लगता है दोनों ने कसम खा रखी है. ना तुम सुधरोगे ना हम सुधरेंगे. तिहाड़ की लगभग पूरी जेल नप गई. तिहाड़ जेल के मुखिया भी नप गए, लेकिन क्या मजाल कि देश के महाठग सुकेश चंद्रशेखर की आन-बान और शान में कोई कमी आ जाए. तमाम खुलासे, कोर्ट की फटकार और पुलिस की कार्रवाई के बावजूद सुकेश अब भी मंडोली जेल के अंदर ऐश ही काट रहा है. उसी ऐश और ठग के आंसुओं की ताजा तस्वीरें अब जेल से बाहर आई हैं. दरअसल, सुकेश चंद्रशेखर ने पहले रोहिणी जेल में बंद रहते हुए जेल मैनुअल को मज़ाक बना दिया था और अब मंडोली जेल में भी कुछ ऐसा ही हुआ है.
सुकेश ने दो अधिकारियों पर लगाए आरोप
मंडोली जेल में छापेमारी के बाद सुकेश चंद्रशेखर ने एक बार फिर से जेल प्रशासन पर संगीन आरोप लगाए हैं. उसने रेड करने वाले अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि जेल के सहायक अधीक्षक दीपक शर्मा और जय सिंह ने खुद सीसीटीवी फुटेज लीक किया है. सुकेश ने उन दोनों पर उससे पैसे का लेने का आरोप भी लगाया है. उसका कहना है कि उसने जेल नियमों के मुताबिक है, सामान अपने पास रखा था.
आपको बता दें कि सुकेश चंद्रशेखर की बैरेक में रेड का सीसीटीवी फुटेज लीक होने की जांच डीजी तिहाड़ जेल खुद करवा रहे हैं. कल ख़बर चलाए जाने के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं.
क्यों रोया महाठग सुकेश?
दिल्ली की मंडोली जेल में बंद महाठगी के आरोपी सुकेश चंद्रशेखर की रुलाई छूट रही थी. वो फूट-फूट कर रो रहा था. कभी वो अपने हाथों से अपने आंसू पोंछता रहा था तो कभी अपनी आस्तीन से. लेकिन फिर सवाल ये है कि अपनी ठगी से सैकड़ों लोगों को खून के आंसू रुलानेवाले सुकेश चंद्रशेखर की ये हालत आखिर कैसे हुई? जेल में अचानक उसके साथ ऐसा क्या क्या हो गया कि उसे रोना आ गया? और वो भी बिल्कुल बच्चों की तरह फूट-फूट कर. तो इसका जवाब जानने के लिए आपको सुकेश के सेल से बाहर आई कुछ तस्वीरों के बारे में जानना होगा.
सुकेश की सेल में छापा
सुकेश अपनी सेल में 24 घंटे सीसीटीवी कैमरों की निगरानी रहता है. उसी में से एक सीसीटीवी फुटेज में सुकेश फर्श पर लगे अपने बिस्तर पर बैठा हुआ दिख रहा है. तभी अचानक दरवाजे पर कुछ लोगों की आहट सुनाई देती है और सुकेश एक ही झटके में उठ खड़ा होता है. लेकिन इससे पहले कि वो कुछ समझ पाता, सेल में करीब दर्जन लोग दनदनाते हुए घुस आते हैं. इन लोगों में दो जेलरों के साथ-साथ सीआरपीएफ के जवान और दूसरे सुरक्षाकर्मी शामिल हैं. अंदर आते ही सुरक्षाकर्मी सुकेश के बिस्तर समेत सेल में रखे दूसरे सामानों की तलाशी लेने लगते हैं.
सामने आईं छापेमारी की तस्वीरें
जेलर उससे सवाल जवाब करते हैं, जबकि एक सुरक्षाकर्मी लगातार ये सबकुछ अपने मोबाइल फोन से शूट करता रहता है. साफ है ये तस्वीरें उस छापेमारी की हैं, जो पिछले महीने जेल में बंद सुकेश के सेल में हुई और जिस छापेमारी में जेल में बंद होने के बावजूद सुकेश के ऐशो-आराम की पोल एक बार फिर खुल गई. और शायद यही वजह रही कि इस बार सुकेश को रोना पड़ गया.
