4 AK-47, 3 SLR और 1200 कारतूस... झारखंड में 23 लाख के इनामी 9 नक्सलियों का हथियारों के साथ सरेंडर

झारखंड के लातेहार जिले में प्रतिबंधित संगठन झारखंड जन मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के 9 माओवादियों ने हथियार डाल दिए. इन नक्सलियों के सिर पर कुल 23 लाख रुपए का ऐलान किया गया था. इनके पास से बड़ी संख्या में हथियार और भारी मात्रा गोला-बारूद बरामद हुआ है.

Advertisement
लातेहार में आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में जोनल से लेकर एरिया कमांडर तक शामिल. (Photo: X/@JharkhandPolice) लातेहार में आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में जोनल से लेकर एरिया कमांडर तक शामिल. (Photo: X/@JharkhandPolice)

aajtak.in

  • रांची,
  • 01 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:48 PM IST

झारखंड में सुरक्षा बलों को नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता मिली है. प्रतिबंधित संगठन झारखंड जन मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के नौ माओवादी भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद के साथ आत्मसमर्पण कर दिया है. सरेंडर करने वालों में एक स्वयंभू जोनल कमांडर और चार सब-जोनल कमांडर शामिल हैं. इन सभी पर लाखों रुपए का इनाम घोषित था. ये लंबे समय से पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए थे.

Advertisement

लातेहार जिले में हुए सरेंडर को सुरक्षा बल केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं मान रहे, बल्कि उनका कहना है कि यह घटना झारखंड में माओवादी संगठन की रीढ़ तोड़ने वाला कदम साबित होगी. सरेंडर करने वाले नक्सलियों के सिर पर 23 लाख का इनाम घोषित था. इनमें सबसे चर्चित नाम जेजेएमपी के जोनल कमांडर रवींद्र यादव का है. इनके पास से हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद हुआ है.  

रवींद्र यादव पर 5 लाख रुपए का इनाम था. वो 14 मामलों में वांछित चल रहा था. उसने आत्मसमर्पण करते हुए अपने पास मौजूद दो एके-47 राइफल, तीन अन्य राइफल और 1241 जिंदा कारतूस पुलिस को सौंप दिए. इसके अलावा चार सब-जोनल कमांडरों ने भी सरेंडर किया. इनमें अखिलेश रवींद्र यादव (10 केस), बलदेव गंझू (9 केस), मुकेश राम (21 केस) और पवन उर्फ राम प्रसाद (3 केस) शामिल हैं. 

Advertisement

इन सभी के सिर पर तीन-तीन लाख रुपए का इनाम घोषित था. ये नाम पुलिस रिकॉर्ड में खूंखार अपराधियों की सूची में दर्ज थे और गांवों में दहशत का पर्याय बने हुए थे. सरेंडर की लिस्ट में चार एरिया कमांडर भी शामिल हैं. ध्रुव, विजय यादव, श्रवण सिंह और मुकेश गंझू नामक ये माओवादी कुल नौ मामलों में वांछित थे. इनके आत्मसमर्पण से स्थानीय स्तर पर नक्सली नेटवर्क लगभग ध्वस्त हो चुका है.

इस संगठन के बचे-खुचे तंत्र को भी बड़ा झटका लगा है. इस ऑपरेशन के 4 एके-47 राइफल, 3 एसएलआर और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया है. यह सरेंडर पुलिस के लिए बड़ी जीत है, क्योंकि लंबे समय से लातेहार का इलाका माओवादियों का गढ़ माना जाता रहा है. पुलिस का साफ कहना है कि यह आत्मसमर्पण केवल कानून की जीत नहीं है, बल्कि शांति की दिशा में अहम कदम है. 

बताते चलें कि इससे पहले भी बड़ी संख्या में नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के सामने हथियार डाले हैं. रविवार को प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन भाकपा (माओवादी) का सब-जोनल कमेटी सदस्य और एरिया कमेटी सदस्य गिरफ्तार गया था. उनके पास से एक पिस्टल, 11 कारतूस1, दो मैगजीन, दो वॉकी-टॉकी, डेटोनेटर और आईईडी जैसे विस्फोटक बनाने से संबंधित सामान बरामद किया गया था.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement