देहरादून में त्रिपुरा के छात्र की हत्या... नस्लभेदी हमले पर पुलिस का बड़ा बयान, अब SIT करेगी जांच

देहरादून में त्रिपुरा के छात्र की हत्या के मामले में SIT का गठन किया गया है. पुलिस का दावा है कि अब तक की जांच में नस्लभेदी गाली-गलौज के कोई सबूत नहीं मिले हैं. वहीं, परिजन इसे नस्लीय हमले से जोड़ रहे हैं. फरार मुख्य आरोपी की तलाश तेज कर दी गई है.

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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा कि नस्लभेदी आरोप की पुष्टि नहीं हुई. (Photo: ITG/PTI) वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा कि नस्लभेदी आरोप की पुष्टि नहीं हुई. (Photo: ITG/PTI)

aajtak.in

  • देहरादून ,
  • 31 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:38 AM IST

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की हत्या के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. उत्तराखंड पुलिस ने इस संवेदनशील केस की जांच के लिए SIT का गठन किया है. हालांकि, पुलिस का कहना है कि अब तक की जांच में नस्लीय गाली-गलौज या नस्लभेदी हमले के कोई ठोस सबूत सामने नहीं आए हैं.

देहरादून के SSP अजय सिंह ने बताया कि ये घटना 9 दिसंबर को सेलाकुई इलाके में हुई थी. एंजेल चकमा एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी में MBA फाइनल ईयर का छात्र था. उस पर कुछ युवकों ने हमला किया था. 17 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद 26 दिसंबर को उसकी मौत हो गई. ये घटना एक शराब की दुकान के पास हुई थी.

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SSP के मुताबिक, यहां दो ग्रुप आमने-सामने आ गए. आपसी हंसी-मजाक को लेकर विवाद बढ़ा और बात झगड़े तक पहुंच गई. इस दौरान हुए जानलेवा हमले में एंजेल और उसका भाई माइकल चकमा घायल हो गए. पुलिस का दावा है कि अब तक की जांच में नस्लीय हिंसा या नस्लभेदी गालियों के आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है. 

खुद अनुसूचित जनजाति समुदाय के हैं दो आरोपी

पुलिस की शुरुआती पूछताछ में भी नस्लीय टिप्पणी का कोई उल्लेख नहीं है. सोशल मीडिया पर लगाए जा रहे आरोपों की भी जांच की गई है. हालांकि, शिकायतकर्ता ने आरोपियों पर जातिवादी गालियों के इस्तेमाल का आरोप लगाया था, लेकिन पुलिस का कहना है कि दो आरोपी खुद अनुसूचित जनजाति समुदाय से हैं. 

SIT पर निष्पक्ष, स्वतंत्र और पारदर्शी जांच का दबाव

पुलिस अधिकारी ने साफ किया कि किसी भी पहलू को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा. इस केस की जांच के लिए सर्किल ऑफिसर रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में SIT बनाई गई है. अब तक की पूरी जांच SIT को सौंप दी गई है, ताकि निष्पक्ष, स्वतंत्र और पारदर्शी जांच सुनिश्चित की जा सके. इस घटना से जुड़े CCTV फुटेज एकत्र कर लिए गए हैं.

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6 आरोपियों में से 5 को पुलिस ने हिरासत में लिया

सीसीटीवी फुटेज में करीब 40 से 50 सेकंड के भीतर भीड़भाड़ वाले इलाके में विवाद और झगड़ा होता दिख रहा है. पुलिस ने डिजिटल सबूत और स्थानीय लोगों के बयान भी दर्ज किए हैं. FIR में नामजद 6 आरोपियों में से 5 को हिरासत में लिया जा चुका है. इनमें दो नाबालिग हैं, जिन्हें सुधार गृह भेजा गया है, जबकि तीन न्यायिक हिरासत में हैं. 

मुख्य आरोपी फरार, सिर पर 1 लाख रुपए इनाम

मुख्य आरोपी यज्ञराज अवस्थी नेपाल का नागरिक है. वो वारदात के बाद से फरार है. पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए इनाम 25 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया है. उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया गया है. पुलिस का कहना है कि मुख्य आरोपी को बहुत जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

चकमा ब्रदर्स को चीनी मोमोज कहने का आरोप

एंजेल चकमा के पिता BSF में तैनात हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके बेटे पर नस्लभेदी टिप्पणियों के बाद हमला किया गया. उन्होंने बताया कि आरोपियों ने उन दोनों को चीनी मोमोज तक कहा, लेकिन पीड़ित ने जब खुद को भारतीय कहा, तो हमला बोल दिया. पुलिस का कहना है कि इन आरोपों के लिए कोई ठोस सबूत अब तक नहीं मिले हैं. 

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