मौत से सामनाः जब चलती ट्रेन के नीचे आया वो...

वारदात में जो हम आपको बताने और दिखाने जा रहे हैं, कायदे से उसे दिखाना नहीं चाहिए. मगर हम सब अपने आसपास से ही सबक़ लेते हैं. इसलिए ज़रूरी है कि आप इसे देखें और इससे सबक़ लें. यहां दो तस्वीरों की बात होंगी. इन तस्वीरों को ध्यान से देखिएगा. क्योंकि ऐसी तस्वीरों से हर रोज़ आपका पाला पड़ता होगा. हालांकि इन तस्वीरों के आखिर में जो कुछ होता है वो किसी चमत्कार से कम नहीं है. मगर याद रखिएगा कि चमत्कार को चमत्कार इसीलिए कहते हैं क्योंकि ये हर बार नहीं होता.

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इस हादसे का शिकार शख्स बाल बाल बच गया इस हादसे का शिकार शख्स बाल बाल बच गया

परवेज़ सागर / शम्स ताहिर खान

  • नई दिल्ली,
  • 30 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 1:24 PM IST

वारदात में जो हम आपको बताने और दिखाने जा रहे हैं, कायदे से उसे दिखाना नहीं चाहिए. मगर हम सब अपने आसपास से ही सबक़ लेते हैं. इसलिए ज़रूरी है कि आप इसे देखें और इससे सबक़ लें. यहां दो तस्वीरों की बात होंगी. इन तस्वीरों को ध्यान से देखिएगा. क्योंकि ऐसी तस्वीरों से हर रोज़ आपका पाला पड़ता होगा. हालांकि इन तस्वीरों के आखिर में जो कुछ होता है वो किसी चमत्कार से कम नहीं है. मगर याद रखिएगा कि चमत्कार को चमत्कार इसीलिए कहते हैं क्योंकि ये हर बार नहीं होता.

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रफ्तार अपने पूरे शबाब पर थी. ट्रेन में लगे हॉर्न चीख रहे थे. मगर जब मौत घेर लेती है तो इंसान अपना होशो हवास खो ही देता है. वो इंसान बड़े आराम से मुंबई में कुर्ला स्टेशन पर चहलकदमी करता हुआ दिख रहा था. और दूर एक एक्सप्रेस ट्रेन आ रही है. तभी अचानक इस आदमी के ज़ेहन में न जाने कौन सा कीड़ा रौंदना शूरू करता है कि ये प्लेटफार्म से उतरकर ट्रैक पर आ जाता है और वहीं लेट जाता है. दूसरी तरफ ट्रेन अपनी पूरी रफ्तार में इस शख्स की तरफ बढ़ रही है.

तारीख़- 28 जनवरी 2018, वक़्त- शाम के 4 बजकर 10 मिनट. जगह- कुर्ला रेलवे स्टेशन, मुंबई. अक्सर मुसाफिरों की भीड़ से भरे रहने वाले कुर्ला रेलवे स्टेशन पर रविवार का दिन होने की वजब से भीड़ थोड़ी कम थी. किसी को इस बात का अंदाज़ा भी नहीं था कि अगले ही पल कुछ ऐसा होने वाला है, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी.

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प्लेटफार्म पर खड़े लोग लोकल ट्रेन के आने का इंतज़ार कर रहे थे. लेकिन इसी बीच एक मेल एक्सप्रेस ट्रेन के प्लेटफार्म से गुज़रने का एनाउंसमेंट होता है. मुसाफिर प्लेटफार्म पर थोड़ा पीछे की ओर हटना शुरू कर देते हैं. क्योंकि प्लेटफार्म से गुज़रते वक़्त एक्सप्रेस ट्रेन की रफ्तार कुछ ज़्यादा ही होती है. मगर एक तरफ लोग जहां पीछे की हट रहे थे. वहीं दूसरी तरफ ये शख्स अचानक अपना रूख ही मोड़ देता है.. सीधे चलने के बजाए ये अब ट्रैक की तरफ बढ़ना शुरू कर देता है.

लोगों को लगता है कि शायद ये ट्रैक पार करने की कोशिश कर रहा है. मगर ट्रैक पर आने के बाद उसे पार करने के बजाए ये शख्स उसी ट्रैक पर लेट जाता है. तब तक ट्रेन काफी नज़दीक आ जाती है लोग चिल्लाते हैं मगर उनकी सुनने के बजाए ये सर नीचे की तरफ कर के लेट जाता है. अपनी पूरी रफ्तार में ट्रेन इस शख्स के ऊपर से गुज़रना शुरू कर देती है. एक एक करके इस एक्सप्रेस ट्रेन के इंजन समेत पूरी की पूरी ट्रेन चंद सेकेंडों में प्लेटफार्म से निकलने लगती है.

प्लेटफार्म पर खड़े मुसाफिरों ने मान लिया था कि ट्रेन के नीचे लेटा हुआ शख्स मर चुका होगा. लेकिन जैसे ही ट्रेन गुज़रती है ये शख्स खुद से ही उठ खड़ा होता है. लोगों की भीड़ हैरत भरी निगाहों से ट्रैक की तरफ देख रहीं थीं. सिर के ऊपर से मौत गुज़र गई मगर इस शख्स के मिजाज़ पर कोई फर्क ही नहीं पड़ा. उल्टा ये आराम से उठ खड़े होने के बाद ट्रैक पर चलने लगता है. हैरानी की बात ये थी कि पूरी की पूरी एक्सप्रेस ट्रेन गुज़र जाने के बाद भी इस शख्स के ऊपर एक खरोंच तक नही आई.

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मौके पर पहुंचकर आरपीएफ के जवान इसे थाने में ले गए. जहां इस सिरफिरे शख्स से पूछताछ में पता चलता है कि इस शख्स का नाम विश्वास गुलाब बनसोडे है जो कि खुद ही रेलवे कर्मचारी है. ये शख्स इगतपुरी रेलवे स्टेशन पर इलेक्ट्रिकल मेंटेनेंस डिपार्टमेंट में काम करता है. रेलवे कर्मचारी होकर ये शख्स खुद ही ट्रैक पर क्यों लेट गया. इसकी जानकारी नही मिल पाई है. फिलहाल आरपीएफ ने इस शख्स के परिवार वालो को बुलाकर उसे उनके हवाले कर दिया है और आगे की जांच की जा रही है.

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