई अहम संकेत
16 अगस्त की सुबह जब रेलवे ट्रैक पर बबलू का शव दो हिस्सों में बंटा मिला तो आसपास हड़कंप मच गया. पहले इसे दुर्घटना मानकर मामला शांत करने की कोशिश की गई, लेकिन मृतक के परिवार की शिकायत और कई संदिग्ध हालातों ने पुलिस को गहरी जांच करने पर मजबूर कर दिया. पुलिस की जांच के दौरान सारे सबूत हत्या की ओर इशारा कर रहे थे.
चार आरोपी गिरफ्तार, ये सामान भी बरामद
पलामू पुलिस ने लड़की के परिवार के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. हत्या में इस्तेमाल की गई रस्सी और गमछा भी जब्त कर लिए गए हैं. इसके अलावा एक मोबाइल फोन और मोटरसाइकिल भी बरामद हुई है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस हत्याकांड की जड़ वही पुराना प्रेम प्रसंग है, जिसे लड़की का परिवार किसी भी तरह स्वीकार नहीं कर रहा था.
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