झारखंड के गढ़वा के डंडई में फिल्म अभिनेता सोनू सूद को चाहने वाले एक युवक ने उनकी सलामती के लिए नवरात्रि के अवसर पर तीन दिन का व्रत रखा. ये युवक सोनू सूद को भगवान मानता है. उसका कहना है कि यदि सोनू सूद उसकी मदद न करते, तो वो ट्यूमर जैसी बीमारी का कभी इलाज नहीं करा पाता और ना हीं जीवत रहता. उसको नया जीवन सोनू सूद की वजह से मिला है.
डंडई प्रखंड के सोनहरा गांव के रहने वाले पप्पू यादव को जब पता चला, कि सोनू सूद कोरोना से संक्रिमित हो गए हैं, तो वह परेशान हो गया. उसने सोनू सूद की सलामती के लिए नवरात्रि में पूजा अर्चना शुरू कर दी. बताया गया है कि वह तीन दिन से अपने घर में है. पप्पू यादव ने सोनू सूद की सलामती और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना को लेकर तीन दिन का व्रत रखा हुआ है. उसने भगवान के बगल में सोनू सूद की तस्वीर भी लगा रखी है. उसका कहना है कि सोनू सूद भी उसके लिए भगवान ही हैं.
सोनू सूद ने दिया नया जीवन
पप्पू यादव ने बताया कि पिछले वर्ष लॉकडाउन के दौरान उसकी पीट पर ट्यूमर हुआ. उसने बहुत से डॉक्टर को दिखाया, जिसमें उसे लाखों रुपये का खर्चा बताया गया. यह ट्यूमर जानलेवा था, डॉक्टरों ने उससे साफ कहा कि ऑपरेशन नहीं कराया, तो उसकी जान पर बड़ा खतरा है. उसने सोनू सूद के बारे में सुना था, कि वे सबकी मदद करते हैं. बस इसी मदद की आशा में वह अपने एक मित्र के पास मुंबई जा पहुंचा. यहां उसने सोनू सूद से संपर्क करने का प्रयास किया. सोनू सूद के मैनेजर से उसकी मुलाकात हुई, जिसके बाद ये पूरा मामला सोनू सूद के संज्ञान में आया. इसके बाद सोनू सूद की मदद से वह बालासाहब ठाकरे अस्पताल में भर्ती करवाया गया. यहां उसका ऑपरेशन हुआ, जिसमें करीब 9 लाख रुपये का खर्चा आया. ये पूरा खर्चा फिल्म अभिनेता सोनू सूद ने उठाया. यही कारण है कि पप्पू यादव अब सोनू सूद को अपना भगवान मानता है.
पूरा परिवार बेचैन
सोनू सूद के कोरोना संक्रमित होने की खबर मिलने से पप्पू यादव का पूरा परिवार बेचैन है. पप्पू यादव के पिता ब्रह्मदेव यादव का कहना है कि जिसने उसके बेटे की जान बचाई, जो न जाने कितने गरीबों की मदद के लिए हर समय तैयार खड़ा रहता है, उसकी सलामती के लिए दुआ कर रहे हैं. वहीं ये कहते हुए उनकी आंखों से आंसू छलक उठते हैं. वहीं पप्पू यादव की मां का कहना है कि बेटा बीमार है, ऐसे में मां का हाल तो बुरा होगा ही. किसी काम में मन नहीं लगता. बेटा जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाए, ईश्वर से यही प्रार्थना है.
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सत्यजीत कुमार / चंदन कश्यप