IPS अफसर की कॉल, आतंकी संगठन का डर... महाराष्ट्र में साइबर ठगों ने रिटायर्ड कर्मचारी से लूटे 78 लाख

Chhatrapati Sambhajinagar Cyber Fraud Case: महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले में साइबर ठगी की एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है. यहां 77 वर्षीय एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी से दो साइबर जालसाजों ने 78.6 लाख रुपए की ठगी कर ली.

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छत्रपति संभाजीनगर जिले में साइबर ठगी की एक सनसनीखेज वारदात.  (Photo: AI-generated) छत्रपति संभाजीनगर जिले में साइबर ठगी की एक सनसनीखेज वारदात. (Photo: AI-generated)

aajtak.in

  • छत्रपति संभाजीनगर,
  • 11 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 6:51 PM IST

महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले में साइबर ठगी की एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है. यहां 77 वर्षीय एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी से दो साइबर जालसाजों ने 78.6 लाख रुपए की ठगी कर ली. इस मामले के सामने आने के बाद क्रांति चौक पुलिस स्टेशन में आईपीसी और आईटी एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज कर ली गई है. पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है.

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शिकायतकर्ता का नाम एकनाथ जोशी है. वह पूर्व में सरकारी सेवा में कार्यरत रहे हैं. उन्होंने पुलिस को बताया कि 2 जुलाई को उनके पास एक फोन कॉल आया. कॉलर ने खुद को पुलिस अधिकारी बताया और दावा किया कि एक आतंकवादी संगठन ने उनकी पत्नी के बैंक खाते में 20 लाख रुपए ट्रांसफर किए हैं. इसके साथ ही चेतावनी दी कि इसकी वजह से उनकी कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है.

ठग ने डर का माहौल बनाकर कहा कि बहुत जल्द उनकी संपत्ति भी जब्त कर ली जाएगी. भयभीत एकनाथ जोशी को यकीन दिलाया गया कि वो चाहें तो इस संकट से बच सकते हैं, बशर्ते कि वो एक सीनियर अफसर से बात करें. इसके बाद दूसरे नंबर से कॉल आया. इस बार कॉलर ने खुद को एक आईपीएस अधिकारी बताया. उसने कहा कि वो महाराष्ट्र के निवासी होने के नाते उनकी मदद करना चाहता है.

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4 जुलाई को उसी व्यक्ति ने दोबारा कॉल किया और उन्हें अलग-अलग बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने के निर्देश दिए. उसने भरोसा दिलाया कि यह केवल एक औपचारिकता है. जांच के बाद सभी पैसे उन्हें लौटा दिए जाएंगे. डरे हुए एकनाथ जोशी ठगों की बातों में आकर उनके जाल में फंस गए. उन्होंने और उनकी पत्नी ने मिलकर कुल 78.6 लाख रुपए आरोपियों के बताए गए खातों में ट्रांसफर कर दिए.

कुछ दिन बाद जब कोई रकम वापस नहीं आई और ठगों से संपर्क भी नहीं हो सका, तो उन्हें शक हुआ. उन्होंने यह पूरी बात अपने रिश्तेदारों को बताई. तब जाकर मामला पुलिस तक पहुंचा और शिकायत दर्ज कराई गई. पुलिस अब बैंक डिटेल्स और कॉल रिकॉर्ड्स के आधार पर आरोपियों की पहचान करने में जुटी है. बीते कुछ वर्षों में साइबर ठगी के मामलों में बढोतरी देखी गई है.

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