15 साल, 11 आतंकी हमले और 227 लोगों की मौत... जानें J&K में आतंकियों ने आम लोगों पर कब-कब बरपाया कहर

Pahalgam Terror Attack: जम्मू और कश्मीर के पहलगाम के बैसारन घाटी में मौजूद टूरिस्टों पर गोलियां बरसाने वाले आतंकियों के लिए ऑपरेशन चलाया जा रहा है. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना की विक्टर फोर्स, स्पेशल फोर्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप और सीआरपीएफ शामिल है.

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जम्मू और कश्मीर के पहलगाम के बैसारन घाटी में आतंकी हमला. जम्मू और कश्मीर के पहलगाम के बैसारन घाटी में आतंकी हमला.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 12:07 AM IST

जम्मू और कश्मीर के पहलगाम के बैसारन घाटी में मौजूद टूरिस्टों पर गोलियां बरसाने वाले आतंकियों के लिए ऑपरेशन चलाया जा रहा है. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना की विक्टर फोर्स, स्पेशल फोर्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप और सीआरपीएफ शामिल है. इस अभियान में सबसे आगे भारतीय सेना की विक्टर फोर्स है, क्योंकि इसे घाटी में आतंकियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के लिए जाना जाता है. इस आतंकी हमले में 26 लोगों के मारे जाने की खबर है और 20 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं.

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इस हमले का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक टूरिस्ट अपना वीडियो बना रहा था, उसी वक्त आतंकियों ने हमला कर दिया. 5 से 6 आतंकियों ने पर्यटकों को गोली मारने से पहले उनका नाम, उनकी पहचान, धर्म पूछा और जिसने भी अपना हिंदू नाम बताया, उसे गोली मार दी. पीड़ित चश्मदीदों के मुताबिक, आतंकियों ने लोगों को धमकी दी थी कि जो अजान नहीं करेगा, उसे गोली मार दी जाएगी. इस तरीके से भी वो हिंदू और मुस्लिम की पहचान कर रहे थे. हिंदूओं को चुन-चुन कर बेरहमी से गोलियां मार रहे थे. 

बैसारन घाटी में हमले के वक्त आतंकियों ने सेना की नकली वर्दी पहनी हुई थीं, इसलिए शुरुआत में किसी को उनपर शक नहीं हुआ. लेकिन थोड़ी देर बाद ही जब उन्होंने हिंदू पर्यटकों की पहचान पूछकर उनपर फायरिंग शुरू कर दी तो भगदड़ गई. आतंकियों ने जानबूझकर ऐसे हिंदू पुरुषों को निशाना बनाया, जो अपनी पत्नी या परिवार के साथ आए थे. इस आतंकी हमले की तस्वीरें और वीडियो बहुत भयानक हैं. इस वीडियो में जिन महिलाओं के पतियों पर आतंकवादी हमला हुआ है, वो रोती और बिलखती हुई दिख रही हैं. 
 
5 अगस्त 2019 को संविधान में संशोधन करके जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35ए को हटाया गया था. इसके बाद पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद को कवर करने के लिए आईएसआई ने टीआरएफ यानी 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' का गठन किया था. पाकिस्तानी सेना इस आतंकी संगठन की मदद करती है. टीआरएफ ज़्यादातर लश्कर के फंडिंग चैनलों का इस्तेमाल करता है. गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में बताया था, "द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक मुखौटा संगठन है.'' 

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साल 2019 में टीआरएफ अस्तित्व में आया था. उसके बाद से वो जम्मू और कश्मीर में लगातार आतंकी हमले कर रहा है. टीआरएफ का 'हिट स्क्वॉड' और 'फाल्कन स्क्वॉड' आने वाले दिनों में कश्मीर में बड़ी चुनौती पेश कर सकता है. इस आतंकी मॉड्यूल को टारगेट किलिंग को अंजाम देने, जंगली और ऊंचे इलाकों में छिपने के लिए ट्रेंड किया गया है. टीआरएफ के नए टेरर मॉड्यूल 'फाल्कन स्क्वॉड' को अत्याधुनिक हथियारों की एक बहुत बड़ी खेप मिली है. इसका इस्तेमाल कश्मीर घाटी में आतंकी हमलों के लिए हो रहा है.

साल 2000 के बाद जम्मू-कश्मीर में आम लोगों पर हुए बड़े आतंकी हमले...

21 मार्च, 2000:-

21 मार्च की रात को अनंतनाग जिले के छत्तीसिंहपोरा गांव में आतंकवादियों ने अल्पसंख्यक सिख समुदाय को निशाना बनाया था. इस हमले में 36 लोग मारे गए थे. 

अगस्त 2000:-

पहलगाम के नुनवान बेस कैंप हुए आतंकी हमले में दो दर्जन अमरनाथ तीर्थ यात्रियों सहित 32 लोग मारे गए थे.

जुलाई 2001:-

अमरनाथ यात्रियों को फिर से निशाना बनाया गया. इस बार अनंतनाग के शेषनाग बेस कैंप पर आतंकी हमला हुआ, जिसमें 13 लोग मारे गए.

1 अक्टूबर, 2001:-

श्रीनगर में जम्मू और कश्मीर राज्य विधानमंडल परिसर पर आत्मघाती (फिदायीन) आतंकवादी हमला हुआ. इस हमले में 36 लोग मारे गए थे.

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2002:-

कश्मीर के चंदनवारी बेस कैंप पर आतंकी हमला हुआ, जिसमें 11 अमरनाथ यात्री मारे गए थे.

23 नवंबर, 2002:-

जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाइवे पर दक्षिण कश्मीर के लोअर मुंडा में एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोट में 9 सुरक्षाकर्मियों, 3 महिलाओं और 2 बच्चों सहित 19 लोगों की जान चली गई.

23 मार्च, 2003:-

आतंकवादियों ने पुलवामा जिले के नंदीमार्ग गांव में 11 महिलाओं और 2 बच्चों सहित कम से कम 24 कश्मीरी पंडितों की हत्या कर दी.

13 जून, 2005:-

पुलवामा में एक सरकारी स्कूल के सामने भीड़भाड़ वाले बाजार में विस्फोटकों से लदी एक कार में विस्फोट होने से 2 स्कूली बच्चों और 3 सीआरपीएफ अधिकारियों सहित 13 लोग मारे गए. इस हमले में 100 से अधिक लोग घायल हुए थे.

12 जून, 2006:-

कश्मीर के कुलगाम में 9 नेपाली और बिहारी मजदूर आतंकी हमले में मारे गए थे. उन पर आतंकियों ने टारगेट कीलिंग किया था.

10 जुलाई, 2017:- 

कश्मीर के कुलगाम में अमरनाथ यात्रा बस पर आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में 8 लोगों की मौत हो गई थी.

22 अप्रैल, 2025:- पहलगाम के बैसारन घाटी में मौजूद टूरिस्टों पर आतंकी हमले में 26 से अधिक लोगों की मौत की आशंका.

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