मुंबई के पवई इलाके में गुरुवार दोपहर करीब 1 बजे आरए स्टूडियो के भीतर जो हुआ, उसने पूरे देश को झकझोर दिया. ऑडिशन के नाम पर आए 17 मासूम बच्चे अचानक बंधक बना लिए गए. दरवाजा बंद, बाहर पुलिस और अंदर आतंक का राज था. मासूम बच्चे अंदर से हाथ हिलाकर अपने लिए मदद मांग रहे थे. स्टूडियो के बाहर उनके माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल था. अपहरण की इस साजिश का मास्टरमाइंड 50 साल का एक यूट्यूबर रोहित आर्य था. मुंबई पुलिस ने करीब 2 घंटे के अंदर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बच्चों को सकुशल बरामद कर लिया. इस दौरान आरोपी मारा गया.
दरअसल, मुबई के आरए स्टूडियो में एक ओटीटी प्रोजेक्ट के लिए बच्चों का ऑडिशन चल रहा था. सौ से ज्यादा बच्चे आए थे. दोपहर के लंच टाइम तक करीब 80 बच्चे बाहर चले गए, लेकिन 17 बच्चे अंदर रह गए. तभी स्टूडियो में दाखिल हुआ रोहित आर्य. उसने दरवाजा बंद किया, सबको बंधक बना लिया और चीखते हुए बोला, "कोई पास आया तो सबको जला दूंगा." उसके हाथ में एयरगन थी. वह कह रहा था कि उसके पास केमिकल है. वो स्टूडियो में ब्लास्ट कर देगा. बच्चों के साथ एक आदमी और एक सीनियर सिटीजन भी अंदर मौजूद थे. कुल 19 लोग बंधक थे. बाहर अफरातफरी थी.
करीब 1.15 बजे बच्चों ने शीशे से बाहर झांककर मदद के लिए चिल्लाया. तुरंत पवई पुलिस मौके पर पहुंची. 1.30 बजे पुलिस की पहली टीम स्टूडियो के बाहर थी. देखते ही देखते मुंबई पुलिस की क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT), ब्लैक कैट कमांडोज, बम डिस्पोजल स्क्वाड और फायर ब्रिगेड भी मौके पर पहुंच गई. हर मिनट मौत सवार थी. पुलिस बातचीत करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन आरोपी हर बार धमकी के साथ जवाब देता, ''यदि मैं मर गया तो मेरे साथी बाकी का काम पूरा करेंगे.'' उसी समय उसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस वीडियो में वो धमकी देता नजर आया.
इस वीडियो में रोहित कह रहा था, ''मैं पहले खुदकुशी करना चाहता था, लेकिन अब मैंने दूसरा तरीका चुना है. मैं अब लोगों तक अपनी बात ऐसे पहुंचाऊंगा कि सब याद रखेंगे.'' उसकी आंखों में जुनून था, आवाज में पागलपन. वो खुद को सिस्टम का शिकार बता रहा था. वीडियो में उसने दावा किया कि सरकार के पास उसकी एक बड़ी रकम बकाया है, जिसे पाने के लिए वो कुछ भी कर सकता है.
2 घंटे का टेरर टाइमलाइन, जानिए मिनट दर मिनट क्या हुआ...
12 बजे: रोहित आर्य आरए स्टूडियो पहुंचा.
12.30 बजे: 10 से 12 साल के 17 बच्चे अंदर ऑडिशन में पहुंचे.
1 बजे: हॉल लॉक कर बच्चों को बंधक बनाया.
1.15 बजे: बच्चों ने बाहर झांककर मदद मांगी.
1.30 बजे: पुलिस पहुंची और स्टूडियो को चारों ओर से घेर लिया.
3.30 बजे: पुलिस ने फायर ब्रिगेड को बुलाया.
3.45 बजे: फायर ब्रिगेड ने बाथरूम की खिड़की तोड़ी.
3.50 बजे: 3 अफसर उसी रास्ते से अंदर दाखिल हुए.
4.00 बजे: एक गोली चली, जिसने रोहित आर्य को खत्म कर दिया.
जैसे ही पुलिस टीम कमरे में दाखिल हुई, रोहित ने अपनी एयरगन पुलिस पर तान दी और ट्रिगर दबा दिया. पुलिस को लगा कि उसने असली पिस्टल से फायर किया है. आत्मरक्षा में एक इंस्पेक्टर ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से फायर किया. गोली सीधे रोहित के सीने में लगी.
4.10 बजे: पुलिस रोहित आर्य को लेकर जेजे अस्पताल गई.
4.30 बजे: सभी 17 बच्चे सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए.
5.15 बजे: डॉक्टरों ने रोहित आर्य को मृत घोषित कर दिया.
पुलिस जब अंदर दाखिल हुई तो वहां जो मिला, उसने सबको हैरान कर दिया. आरोपी के पास एयरगन के साथ कुछ संदिग्ध केमिकल भी था. आसपास जली हुई प्लास्टिक की बोतलें, तार और बिखरे केबल्स. पुलिस को शक है कि वह किसी विस्फोट की तैयारी में था. जांच में पता चला कि आरोपी ने आरए स्टूडियो को पहले तीन दिनों के लिए किराए पर लिया था. इसे बाद में तीन दिन और बढ़ाया गया. उसने ऑडिशन के नाम पर बच्चों को बुलाया था. लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि ऑडिशन हॉल में बच्चों के अपहरण की खौफनाक साजिश रची गई है.
रोहित आर्य ने वीडियो में कहा था कि उसने शिक्षा विभाग के साथ एक प्रोजेक्ट में काम किया था और सरकार को उसे एक बड़ी रकम देनी है. लेकिन शिक्षा विभाग ने जवाब दिया कि वो प्रोजेक्ट पूरी तरह वॉलंटरी था. किसी तरह की पेमेंट या कॉन्ट्रैक्ट की बात नहीं हुई थी. यानी जिस अन्याय की बात कर रोहित ने 17 बच्चों की जिंदगी दांव पर लगा दी, उसका कोई लिखित सबूत मौजूद नहीं है. मुंबई पुलिस ने बताया कि कमांडोज ने पहले बातचीत का रास्ता अपनाया था. लेकिन जैसे ही आरोपी ने एयरगन तानी, ऐसे में पुलिस ने तत्काल एक्शन कर दिया.
कमांडोज ने स्टूडियो के एक साइड विंग से फोर्स्ड एंट्री की थी. मुंबई पुलिस ने कहा, ''हम किसी तरह का रिस्क नहीं ले सकते थे. आरोपी के पास एयरगन और संदिग्ध केमिकल था. बच्चों की जान खतरे में थी, इसलिए ऑपरेशन को तुरंत अंजाम दिया गया.'' अब केस फाइनल क्लोजर से पहले फॉरेंसिक जांच में जाएगा. वहीं आरए स्टूडियो की सिक्योरिटी और परमिटिंग प्रोसेस पर भी सवाल उठ रहे हैं.
आजतक ब्यूरो