गोपाल खेमका हत्याकांड में बड़ा खुलासा... अशोक साव ही मास्टरमाइंड, 4 लाख में दी सुपारी, पुलिस ने बताई दुश्मनी की वजह

Gopal Khemka Murder Case: बिहार की राजधानी पटना में चर्चित कारोबारी गोपाल खेमका हत्याकांड का पटना पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने मंगलवार को बताया कि इस हत्याकांड का असली मास्टरमाइंड अशोक साव है. उसने प्रॉपर्टी विवाद में हत्या की साजिश रची थी.

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चर्चित कारोबारी गोपाल खेमका हत्याकांड का पटना पुलिस ने खुलासा कर दिया है. चर्चित कारोबारी गोपाल खेमका हत्याकांड का पटना पुलिस ने खुलासा कर दिया है.

शशि भूषण कुमार

  • पटना ,
  • 08 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 9:33 PM IST

बिहार की राजधानी पटना में चर्चित कारोबारी गोपाल खेमका हत्याकांड का पटना पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने मंगलवार को बताया कि इस हत्याकांड का असली मास्टरमाइंड अशोक साव है. उसने ही हत्या की साजिश रची थी. वो पहले भी कई आपराधिक मामलों में शामिल रहा है. पुलिस मुख्य शूटर उमेश यादव सहित सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. 

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पुलिस जांच में सामने आया कि अशोक साव और गोपाल खेमका के बीच प्रॉपर्टी को लेकर गंभीर विवाद था. दोनों के व्यापारिक हित लगातार टकरा रहे थे. करोड़ों की जमीन को लेकर लंबे समय से दोनों पक्षों में तनातनी चल रही थी. इसी दुश्मनी को खत्म करने के लिए अशोक साव ने गोपाल खेमका को रास्ते से हटाने का फैसला किया. इसके बाद उमेश यादव नामक अपराधी को 4 लाख रुपए में सुपारी दी. 

एसएसपी के मुताबिक, अशोक साव ने उमेश यादव को 50 हजार रुपए एडवांस भी दिया और बाकी पैसे हत्या के बाद देने का वादा किया. लेकिन पुलिस को समय रहते सुराग मिल गया. पुलिस ने अशोक साव के ठिकानों पर जब छापेमारी की, तो भारी मात्रा में जमीन से जुड़े कागजात और लेन-देन से संबंधित दस्तावेज बरामद हुए है. इससे यह साफ हो गया कि पूरा खेल प्रॉपर्टी से जुड़ा हुआ था.

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पुलिस सूत्रों का कहना है कि अशोक साव न सिर्फ पटना, बल्कि बिहार के अन्य हिस्सों में भी कई जमीन विवादों में लिप्त रहा है. उसका नाम पहले भी चर्चित मनोज कामलिया हत्याकांड में सामने आ चुका है. इसके अलावा बिहारशरीफ में दर्ज एक अन्य मामले में भी वो आरोपी है. पुलिस उसके आपराधिक इतिहास और वर्तमान वारदात की जांच कर रही है.

पटना पुलिस के अनुसार, इस वारदात को अंजाम देने वाले शूटर उमेश यादव ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया है कि उसने गोपाल खेमका की हत्या में जो पिस्टल और गोली इस्तेमाल की थी, वो मालसलामी इलाके के विकास उर्फ राजा से खरीदी थी. उसने यह भी बताया कि राजा के पास बड़ी मात्रा में हथियार हैं. उसके संबंध कई नामचीन अपराधियों से हैं.

इसके बाद पुलिस ने विकास कुमार को हिरासत में लिया. उससे जब पूछताछ की गई तो उसने न सिर्फ अपने आपराधिक रिकॉर्ड को स्वीकारा, बल्कि यह भी कबूला कि उसी ने उमेश यादव को खेमका की हत्या के लिए हथियार मुहैया कराए थे. उसने आगे बताया कि ईंटा भट्टा इलाके में पिस्टल और गोली छिपा रखे हैं. वह पुलिस को उन्हें दिखा सकता है.

पुलिस टीम विकास कुमार की निशानदेही पर मालसलामी थाना अंतर्गत ईंटा भट्टा पहुंची, तो राजा ने हथियार खोजने का बहाना बनाकर अचानक पुलिसकर्मियों पर फायरिंग शुरू कर दी. उसने पुलिसकर्मी से उसकी सरकारी पिस्टल छीनने की भी कोशिश की, लेकिन पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी फायरिंग की, जिसमें गोली लगने से वो गंभीर रूप से घायल हो गया. 

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उसे तुरंत पटना के एनएमसीएच अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से विकास के पास से उपयोग में लाया गया पिस्टल, जिंदा कारतूस और अन्य आपराधिक सामग्री जब्त की गई. एफएसएल की टीम ने घटनास्थल की जांच करके जरूरी सबूत एकत्र किए. राजा एक हिस्ट्रीशीटर था.

बताते चलें कि पिछले हफ्ते शुक्रवार की देर रात पटना गांधी मैदान इलाके में गोपाल खेमका को बदमाशों ने गोली मार दी. बदमाश बाइक पर सवार थे, खेमका बांकीपुर क्लब से लौटकर जैसे ही अपनी कार से उतरे, उन पर गोलियों की बरसात कर दी गई. उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी. इससे पहले साल 2018 में उनके बेटे को भी इसी तरह से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 

बेटे की हत्या के बाद गोपाल खेमका को सुरक्षा मिली थी, लेकिन पिछले साल अप्रैल में लोकसभा चुनाव की वजह से हटा ली गई. उन्होंने दोबारा सिक्योरिटी का अनुरोध भी नहीं किया था. इस वारदात की सूचना मिल पर मौके पर पहुंची पुलिस को कारतूस के खोखे बरामद हुए थे. गोपाल खेमका परिजनों ने पुलिस पर देरी से पहुंचने का आरोप लगाया था, लेकिन डीजीपी ने इस आरोप को नकार दिया था. 

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