पांच साल पहले पूरे देश को झकझोर देने वाले अंकित सक्सेना मर्डर केस में दोषियों के लिए सजा के ऐलान से संबंधित सुनवाई टल गई है. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में अब 31 जनवरी को सुनवाई के बाद दोषियों को सजा सुनाई जाएगी. कोर्ट ने इस मामले में दोनों पक्षों को अपना-अपना हलफनामा दाखिल करने के लिए 15 दिन का समय दिया है. दूसरी तरफ आज कोर्ट में अंकित के कातिलों ने मीडिया रिपोर्टिंग पर सवाल खड़े किए हैं. इसके साथ ही इस पर रोक लगाने की भी मांग की है.
तीस हजारी कोर्ट के एडिशनल सेशन जज सुनील कुमार शर्मा ने 23 दिसंबर 2023 को अंकित सक्सेना की गर्लफ्रेंड शहजादी के माता-पिता अकबर अली, शाहनाज बेगम और मामा मोहम्मद सलीम को दोषी ठहराया था. इन तीनों पर आरोप है कि उन्होंने अंकित और शहजादी के रिश्ते का विरोध किया था. उनके नहीं मानने पर दिल्ली के ख्याला इलाके में 23 वर्षीय अंकित सक्सेना पर चाकू से हमला करके हत्या कर दी थी. उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 34 के तहत केस दर्ज है.
जानकारी के मुताबिक, कोर्ट ने 6 जनवरी 2024 को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था. आज इस मर्डर केस में दोषी मोहम्मद सलीम की ओर से हलफनामा दाखिल किया गया, लेकिन उसे जेल अधीक्षक द्वारा प्रमाणित नहीं किया गया था. एक अन्य आरोपी अकबर अली के वकील ने भी कहा कि वो अपने मुवक्कील के हलफनामे में कुछ अतिरिक्त विवरण जोड़ना चाहते हैं, इसके लिए उन्हें कुछ समय चाहिए. इसके साथ ही वकील ने मीडिया रिपोर्टिंग पर आपत्ति जताते हुए कहा कि रोजाना रिपोर्ट किया जा रहा है.
वकील के मुताबिक, इस तरह से रोजाना मीडिया रिपोर्टिंग की वजह से दोषियों के अधिकार में बाधा आएगी. वो चाहते हैं कि मीडिया रिपोर्टिंग पर प्रतिबंध लगाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किया जाए. विशेष लोक अभियोजक ने दलील का विरोध करते हुए कहा कि यह केस खत्म हो चुका है. फैसला सुरक्षित है. किसी न्यायालय का निर्णय एक सार्वजनिक दस्तावेज़ की तरह होता है. इस मामले को मीडिया द्वारा रिपोर्ट किया जाना चाहिए. अदालत ने वकील से इस संबंध में अलग से आवेदन दायर करने के लिए निर्देश दिया है.
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23 वर्षीय अंकित सक्सेना फोटोग्राफर था. वो अपनी गर्लफ्रेंड शहजादी के साथ तीन साल से रिलेशन में था. लेकिन शहजादी के परिजन इस रिश्ते का विरोध कर रहे थे. क्योंकि दोनों अलग-अलग समुदाय से थे. वारदात वाले दिन गर्लफ्रेंड अपने घर से निकल गई थी. इससे बौखलाए उसके पिता अकबर अली, मां शहनाज बेगम और मामा मोहम्मद सलीम ने अंकित की हत्या कर दी थी. इसके बाद तीनों आरोपियों को कोर्ट ने आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत अपराध का दोषी ठहराया था.
23 दिसंबर 2023 को सुनाए गए 121 पेज के फैसले में कोर्ट ने शाहनाज बेगम को स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के आरोप में भी दोषी पाया था. अभियोजन पक्ष ने साबित किया कि आरोपी ने अंकित की मां पर भी हमला किया, जब वो अपने बेटे की रक्षा करने की कोशिश कर रही थीं. परिवार के सदस्य अपनी बेटी और अंकित के बीच दोस्ती या रिश्ते से नाखुश थे. कोर्ट ने कहा था कि यह साबित हो गया है कि दोस्ती के कारण परिवार के सदस्यों ने अपना निवास स्थान बदल लिया था, लेकिन जब दोनों के रिश्ते खत्म नहीं हुए तो 1 फरवरी, 2018 को सभी आरोपियों ने चाकू से अंकित का गला काटकर मार दिया. दिल्ली पुलिस की ओर से विशेष लोक अभियोजक विशाल गोसाईं और रेबेका मैमन जॉन पेश हुए.
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