एसटीएफ ने किया तेवतिया पर हमले का खुलासा, पुरानी रंजिश के चलते रची गई थी साजिश

उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने चार लोगों को गिरफ्तार कर गाजियाबाद में बीजेपी नेता पर हुए जानलेवा हमले का खुलासा कर दिया है. यूपी एसटीएफ ने तेवतिया मामले में जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें से एक है निशांत. उसी के मोबाइल ने तेवतिया पर हुए हमले की पूरी साजिश का पर्दाफाश कर दिया. इस मामले में एक आरोपी अभी भी फरार है.

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इस हमले का एक आरोपी अभी भी फरार है इस हमले का एक आरोपी अभी भी फरार है

परवेज़ सागर

  • गाजियाबाद,
  • 17 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 3:55 PM IST

उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने चार लोगों को गिरफ्तार कर गाजियाबाद में बीजेपी नेता पर हुए जानलेवा हमले का खुलासा कर दिया है. यूपी एसटीएफ ने तेवतिया मामले में जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें से एक है निशांत. उसी के मोबाइल ने तेवतिया पर हुए हमले की पूरी साजिश का पर्दाफाश कर दिया. इस मामले का एक आरोपी अभी भी फरार है. जिसकी तलाश की जा रही है.

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आरोपी के फोन खोला राज
बीजेपी नेता और प्रॉपर्टी के धंधे से जुड़े तेवतिया पर हमले के बाद इस मामले की जांच को जिम्मा यूपी एसटीएफ को दिया गया था. जब एसटीएफ ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया, तो निशांत भी उनमें शामिल था. उसका मोबाइल फोन भी एसटीएफ ने बरामद किया. मोबाइल की जांच पड़ताल से पता चला कि मोबाइल में आटो काल रिकार्डर है. जब एसटीएफ ने उसमें रिकार्ड सारी बातचीत सुनी तो मामला खुलकर सामने आ गया.

फोन में रिकार्ड थी हमले पूरी साजिश
दरअसल वारदात के दिन हमले की प्लानिंग की बात-चीत मोबाइल में रिकार्ड थी. उस बातचीत में उन लोगों के नाम भी आए जो इस साजिश में शामिल थे. यहां तक कि हमला कैसे हुआ ये भी एक बातचीत का हिस्सा था. मगर निशांत रिकार्डर की फाइलें डीलीट करना भूल गया था. बस यही उसकी सबसे बड़ी भूल रही. निशांत का मोबाइल फोन एसटीएफ के लिए फायदेमंद साबित हुआ.

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पुरानी रंजिश थी वारदात की वजह
एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक गाजियाबाद के महरौली गांव के रहने वाले सुरेश दिवान सिंह दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर तैनात थे. 1999 में उनकी हत्या कर दी गई थी. दिवान सिंह के बेटे मनीष और मनोज को यकीन था की यह हत्या ब्रिजपाल ने करवाई थी लेकिन रसूख के चलते ब्रिजपाल पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ.

बता दें की ब्रिजपाल तेवतिया भी महरौली गांव के रहने वाले हैं. एसटीएफ ने जांच में पाया की ब्रिजपाल की सुरेश दिवान सिंह के परिवार से उनकी हत्या के अलावा कई जमीनों को लेकर दुश्मनी थी. सुरेश दिवान सिंह की हत्या के बाद उसका बेटा मनीष और भतीजा मनोज बदले की आग में सुलग रहे थे.

और आखिरकार 17 साल बाद दोनों ने ऐसी प्लानिंग रची की पूरा उत्तर प्रदेश कांप गया. एक-47, एके-56 और 9एमएम जैसे हथियारों से ब्रिजपाल तेवतिया पर हमला किया गया. हमला करने वाले राहुल त्यागी, जितेंद्र, राम सिंह और निशांत को गिरफ्तार कर लिया गया. एसटीएफ को निशांत के मोबाईल से रिकार्डिंग मिली. रिकार्डिंग से पूरे हमले की साजिश का खुलासा हो गया.

अब एसटीएफ और पुलिस इस बात की छानबीन कर रही है कि तेवतिया की हत्या के लिए ये गिरोह घातक हथियार कहां से लेकर आया था. इस मामले के खुलासे से यूपी पुलिस ने राहत की सांस ली है.

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