चोरी और ठगी की वारदातें हर दौर में होती रही हैं. लेकिन इस दौर में ये काम थोड़ा मुश्किल हो गया है. दिल्ली में ठगी की एक वारदात कैमरे में कैद हो गई. लेकिन इसके बावजूद जो चीज चोरी हुई, वही कैमरे से गायब है यानी पैसे. पुलिस ने बकायदा सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को खंगाला. स्लो-मोशन करके देखा. उसमें ठग तो दिख रहा है लेकिन चोरी हुए पैसे कैमरे की नजर से गायब थे. ये एक ऐसा मामला है, जिसमें सब कुछ आंखों के सामने होते हुए भी कुछ समझ नहीं आता.
इस मामले में पूरी वारदात कैमरे में तो कैद हुई, लेकिन ठग के हाथ की सफाई कुछ इतनी जबरदस्त थी कि चोरी किए गए नोटों के सिवाय सबकुछ नजर आया. और तो और स्लो-मोशन में सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखने के बावजूद चोरी तो समझ आई, लेकिन नोट नजर नहीं आए. अब जब ठग इतना शातिर हो, तो कोई लुटने से कैसे बच सकता है?
मामला दिल्ली के हरि नगर इलाके का है. जहां श्री साईं ज्वैलर्स नाम से गहनों की दुकान है. सुबह का वक्त था. दुकानदार संजय रोज की तरह अपनी सीट पर बैठे हुए ग्राहकों से बातचीत कर रहे थे. उन्हीं ग्राहकों में शामिल था एक शख्स जो सूट-बूट पहने, आंखों पर चश्मा और मुंह पर मास्क लगाए था. देख कर तो कोई भी उसे जेंटलमैन समझने की गलती कर सकता है. ज्वैलर संजय से भी यही गलती हुई. उसके साथ जो कुछ हुआ, उसका पता दुकानदार को शाम होने पर ही चला, जब वो दिन भर की दुकानदारी के बाद गल्ले का हिसाब-किताब पूरा कर रहा था.
सीसीटीवी फुटेज देखने पर वो किसी शरीफ आदमी की तरह दिखने वाला ठग था. उसने दुकानदार संजय को चपत लगाई और उसे पता भी नहीं चला. सीसीटीवी में कैद तस्वीरों को देखने पर पता चला कि ऐसे ठग कितने शातिर होते हैं, आंखों के सामने ही बंदे को लूट लेते हैं और लुटने वाले शख्स को पता ही नहीं चलता. और तो और कई बार इन ठगों की हाथ की सफाई इतनी जबरदस्त होती है कि सीसीटीवी कैमरे लगे होने के बावजूद तस्वीरें में इनकी करतूत कैद नहीं होती.
दिल्ली की इस वारदात की सीसीटीवी फुटेज को देखने पर पता चला कि वो सूटेड-बूटेड शख्स दुकान में पहुंचा और उसने पहले तो दुकानदार से कोका यानी नोजपिन दिखाने की मांग की. दुकानदार उसे नोजपिन दिखाता है और इसी बीच ठग बातों का सिलसिला शुरू कर देता है. बातों ही बातों में वो खुद को दुबई से आया हुआ बता कर अपने पास डॉलर होने का झांसा देता है और दुकानदार से इंडियन करेंसी दिखाने की मांग करता है. बीच-बीच में इंग्लिश के लफ्जों का इस्तेमाल मानों उसके प्रोफाइल को और भी हाई कर देता है. दुकानदार उसकी बातों में आ जाता है और सीधे अपनी तिजोरी खोल कर इंडियन करेंसी दिखाने के लिए 2-2 हजार रुपये की एक गड्डी निकाल लेता है.
ठग बातों ही बातों में उससे वो गड्डी ले लेता है और उसी की आंखों के सामने गड्डी पर लगा रबर बैंड भी हटा देता है. दुकानदार सामने ही बैठा है और सबकुछ उसकी आंखों के सामने ही हो रहा है, उसे इस शख्स पर एक बार भी शक नहीं होता. उधर, ये जेंटलमैन ठग नोटों की गड्डी ढीली कर पहले नोटों पर छपी गांधी जी की तस्वीरें दिखा कर उससे कुछ पूछता है और फिर बांये हाथ में नोट पकड़ कर दाएं हाथ से अपना फोल्डेबल पर्स उठा लेता है. फिर सही मौका मिलते ही वो काम कर जाता है. उसी फोल्डेबल पर्स के पीछे ही वो नोटों की गड्डी से कुछ नोट चुरा कर छिपा लेता है.
और बाकी नोट दुकानदार के हाथों में थमा देता है. आम तौर पर लोग किसी से नोट लेने या देने के बाद उन्हें गिनते जरूर हैं, लेकिन यहां भी ठग गजब का खेल करता है. दुकानदार को अपनी बातों में कुछ ऐसा फंसाता है कि वो ठग के हाथ वापस ली गई गड्डी दोबारा गिनना ही भूल जाता है और कुछ देर तक इधर-उधर की बातें करने के बाद उसे अपने पास रख लेता है. उधर, ठग पहले पर्स में छुपाए उन नोटों को पर्स के साथ ही पहले कोट की अंदर वाली जेब में सरका देता है और जब काम पूरा हो जाता है, तो पर्स कोट की बाहर वाली जेब में रखने लगता है. ताकि अगर बात बिगड़े तो वो पर्स निकाल कर अपनी ईमानदारी साबित कर सके.
बहरहाल, दुकानदार को अपने साथ हुई ठगी का कोई अहसास नहीं होता और वो ठग के कहने पर नोटों की दूसरी छोटी गड्डी फिर से इस ठग को दिखाने लगता है. हालांकि चूंकि अब ठग का काम पूरा हो चुका है, वो खुल्ले लाने की बात कह कर दुकानदार से बाहर निकल जाता है और दोबारा लौट कर नहीं आता.
इस वारदात की फुटेज स्लो-मोशन में बार-बार देखने पर पता चलता है कि ठग ने नोटों की गड्डी से कम से कम दो हजार रुपये के 4 नोट निकाल कर दुकानदार को नोटों की गड्डी वापस थमाई है. लेकिन हैरानी की बात ये है कि स्लो-मोशन में फ्रेम दर फ्रेम वीडियो देखने के बावजूद चुराए गए नोट दिखाई नहीं देते और ठग बड़े आराम से वो नोट अपनी फोल्डेबल पर्स के पीछे छुपाकर निकल जाता है.
दुकानदार संजय ने जब रात को कारोबार खत्म करने के बाद दिन भर का हिसाब किया, तो उसे अपने साथ हुई ठगी का पता चला. और फिर दिमाग पर जोर डालने के बाद उसकी तलाश इस सूट-बूट वाले ठग पर जाकर खत्म हुई. जिसने बातें तो बहुत की, लेकिन खरीददारी एक पैसे की नहीं की और उल्टा 8 हजार की चपत लगा कर रफूचक्कर हो गया.
शम्स ताहिर खान