ऑनलाइन ट्रेडिंग का टर्बुलेंस और 3.16 करोड़ का फ्रॉड... साइबर ठगों के जाल में ऐसे फंसा एयर इंडिया पायलट

मुंबई में करोड़ों रुपए की साइबर ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया है. हैरान कर देने वाली बात ये है कि पीड़ित एक सीनियर पायलट हैं, जो एयर इंडिया में कार्यरत हैं. हैं. इस मामले में शिकायत मिलने के बाद साइबर थाने में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.

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मुंबई में करोड़ों रुपए की साइबर ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया है. (Photo: AI Generated) मुंबई में करोड़ों रुपए की साइबर ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया है. (Photo: AI Generated)

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 23 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 11:38 PM IST

मुंबई में करोड़ों रुपए की साइबर ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया है. हैरान कर देने वाली बात ये है कि पीड़ित एक सीनियर पायलट हैं, जो एयर इंडिया में कार्यरत हैं. इस मामले में शिकायत मिलने के बाद साइबर थाने में भारतीय न्याय संहिता और आईटी एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.

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के एक वरिष्ठ पायलट शेयर बाजार में निवेश कर घर बैठे मुनाफा कमाने का सपना देख रहे थे. लेकिन सपनों की यह उड़ान उन्हें साइबर ठगी के ऐसे भंवर में ले गई, जहां से बाहर निकलते-निकलते वह 3.16 करोड़ रुपये गंवा बैठे. एयर इंडिया में तैनात 56 वर्षीय इस पायलट को साइबर जालसाजों ने बड़े ही शातिराना अंदाज़ में निशाना बनाया. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

जानकारी के मुताबिक, ठगी का ये पूरा घटनाक्रम इसी साल मई में शुरू हुआ. एयर इंडिया में तैनात 56 वर्षीय पायलट ने शेयर बाजार में निवेश से जुड़े कुछ वीडियो यूट्यूब पर देखे. इन वीडियो के जरिए उन्हें एक व्हाट्सएप नंबर मिला. उन्होंने उस नंबर पर संपर्क किया. इसके बाद उनके पास एक महिला की कॉल आई. उसने खुद को एक सहायक सलाहकार बताते हुए कंपनी में कार्यरत बताया.

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महिला ने कहा कि वो एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज में कार्यरत है. इसके बाद वो पायलट से बात करने लगी. उसकी बातों पर यकीन होने के बाद पीड़ित एक व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ गए. उस ग्रुप में लगातार शेयर ट्रेडिंग से जुड़े टिप्स दिए जाने लगे. धीरे-धीरे महिला ने पायलट को एक ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा, तो उन्होंने झिझकते हुए ही सही उसकी बात मानकर वैसा कर लिया.

इसके बाद महिला की सलाह पर अलग-अलग शेयरों में पैसा लगाना शुरू कर दिया. इस साइबर ठगी का जाल इतनी चतुराई से बुना गया कि पायलट को लगे कि उनकी हर इन्वेस्टमेंट से बड़ा मुनाफा हो रहा है. महिला ने उन्हें ऐसे बैंक अकाउंट नंबर भेजे, जिनमें वह लगातार पैसे ट्रांसफर करते रहे. 11 जुलाई तक पायलट ने कुल 3.16 करोड़ रुपए साइबर ठगों के बताए बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए.

एक दिन पायलट की पत्नी ने भी ऐप डाउनलोड किया और देखा कि उसके पति के नाम पर 15.82 करोड़ रुपए का मुनाफा दिखाया जा रहा है, जबकि खुद उसके अकाउंट में 6.73 करोड़ का लाभ बताया गया. जब उन्होंने इस रकम को निकालने की कोशिश की, तो ऐप में एक कॉल का विकल्प आया. एक शख्स ने खुद को कंपनी का अधिकारी बताते हुए कहा कि रकम निकालने के लिए 10 फीसदी टैक्स देना होगा.

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टैक्स की रकम उनको एडवांस में देनी होगी. इस पर पायलट को शक हुआ कि कहीं वह किसी ठगी के शिकार तो नहीं हो गए. संदेह होने पर उन्होंने तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई. 19 जुलाई को पश्चिम क्षेत्र साइबर थाने भी गए. वहां उनकी शिकायत के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया. फिलहाल साइबर पुलिस मामले की तह तक पहुंचने के लिए जांच कर रही है.

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