डेढ़ लाख की चप्पल, 80 हजार की जींस
जेल सूत्रों की मानें तो इस छापेमारी में सुकेश के सेल से एक बार फिर ऐसी-ऐसी चीजें मिली, जिनके बारे में कोई आम कैदी सोच भी नहीं सकता. मसलन.. जेल अधिकारियों को उसके पास से करीब डेढ लाख रुपये की कीमत वाली गुच्ची की चप्पलें और 80 हज़ार रुपये की दो जींस मिली. जी हां, डेढ़ लाख की चप्पल और 80 हजार की जींस. यानी सख्ती के तमाम दावों के बावजूद इस छापेमारी से करीब 200 करोड़ की ठगी समेत कई दूसरे मामलों में बंद सुकेश चंद्रशेखर की जेल में चलती ऐशो-आराम भरी लाइफ का एक बार फिर खुलासा हुआ और शायद यही वजह रही कि सुकेश रो पड़ा.
कैसे लीक हुई CCTV फुटेज?
फिलहाल, सरकार ये पता लगाने में जुटी है कि आखिर सुकेश के सेल में हुई इस छापेमारी की ये सीसीटीवी तस्वीरें लीक कैसे हुई और लोगों तक कैसे पहुंची? हालांकि इतना सबकुछ होने के बावजूद ये बात फिलहाल एक राज़ है कि इस छापेमारी के बाद अलग से सुकेश चंद्रशेखर के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई या फिर उसके सेल से ये सामान जब्त कर उसे जाने दिया गया.
कभी जेल में चलता था सुकेश का राज
ये वही सुकेश है, जिसका कभी तिहाड़ जेल में सिक्का चला करता था. जिसके सेल में ना सिर्फ ऐशो-आराम की सारी सुविधाएं मौजूद थीं, बल्कि सेल की असली तस्वीरें कभी बाहर ना आ सके, इसके लिए सीसीटीवी कैमरे के सामने पर्दे तक टांग दिए जाते थे. कहते तो यहां तक हैं कि जेल में ही सुकेश चंद्रशेखर जब चाहे जिससे चाहे मिलता था और इसके लिए उसके पास जेल में कई हाई एंड कारें तक होती थीं, जिसमें बाकायदा जेल प्रशासन का स्टिकर लगा होता था. ये कारें सुकेश के गेस्ट को लेने बाहर जाती थीं और सीधे जेल के अंदर सुकेश के बैरक के नजदीक जाकर रुकती थीं.
नप गए थे 82 जेलकर्मी और डीजी संदीप गोयल
इसके अलावा उसके पास रुपये-पैसे और ऐशो-आराम की चीजें तो होती ही थी. लेकिन धीरे-धीरे जेल में चलता उसका ये तिलिस्म टूट गया और उसके खिलाफ जांच शुरू हो गई. लेकिन ये जांच सिर्फ सुकेश ही नहीं बल्कि उन तकरीबन सौ जेल अधिकारियों और कर्मचारियों के मुसीबत लेकर आई, जिनकी पुश्तो-पनाही में सुकेश का ये सारा मायाजाल चल रहा था. जेल में सुकेश को मिल रही इन्हीं सुविधाओं की जांच जब आगे बढ़ी, तो ना सिर्फ़ जेल के 80 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी रिश्वतखोरी को इल्ज़ाम में नप गए, बल्कि डीजी संदीप गोयल तक को हटा दिया गया. और तो और उन्हें जेल डीजी से पद से हटा कर कुछ ऐसे शंट किया गया कि फिलहाल उनके पास एक कुर्सी तक नहीं है.
EOW ने दर्ज कराई थी एफआईआर
आज तक के पास ऐसे दाग़ी अफसरों और मुलाज़िमों की पूरी की पूरी लिस्ट मौजूद है, जिन पर सुकेश चंद्रशेखर से करोड़ों की रिश्वत लेने का इल्ज़ाम लगाया है और इस लिस्ट में 10 असिस्टेंट जेल सुपरिंटेंडेंट लेवल के अफसरों के साथ-साथ तकरीबन सात दर्जन मुलाज़िमों के नाम शामिल हैं. जेल में रिश्वत बांट कर ऐश करने के मामले में दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंसेज़ विंग यानी आर्थिक अपराध शाखा पहले ही एक एफआईआर दर्ज कर चुकी है, जिसमें सुकेश के साथ-साथ तिहाड़ के 82 अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत मामला दर्ज है और इन आरोपियों में से तो कईयों को गिरफ्तार कर उसी जेल में भेजा गया है, जिसमें अब तक वो काम किया करते थे.
