कर्नाटकः पोंजी घोटाले में 28 नवंबर तक CBI कस्टडी में रहेंगे पूर्व मंत्री रोशन बेग

आईएमए ने अपनी स्कीम में 14 से 18 फीसदी के भारी रिटर्न का वादा किया था, जिसके लालच में हजारों निवेशक फंस गए. यह कंपनी बेंगलुरु सहित कई जिलों में काम कर रही थी.

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कर्नाटक के पूर्व मंत्री रोशन बेग (फाइल फोटो) कर्नाटक के पूर्व मंत्री रोशन बेग (फाइल फोटो)

नागार्जुन

  • बेंगलुुरु,
  • 25 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 9:32 PM IST
  • रोशन बेग ने जमानत के लिए कोर्ट का रुख किया
  • 23 नवंबर को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था
  • कंपनी ने करीब 2000 करोड़ रुपये जुटा लिए थे

आई-मॉनेटरी एडवायजरी (IMA) पोंजी घोटाले में गिरफ्तार कर्नाटक के पूर्व मंत्री रोशन बेग 28 नवंबर तक सीबीआई कस्टडी में रहेंगे. वहीं, रोशन बेग ने जमानत के लिए कोर्ट का रुख किया है. उन्हें 23 नवंबर को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. रोशन बेग कांग्रेस विधायक थे, जिन्हें अयोग्य करार दिया गया था. 

बता दें कि पोंजी घोटाले के मुख्य आरोपी मोहम्मद मंसूर खान ने 2006 में आईएमए के नाम से एक कंपनी खोली थी. यह कंपनी बेंंगलुरु सहित कई जिलों में काम कर रही थी. कंपनी ने लोगों के साथ निवेश के नाम पर धोखाधड़ी शुरू कर दी थी.

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कंपनी पर आरोप था कि उसने लोगों को 14 से 18 फीसदी रिटर्न का लालच देकर पैसे निवेश कराए, लेकिन जब रिटर्न देने का वक्त आया तो कंपनी का मालिक मंसूर खान दुबई फरार हो गया. हालांकि, बाद में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उसे अरेस्ट कर लिया था. 

कैसे जुटाए पैसे

इस पोंजी स्कीम में कर्नाटक के अलावा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु के कई निवेशकों ने भी पैसा लगाया है. आई मॉनिटरी एडवाइजरी (आईएमए) असल में एक इस्लामी बैंकिंग और हलाल निवेश फर्म है जो शरिया के मुताबिक जायज निवेश और उस पर रिटर्न दिलाने का दावा करता था. इसलिए आईएमए ज्वेल्स में खासकर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बड़ी संख्या में निवेश किया.

आईएमए ने अपनी स्कीम में 14 से 18 फीसदी के भारी रिटर्न का वादा किया था, जिसके लालच में हजारों निवेशक फंस गए. इस तरह कंपनी ने करीब 2000 करोड़ रुपये जुटा लिए थे.

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