राजस्थान: SBI में 64 लाख की फिक्स्ड डिपॉजिट में ठगों ने लगाई सेंध, लाखों उड़ाए

जोधपुर में साइबर अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि उन्होंने एक रिटायर्ड बुजुर्ग इंजीनियर की एफडी में ही सेंध ही लगा दी. बुजुर्ग ने 60 ने लाख की एफडी एसबीआई बैंक में कराई थी. पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है.

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सांकेतिक - फोटो सांकेतिक - फोटो

अशोक शर्मा

  • जोधपुर ,
  • 02 जून 2021,
  • अपडेटेड 11:45 AM IST
  • 60 लाख रुपये की एफडी में सेंध
  • साइबर अपराधियों ने बुजुर्ग के खाते से निकाले रुपये

राजस्थान के जोधपुर में साइबर अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद है कि उन्होंने एक रिटायर्ड बुजुर्ग इंजीनियर की एफडी में ही सेंध ही लगा दी. बुजुर्ग ने 60 ने लाख की एफडी एसबीआई बैंक में कराई थी. ठग ने पहले बुजुर्ग के सेविंग खाते से 4 लाख रुपये निकाले फिर एफडी तोड़कर 1 लाख 75 हजार रुपये निकाल लिए.  

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इस फ्रॉड की शुरुआत एक मैसेज से हुई शुरुआत एक मैसेज से हुई. बुजुर्ग कृष्ण कुमार के पास मोबाइल पर एक मैसेज आया कि उनके फोन का सिम बंद होने वाला है और सिम को चालू रखने के लिए दिए गए नंबर पर कॉल करें. फिर बुजुर्ग ने उस नंबर पर कॉल किया और जो भी जानकारी मांगी गई उन्होंने सारी दे दी. 

बुजुर्ग की एफडी में अपराधियों ने लगाई सेंध

बैंक की सारी जानकारी देने के कुछ देर बाद उनके खाते से 5 लाख 77 हजार रुपये निकल लिए गए. पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई गई. पुलिस ने जब इस मामले जांच शुरू की तो पता चला कि साइबर ठग ने पहले कृष्णकुमार के मूल खाते से 4 लाख रुपये निकाले. उसके बाद उसी खाते से जुड़ी 60 लाख रुपये की एफडी में सेंध मारकर 1 लाख 77 हजार रुपये का अलग ट्रांजैक्शन किया. 

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खाते से निकाले 5 लाख 77 हजार रुपये 

थाना अधिकारी दिनेश लखावत ने इस मामले को लेकर एसबीआई बैंक के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि एफडी किसी भी हालत में टूट नहीं सकती. लेकिन जब स्टेटमेंट चेक किए गए तो बैंक अधिकारी भी इस फ्रॉड को देखकर हैरान रह गए. 

पुलिस की साइबर टीम के कांस्टेबल सुनील ने तुरंत इस मामले में अलग-अलग गेटवे की पहचान कर ट्रांजैक्शन न्यूट्रलाइज करने की कवायद शुरू की. इसके तहत सबसे पहले 60 लाख की एफडी को सिक्योर किया गया और उसके बाद खाते से चार लाख रुपये के ट्रांजैक्शन को रिकवर किया. 

पुलिस मामले की जांच में जुटी 

थानाधिकारी लखावत ने बताया कि अभी 1 लाख 77 रिकवर होना बाकी है लेकिन पुलिस की सतर्कता से एफडी को बचा लिया. अगर थोड़ी भी देर हो जाती तो एफडी की सारी राशि कुछ ही घंटों में चली जाती. 

 

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