सुकेश की करतूत से जांच अधिकारी भी हैरान
असल में जब तक जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर के रिश्वतकांड की पोल नहीं खुली थी, तब तक वो लोगों से अरबों लूट कर जेल के मुलाज़िमों को करोड़ों रुपये बांट रहा था. लेकिन जब मामले की जांच शुरू हुई और ये पता चला कि कैसे उसने पैसों के दम पर जेल के क़ायदे कानूनों का मजाक बना दिया है, तो ठगी के साथ-साथ जेल कर्मचारियों की भूमिका भी जांच शुरू हो गई. फिर तो घूसमहल में बदल चुके तिहाड़ में सुकेश के रिश्वत राज से जुड़ी ऐसी-ऐसी जानकारियां सामने आने लगीं कि खुद मामले की जांच कर रहे दिल्ली पुलिस के अफ़सर भी चकरा गए.
हर महीने रिश्वत में देता था डेढ़ करोड़
क्या आप यकीन करेंगे कि अपनी पोल खुलने के पहले तक सुकेश चंद्रशेखर हर महीने जेल के मुलााज़िमों पर कोई लाख-दो लाख या दस लाख रुपये नहीं बल्कि तकरीबन डेढ़ करोड़ रुपये लुटा रहा था. यानी वो हर महीने जेल कर्मियों को रिश्वत के तौर पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये देता था और ये बात खुद दिल्ली पुलिस के अफसरों ने कही, जो इस मामले की जांच कर रहे हैं. सुनकर भी अजीब लगता है. जिस देश में करोड़-डेढ़ करोड़ रुपये कमाने में लोगों की पूरी उम्र निकल जाती है और अनगिनत लोग कभी ये आंकड़ा छू ही नहीं पाते, वहां सुकेश चंद्रशेखर करोड़, डेढ़ करोड़ रुपये जेल कर्मचारियों के बीच ऐसे बांट दिया करता था, जैसे ये रकम कोई करोड़ों की रकम नहीं बल्कि कुछ सौ में हो.
रोहिणी जेल में सुकेश के पास मौजूद था ऐश का सारा सामान
बात उन दिनों की है जब सुकेश चंद्रशेखर तिहाड़ की रोहिणी जेल में बंद था. तब उसका ठिकाना जेल नंबर का 10 का वार्ड नंबर 3 और बैरक नंबर 204 हुआ करता था. लेकिन इस बैरक को सुकेश ने सिर्फ़ अपने पैसों के दम पर नखलिस्तान में तब्दील कर दिया था. यहां उसे ऐशो आराम की हर वो चीज़ उपलब्ध थी, जो कोई बड़ा से बड़ा रईस बाहर अपनी दौलत से खरीद सकता था. फिर चाहे वो फ़ाइव स्टार होटल का खाना हो, ब्रांडेड कपडे, महंगे गैजेट्स, परफ्यूम्स या फिर ड्रिंक्स या कुछ और. सुकेश के पास जेल में रहते हुए ही ऐशो आराम की सारी चीजें मौजूद थीं. और अब सामने आई छापेमारी की इन तस्वीरों को देख कर लगता है कि सुकेश का ये तिलिस्म अब बेशक टूट चुका हो, लेकिन अब भी जेल में उसकी जिंदगी वहां बंद बाकी कैदियों के मुकाबले लाख गुना बेहतर है.
सुकेश के खिलाफ दर्ज हैं कई मामले
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस सिलसिले में सबसे पहले 7 अगस्त 2021 को सुकेश चंद्रशेखर और अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 170, 384, 386, 388, 406, 409, 419, 420, 468, 471, 506, 186, 353 और 120बी के तहत केस दर्ज किया था. इसके अलावा आईटी एक्ट और मकोका की धाराओं के तहत भी इल्ज़ाम थे. इस केस में सुकेश चंद्रशेखर पर जेल में रहते हुए भी ऑर्गेनाइज्ड क्राइम सिंडिकेट यानी वसूली रैकेट चलाने का इल्ज़ाम था, जबकि जेल के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों पर उसकी मदद करने के आरोप थे. आगे इस मामले की जांच इकोनॉमिक्स ऑफेंसेज विंग के हवाले कर दी गई और तब जांच में जो बातें सामने आईं, वो चौंकानेवाली थी.
सीसीटीवी कैमरों पर डाल दिए जाते थे पर्दे
पुलिस ने इस मामले की तफ्तीश करते हुए रोहिणी जेल में लगी तमाम सीसीटीवी फुटेज, ड्यूटी रोस्टर, फोन कॉल्स की डिटेल्स और दूसरी पहलुओं की जांच की. ख़ासकर जेल वार्ड नंबर 3 के बैरक नंबर 204 के तहत सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की गई. जहां सुकेश चंद्रशेखर को बंद रखा गया था. 14 जुलाई 2021 से 14 अगस्त 2021 की फुटेज की जांच करने पर ये पाया गया कि सुकेश के बैरक में लगे तमाम सीसीटीवी कैमरों की रेंज को पर्दों और पानी की बोतलों से जानबूझ कर ब्लॉक कर दिया गया था और इस पूरे समय में कैमरों के व्यू को क्लीयर करने की कोई कोशिश नहीं की गई.
ठगी और वसूली में मददगार थे रोहिणी जेल के अफसर
हद तो ये रही कि इस दौरान सीसीटीवी कैमरों की निगरानी के लिए तैनात वार्डर नीरज मान ने अपने रोस्टर में भी इस सिलसिले में टिप्पणियां की थीं, लेकिन ना सिर्फ़ उन टिप्पणियों को जानबूझ कर अनदेखा किया गया, बल्कि जांच में पता चला कि जेलके अफसरों ने खुद वार्डर नीरज मान को इस तरह की टिप्पणियां करने से मना किया. जो इस बात का सबूत है कि जेल से चलाए जा रहे ठगी और वसूली के रैकेट में किस तरह रोहिणी जेल के अफसर ही सुकेश चंद्रशेखर की ढाल बने हुए थे. उसकी मदद कर रहे थे.
चाहत खन्ना को भेजा मानहानि का नोटिस
टीवी एक्टैस चाहत खन्ना और महाठगी के आरोपी सुकेश चंद्रशेखर की नए सिरे से ठन गई है और इस बार जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर ने चाहत खन्ना को सौ करोड़ यानी एक अरब रुपये का मानहानि का नोटिस भेजा है. नोटिस में सुकेश ने कहा है कि चाहत ने हाल ही में एक इंटरव्यू में उसके खिलाफ गलतबयानी की, जिससे उसकी छवि पर गहरा असर पड़ा है. सुकेश ने कहा है कि चाहत की ये बातें असल में मीडिया अटेंसन पाने की कोशिश है, ताकि वो टीवी के बाद फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बना सके.
जेल में सुकेश ने चाहत को किया था प्रपोज!
आपको याद होगा कि सुकेश से रिश्तों को लेकर चाहत ने पिछले दिनों बड़ी बात कही थी. उन्होंने कहा था कि तिहाड़ जेल में ही सुकेश चंद्रशेखर ने उसे घुटनों के बल आकर प्रपोज किया था और उसके करीब आने की कोशिश की थी. सुकेश ने ऐसा तब किया था, जब वो जेल में उससे मिलने आई थी. असल में चाहत का कहना था कि सुकेश ने पिंकी इरानी के जरिए उसे धोखे से खुद से मिलने जेल में बुलाया था. चाहत की मानें तो पिंकी इरानी अचानक उसे तिहाड़ लेकर पहुंच गई और जब तक उसे कुछ समझ में आता वो सुकेश चंद्रशेखर के सामने थी. चाहत की मानें तो वो ना सिर्फ शादीशुदा है, बल्कि उसके दो बच्चे भी हैं. ऐसे में सुकेश को उसके साथ ऐसा नहीं करना चाहिए था.
चाहत खन्ना को बताया गोल्ड डिगर
जबकि सुकेश ने कहा कि चाहत खन्ना दरअसल एक गोल्ड डिगर है, जिसकी नजर उसके पैसों पर थी. सुकेश ने कहा कि क्या वो बच्ची थी कि उसे पता नहीं चला कि जिससे वो मिलने जा रही है, वो जेल में बंद है? सुकेश ने कहा कि चाहत और पिंकी इरानी के साथ उसकी बिजनेस को लेकर मिटिंग्स हुई थी, जिसके बदले में उन्हें पैसे भी दे दिए गए थे. हालांकि अब चाहत उसके खिलाफ बयानबाजी कर लोगों का ध्यान खींचने की कोशिश कर रही है. चाहत को भेजे लीगल नोटिस में सुकेश ने कहा है कि अगर चाहत ने वक्त रहते अपने इस बयानबाजी को लेकर माफी नहीं मांगी, तो वो उस पर एक अरब रुपये का दावा करेगा.
जैकलीन से नहीं कोई शिकायत
वैसे अकेले चाहत ही नहीं सुकेश का नाम इससे पहले जैकलीन फर्नांडिस और नोरा फतेही समेत कई एक्टैस के साथ जुड़ता रहा है. जैकलीन और नोरा सुकेश के खिलाफ दर्ज मामले में सरकारी गवाह बन चुकी हैं. हालांकि इतना होने के बावजूद सुकेश को जैकलीन से कोई शिकायत नहीं है. लेकिन बाकी लोगों के साथ उसकी कानूनी जंग जारी है.
ठगी की मोडस ऑपरेंडी
अब बात ठगी की मोडस ऑपरेंडी के टेक्निकल एंगल की. ईडी की मानें तो सुकेश ने इस बार दो सौ करोड़ की ठगी के लिए स्पूफिंग की मदद ली थी. उसने पहले तो जेल में ही अपने लिए कुछ मोबाइल फ़ोन का इंतज़ाम किया और फिर स्पूफिंग की मदद से अपने शिकार महिला से बातचीत शुरू कर दी. असल में स्पूफिंग वो तकनीक है जिसमें कॉल करनेवाला असली नंबर की जगह, वो नंबर डिस्प्ले हो जाता है, जो कॉलर करना चाहता है. खास बात ये है कि ऐसे कॉल विदेशों से रूट होकर किसी भी फ़ोन पर लैंड करते हैं, ऐसे में असली कॉलर के बारे में कभी पता ही नहीं चलता.
ED ने दर्ज कराई थी एफआईआर
यही वजह है कि सुकेश का करीब साल भर से पीछा करने के बावजूद ईडी उसकी करतूतों का पता नहीं लगा पा रही थी. वो तो जब उसने गलती से एक बार स्पूफिंग की जगह व्हाट्स एप कॉल का इस्तेमाल कर अपनी गोटी लाल करने की कोशिश की, तो 200 करोड़ की ठगी के मामले में पहली बार डिटेक्ट कर लिया गया और फिर वही हुआ, जो होना था. ईडी ने उसके खिलाफ दिल्ली पुलिस से एफआईआर दर्ज करवाई और उसे नए सिरे से गिरफ्तार कर लिया गया. यानी करोड़ों की दौलत का ये मालिक पहले भी जेल में था और अब भी जेल में ही है.
क्या होता है जेल मैनुअल, कैदी के लिए क्यों होता है अहम
जेल मैनुअल एक रूल बुक होती है, जिसमे जेल में बंद कैदियों के लिए तमाम कायदे और नियम दर्ज होते हैं. उसी रूल बुक या यूं कहें कि जेल मैनुअल के हिसाब से ही जेल प्रशासन और प्रबंधन काम करता है. जेल मैनुअल में कैदियों के रहन-सहन, खाने, काम करने के घंटों से लेकर फांसी की सजा दिए जाने तक के सारे नियम लिखे होते हैं. भारत में हर राज्य का अपना जेल मैनुअल होता है. उसी के अनुसार कैदियों को रखा जाता है.
साल 2018 में तिहाड़ जेल के मैनुअल में बदलाव किया गया था. जिसके अनुसार, उम्रकैद या इसी तरह से लंबी सजा काट रहे कैदियों को कुछ सुविधाएं दी गई. लेकिन ये सुविधा केवल उन कैदियों को दी गई, जिनका व्यवहार जेल मैनुअल के आधार पर अच्छा माना जाता है. इस मैनुअल के लागू होने के बाद वहां के कैदी जेल परिसर में बने बैंक, बाजार और रेस्टोरेंट का आनंद ले सकते हैं. लेकिन 5 बजे उन्हें अपनी बैरक में लौटना होता है. अब ये सुविधा ऐसे कैदियों के लिए भी उपलब्ध है, जो अपनी सजा के 3 पूरे कर चुके हैं. पहले ये सुविधा 10 कैद की सजा काट चुके कैदियों को ही मिलती थी.
अरविंद ओझा / संजय शर्मा / चिराग गोठी